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७२६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
वासर-वाहि वासर पुंन. दिवस।
। वासुदेव पुं. श्रीकृष्ण, नारायण । अर्ध-चक्रवासव पुं. इन्द्र । एक राजकुमार। केउ पुं। वर्ती । त्रिखण्ड भूमि का अधीश । [केतु] हरिवंश का राजा, जनक का पिता । वासुपुज्ज पुं [वासुपूज्य] भारतवर्ष में उत्पन्न °दत्त पुं. विजयपुर नगर का राजा । °दत्ता बारहवें जिन भगवान् । स्त्री. एक आख्यायिका । °धणु पुन [°धनुष्] | वासुली स्त्री [दे] कुन्द का फूल । इन्द्रधनुष । 'नयर न [°नगर]। °पुरी वाह सक [वाहय्] वहन कराना, चलाना। स्त्री. इन्द्र-नगरी । "सुअ पुं [°सुत] इन्द्र का वाह पुंस्त्री [व्याध] लुब्धक, बहेलिया । स्त्री. पुत्र, जयन्त ।
°ही। वासवदत्ता स्त्री. राजा चंड-प्रद्योत की पुत्री °वाह पुं. अश्व । जहाज । नौका । भारवहन । और वत्सराज उदयन की पत्नी ।
परिमाण-विशेष । आठ सौ आढ़क का एक वासवार पुं [दे] तुरग । श्वान।
मान । शाकटिक । °वाहिया स्त्री[°वाहिका] वासवाल पुंदे] श्वान ।
घुड़सवारी। वासस न [वासस्] वस्त्र ।
वाहगण पुं [दे] मन्त्री, अमात्य, प्रधान । वासा देखो वरिसा। रत्ति स्त्री. देखो | वाहड वि [दे] भूत, भरा हुआ। वरिसा-रत्त। °वास पुं. चतुर्मास में एक | वाहडिया स्त्री [दे] काँवर, बहँगी। स्थान में किया जाता निवास । °वासिय वि |
वाहण पुंन [वाहन] रथ आदि यान । जहाज, [°वार्षिक] वर्षाकाल-सम्बन्धी । हू पुं[°भू]
नौका । न. चलाना । शकट । भार लाद कर मेढक । वासाणिया स्त्री [दे. वासनिका] वनस्पति
चलाना । °साला स्त्री [°शाला] यान रखने
का घर । विशेष । वासाणी स्त्री [दे] रथ्या, मुहल्ला ।
वाणा स्त्री [दे] ग्रीवा । वासि स्त्री. देखो वासी।
वाहणा स्त्री [उपानह] जूता । वासिक । वि [वार्षिक] वर्षाकाल-भावी ।।
वाहणिय वि [वाहनिक] वाहन-सम्बन्धी । वासिक्क,
वाहणिया स्त्री [वाहनिका] वहन कराना, वासि? न [वाशिष्ठ] गोत्र-विशेष । पुंस्त्री. चलाना ।
उसमें उत्पन्न । स्त्री. 'ट्ठा, 'ट्ठी। वाहत्तुं देखो वाहर का हेकृ. । वासिट्ठिया स्त्री [वाशिष्ठिका] एक जैन मुनि- | वाहय वि [वाहक] चलानेवाला । शाखा।
वाहय वि [व्याहत] व्याघात-प्राप्त । वासित्तु वि [वर्षितृ] बरसनेवाला । | वाहर सक [व्या + ह] बोलना, कहना । वासिद । वि [वासित] निवासित । रखा | आह्वान करना। वासिय ) हुआ (अन्न आदि)बासी । सुगन्धित | वाहलार वि [दे. वात्सल्यकार] स्नेही । किया हुआ । भावित, संस्कारित ।।
सगा। वासी स्त्री. बसूला, बढ़ई का एक अस्त्र । मुह | वाहलिया । स्त्री [दे] क्षुद्र नदी, छोटा पुं [°मुख] बसूले के तुल्य मुंहवाला कीट, वाहली , जल-प्रवाह । द्वीन्द्रिय जन्तु ।
वाहा स्त्री [दे] वालुका । वासुइ । पुं [वासुकि] एक महा-नाग। वाहाया स्त्री [दे] वृक्ष-विशेष ।
वाहि देखो वाहर।
वासुगि।
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