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विप्पहाइय-विभंग संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
७४९ विप्पहाइय वि [विप्रभाजित] विभक्त । | विफुट्ट अक [वि + स्फुट] फटना । विप्पहीण । वि [विप्रहीण] रहित । । विफर देखो विप्फुर। विप्पहण ।
विबंधक वि [विबन्धक] विशेष रूप से बांधनेविप्पावग वि [दे] हास्य-कर्ता ।
वाला। विप्पिअ पुंन [विप्रिय] अप्रिय। अपराध । विबद्ध वि. विशेष बद्ध । माहित । °आरय वि [°कारक] अप्रिय-कर्ता । अप- विबाहग वि [वि बाधक] विरोधी, बाधक । राध-कर्ता।
विबुद्ध वि. जागृत। विप्पिडिअ वि [दे] नाशित ।
विबुध । (शौ) पुं [विबुध] देव । पण्डित । विप्पीइ स्त्री [विप्रीति] अप्रीति । विबुह °चंद पुं [°चन्द्र] एक जैनाचार्य । विप्पु स्त्री [विपुष्] बिन्दु, अवयव । °पहु पुं [प्रभु] इन्द्र । °पुर न. स्वर्ग । विप्पुअ वि [विप्लुत] उपद्रव-युक्त । विबुहेसर पुं [विबुधेश्वर] इन्द्र । विप्पुस पुंन. देखो विप्पु।
विबोह पुं [विबोध] जागरण । विप्पेक्ख सक [विप्र + ईक्ष् ] निरीक्षण | विबोहग देखो विबोहय । करना।
विबोहण न [विबोधन] ज्ञान कराना। विप्पोसहि स्त्री [विप्रौषधि] आध्यात्मिक- विबोहय वि [विबोधक] विकासक । ज्ञानशक्ति-विशेष, जिसके प्रभाव से योगी के विष्ठा | जनक। और मूत्र का बिन्दु ओषधि का काम | विब्बोअ पुं [विव्वोक] । देखो बिब्बोअ । करता है।
विभंग देखो विभंग। विप्फंद अक [वि + स्पन्द्] इधर-उधर
विन्भंत वि [विभ्रान्त] विशेष भ्रान्त । पुं. चलना, तड़फना।
प्रथम नरक का सातवाँ नरकेन्द्रक । विप्फरिस पुं[विस्पर्श] विरुद्ध स्पर्श । विब्भंस पुं [विभ्रंश] अतिपात, हिंसा । विप्फाडग वि [विपाटक] चीरनेवाला।
विन्भट वि [विभ्रष्ट] विशेष भ्रष्ट । विप्फाडिअ वि [दे. विपाटित] नाशित ।
विब्भम पुं [विभ्रम] विलास । स्त्री की शृंगार विप्फारिय वि [विस्फारित] विस्तारित ।
के अंग-भूत चेष्टा-विशेष। चित्त-भ्रम । विकासित।
श्रृंगार-सम्बन्धी मानसिक अशान्ति । विशेष विप्फाल सक पुं[दे] पूछना । प्रश्न ।
भ्रान्ति । संदेह । आश्चर्य । शोभा। भूषणों विप्फाल देखो विफाल।
का स्थान-विपर्यय । रावण का एक सुभट । विप्फालिय देखो विप्फारिय।
मैथुन, अब्रह्म । काम-विकार । विप्फुड वि [विस्फुट] स्पष्ट ।
विन्भल वि [विह्वल] व्याकुल । व्यासक्त । विप्फुर अक [वि + स्फुर्] होना । विकसना। पुं. विष्णु, नारायण ।
तड़फड़ना । फरकना, हिलना । विजृम्भना। | विब्भवण न [दे] ओसीसा । विप्फुल्ल वि [विफुल्ल] विकसित । विब्भाडिय वि [दे] नाशित । विप्फोडअ पुं [विस्फोटक] फोड़ा। विब्भार देखो वेभार। विफद देखो विप्फंद।
विभिडि [दे] मत्स्य को एक जाति । विफाल सक [वि + पाटय] विदारण करना । | विब्भेइअ वि [दे] सूई से विद्ध । उखाड़ना ।
| विभंग पुं [विभङ्ग] विपरीत अवधिज्ञान ।
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