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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
वागुर पुं [वागुरा ] मृग-बन्धन, जाल, फन्दा । वागुरि वि [ वागुरिन्, 'रिक] देखो वारिय वारिय |
वाघाइय वि [ व्याघातिक ] व्याघात से
उत्पन्न ।
वाघाइम वि [ व्याघातिम] व्याघात से होनेवाला | न. सिंह, दावानल आदि से होने वाली मौत |
वाघाय पुं [ व्याघात] स्खलना | विनाश |
प्रतिबन्ध | सिंह, दावानल आदि से अभिभव । वाघारिय वि [ व्याधारित] प्रलम्ब, लम्बा | वाघुण्णिय वि [ व्याघूर्णित ] दोलायमान । वाघेल पुं [दे] एक क्षत्रिय वंश । वाच देखो वाय = वाचय् । वाचय देखो वायग = वाचक |
वाज देखो वाय = व्याज ।
वाजि पुं [ वाजिन्] अश्व ।
वाणवाल पुं [दे] इन्द्र
औषध | आयुर्वेद का एक अंग ।
वाजीकरण न [ वाजीकरण] वीर्य वर्धक वाणहा देखो पाणहा, वाहणा = उपानह 1 वाणा देखो वायणा = वाचना । 'यरिअ पुं [चार्य ] अध्यापन करनेवाला शिक्षक । वाणारसी स्त्री [वाराणसी ] प्राचीन नगरी, 'बनारस' ।
वाड पुं [बाट] बाड । बाडवाली जगह । वृति आदि से परिवेष्टित गृह-समूह, रथ्या । वाडंतरा स्त्री [दे] कुटीर, झोपड़ा या झोपड़ी । 'वाडण देखो पाडण ।
वाडव पुं. वडवानल |
वाडम पुं [दे] पशु - विशेष, गण्डक, गेंड़ा । वाडिल्ल पुं [दे] कृमि, कीट | वाडी स्त्री [दे] बाड़ । वाडी स्त्री [वाटी] बगीचा !
वाढि पुं [दे] वणिक् सहाय, वैश्य - मित्र । वाण सक [वि + नम् ] नत होना ।
वागुर-वाणीर
तापस, तृतीय आश्रम में स्थित पुरुष | 'मंत, 'मंतर, 'वंतर पुंस्त्री [व्यन्तर ] देवों की एक जाति । स्त्री. 'री । 'वासिआ स्त्री [वासिका ] छन्द - विशेष ।
' वाण देखो पाण = पान । 'वत्त न [ ° पात्र ] पीने का प्याला ।
वाणय पुं [ दे] कंकण बनानेवाला शिल्पी । वाणर पुंन [वानर] बन्दर । विद्याधर मनुष्यों का वंश | वानर - वंश में उत्पन्न मनुष्य ।
उरी स्त्री [°पुरी] किष्किन्धा नामक नगरी | ° केउ पुं [° केतु] वानर-वंश का कोई भी राजा । 'दीव पुं [ द्वीप ] एक द्वीप |
वाडहाणग पुंन [वाटधानक] एक छोटा वाणि स्त्री देखो वाणी ।
गाँव | वि. उस गाँव का निवासी । वाडि° देखो वाडी = वाटी । वाडआ स्त्री [वाटिका ] बगीचा |
वाण वि [वान] वन में उत्पन्न, वन सम्बन्धी 'पत्थ, पत्थपुं [ प्रस्थ ]
वनवासी
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द्वय पुं [ध्वज ] हनूमान । 'वइ पुं[ पति ] सुग्रीव, रामचन्द्र का एक सेनापति । वारद पुं [ वानरेन्द्र ] वानर-वंशीय पुरुषों का राजा, वाली ।
वाणि देखो वणि= वणिज् । उत्त, पुत्त पुं [° पुत्र] वैश्य कुमार |
वाणिअं [ वाणिज] बनिया । एक गाँव | वाणि (अप) देखो वाणिज्ज । 'वाणि देखो पाणिअ = पानीय । वाणिज्जन [ वाणिज्य ] व्यापार । एक जैन मुनि - कुल |
वाणिज्जा स्त्री [ वणिज्या] व्यापार । वाणिज्जिय वि [वाणिजिक] व्यापारी ।
वाणी स्त्री. वचन, वाक्य । वाग्देवता, सरस्वती
देवी । छन्द - विशेष ।
'वाणी देखो पाणीअ । वाणीर पुं [दे] जम्बू वृक्ष ।
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