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राजा।
विपणोल्ल-विप्पजहन्ना संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष विपणोल्ल सक [विप्र + नोदय ] प्रेरणा | विपिण देखो विविण । करना।
विपित्त वि [दे] विकसित । विपण्ण देखो विवण्ण = विपन्न ।
विपुल देखो विउल । °वाहण पुं ["वाहन विपत्ति देखो विवत्ति = विपत्ति ।
भारतवर्ष में होनेवाला बारहवां चक्रवर्ती विपत्थाविद (शौ) वि [विप्रस्तावित] जिसका प्रारम्भ किया गया हो वह ।
विप्प न [दे] पुच्छ । विपरामुस सक [विपरा+मृश्] समारम्भ | विप्प पुं [विप्र] ब्राह्मण । करना, हिंसा करना । पीड़ा उपजाना । हैरान | विप्प पु [विपुष, विप्र] मूत्र और विष्ठा के करना । अक. उत्पन्न होना । देखो विप्परा- |
क उत्पन्न द्रोना । देखो विप्परा- | बिन्दु । विष्ठा और मत्र । मस।
विप्पइट्ट देखो विप्पगिट्ट। विपराहुत्त वि [विपराङमुक्ष] अतिशय उदा- | विप्पइण्ण वि [विप्रकीर्ण] बिखरा हुआ। सोन ।
विप्पइर सक [विप्र+क] बिखेरना। विपरिकम्म न [विपरिकर्मन्] शरीर की | विप्पउंज सक [विप्र + युज्] विरुद्ध प्रयोग आकुञ्चन-प्रसारण आदि क्रिया।
करना । विशेष रूप से जोड़ना । विपरिकुंचि वि [विपरिकुञ्चिन्] विपरिकचित विप्पओअ । पुं [विप्रयोग] अलग, विरह । नामक वन्दन-दोषवाला ।
विप्पओग , विपरिकुंचिय देखो विप्पलिउंचिय। विप्पकड वि [विप्रकट] विशेष रूप से प्रकट । विपरिखल अक [विपरि + स्खल] स्खलित
विप्पकिर देखो विप्पइर। होना । भूल करना।
विप्पक्ख देखो विपक्ख । विपरिणम अक [विपरि + णम्] बदलना।
विप्पगब्भिय वि [विप्रगल्भित] अत्यन्त विपरीत होना।
धृष्ट । विपरिणय वि [विपरिणत] रूपान्तर-प्राप्त ।
विप्पगरिस पुं [विप्र कर्ष] दूरी, आसन्नता का विपरिणाम सक [विपरि + णमय] विपरीत
अभाव । करना । बदलवाना ।
विप्पगाल सक [नाशय, विप्र +गालय ] विपरिणाम [विपरिणाम] रूपान्तर प्राप्ति ।
नाश करना। उलटा परिणाम, विपरीत अध्यवसाय ।।
विप्पगिट्ठ वि [विप्रकृष्ट] दूरवर्ती । दीर्घ । विपरिधाव अक [विपरि +धाव] इधर-उधर
विप्पचय सक [विप्र + त्यज्] छोड़ना । दौड़ना।
विप्पच्चय पृ [विप्रत्यय] संदेह । वि. विपरियास देखो विप्परियास।
अविश्वसनीय । विपरिवसाव सक [विपरि+वासय] रखना।
विप्पजढ वि [विप्रहीण] परित्यक्त । विपरीअ देखो विवरीअ ।
विप्पजह सक [विप्र + हा] छोड़ देना । विपलाअ अक [विपरा+अय्] दूर भागना । विप्पजह न [विप्रहाण] परित्याग । °सेणिया विपल्हत्थ देखो विवल्हत्थ ।
स्त्री [श्रेणिका बारहवें जैन अंग-ग्रन्थ का विपस्सि वि [विदर्शिन्] देखनेवाला । एक परिकर्म-अंश-विशेष । विपाग देखो विवाग।
विप्पजहणा । स्त्री [विप्रहाणि] प्रकृष्ट विपिक्ख देखो विप्रोक्ख ।
विप्पजहन्ना , त्याग, परित्याग ।
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