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६९० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
लदण-लवम लदण (मा) देखो रयण = रस्न ।
लया स्त्री [लता] वल्ली । भेद । तप-विशेष । लद्द सक [दे] भार भरना, बोझ डालना। चौरासी लाख लतांग-परिमित संख्या । यष्टि । लद्दी स्त्री [दे] हाथी आदि की विष्ठा। । °जुद्ध न [°युद्ध] एक तरह का युद्ध । लद्ध वि [लब्ध] प्राप्त ।
लयापुरिस पुं [दे] वह स्थान, जहाँ पद्म-हस्त लद्धि स्त्री [लब्धि] क्षयोपशम, ज्ञान आदि के स्त्री का चित्रण किया जाय ।
आवारक कर्मों का विनाश और उपशान्ति। लल अक [ल्ल, लड्] विलास करना, मौज सामर्थ्य-विशेष, योग आदि से प्राप्त होती करना। झूलना। विशिष्ट शक्ति । अहिंसा। प्राप्ति । इन्द्रिय ललणा स्त्री [ललना] स्त्री, महिला, नारी ।
और मन से होनेवाला विज्ञान, श्रुत ज्ञान का ललाड देखो णडाल। उपयोग । योग्यता । 'पुलाअ पुं [पुलाक] ललाम न [ललामन्] प्रधान, नायक । लब्धि-विशेष-सम्पन्न मुनि ।
ललिअ न [ललित] विलास, लीला । अंगलद्धिअ वि [लब्ध] प्राप्त ।
विन्यास-विशेष । प्रसन्नता । वि. क्रीडा-प्रधान, लद्धिल्ल वि [लब्धिमत्] लब्धि-युक्त । मौजी । शोभा-युक्त , सुन्दर । मधुर । अभिलढुं लभ का हेकृ ।
लषित । °मित्त पुं [°मित्र] सातवें वासुदेव लद्धण लभ का संकृ. ।
का पूर्वजन्मीय नाम। वित्थरा स्त्री लप्पसिया स्त्री [दे] लपसी, एक पक्वान्न । [विस्तरा] आचार्य श्रीहरिभद्रसूरि का एक लब्भ लभ का कृ.।
जैन ग्रन्थ । लभ सक [लभ प्राप्त करना ।
ललिअंग पुं [ललिताङ्ग] एक राज-कुमार । लय सफ [ला] ग्रहण करना । देखो ले = ललिअय न [ललितक] छन्द-विशेष । ला।
ललिआ स्त्री [ललिता] एक पुरोहित-स्त्री। लय म [दे] नव-दम्पति का आपस में नाम लल्ल वि [दे] सस्पृह । न्यून । लेने का उत्सव ।
लल्ल वि. अव्यक्त आवाजवाला । लय देखो लव लव।
लल्लक्क पुं. छठवीं नरक-पृथिवी का एक नरकलय पुं. श्लेष । मन की साम्यावस्था ।
स्थान । लीनता । तिरोभाव । संगीत का एक अंग,
लल्लक्क वि [A] भयंकर । पुं. ललकार । स्वर-विशेष ।
लल्लि स्त्री [दे] खुशामद । लय पुं. तन्त्री का स्वर--ध्वनि-विशेष । °सम
लल्लिरी स्त्री [दे] मछली पकड़ने का जाल । न. गेय काव्य का एक भेद ।
लव सक [ल] काटना । लय देखो लया। हरय न [गृहक] लता- लव सक [लप्] बोलना, कहना । गृह ।
लव सक [प्र+वर्तय] प्रवृत्ति कराना । लयंग न [लताङ्ग] संख्या-विशेष, चौरासी लव वि. वाचाट । लाख पूर्व ।
लव पुं. सात स्तोक, मुहूर्त का सतरहवाँ अंश । लयण वि [दे] कृश, क्षाम । मृदु । न. लता। थोड़ा। न. कर्म । सत्तम पुं [°सप्तम] लयण न [लयन] तिरोभाव, छिपना । अव- अनुत्तर-विमान निवासी देव, सर्वोत्तम देवस्थान । देखो लेण।
जाति । लयणी स्त्री [दे] लता, वल्ली।
लवअ पुं [ दे. लवक ] गोंव, लासा, घेप,
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