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मोलग-याव
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष मोलग पु [दे.मोलक] बाँधने का खूटा। से वश करना । वशीकरण मंत्र । काम का मोलि देखो मउलि।
एक बाण । प्रेम । मैथुन । वि. व्याकुल बनाने मोल्ल देखो मुल्ल।
वाला । मोहक । मोस पु [मोष]चोरी । चोरी का माल । मोहणिज्ज वि [मोहनीय] मोहजनक । न. मोस पुन [मृषा] झूठ, असत्य भाषण । मोह का कारण-भूत कर्म। मोसण वि [मोषण] चोरी करनेवाला। मोहणी स्त्री [मोहनी] एक महौषधि । मोसलि । स्त्री [दे. मुशली, मौशली] मोहर न [मौखर्य] वाचाटता, बकवाद । मोसली , वस्त्रादि निरीक्षण करते समय
मोहर । वि [मौखर] बकवादी । मूसल की तरह ऊँचे या नीचे भीत आदि स्पर्श करने का एक दोष ।
मोहरिअ ) वि [मौखरिक]। मोसा देखो मुसा।
मोहरिअ न [मौखर्य] वाचालता । मोह सक [मोहय] भ्रम में डालना। मुग्ध | मोहिणी स्त्री [मोहिनी] छन्द-विशेष । करना।
मोहिय वि [मोहित] मुग्ध किया हुआ । न. मोह देखो मऊह ।
| निधुवन, मैथुन । मोह वि [मोघ] निष्फल, निरर्थक । मिथ्या। मोहुत्तिय वि [मौतिक] ज्योतिष का ज्ञाता। मोह पु. मूढता । विपरीत ज्ञान । चित्त की | मौलिअ देखो मोरिय । व्याकुलता। राग । काम-क्रीड़ा। मूर्छा। म्मि अ. पाद-पूर्ति में प्रयुक्त अव्यय । मोहनीय कर्म।
म्मिव देखो इव । मोहण न [मोहन] मुग्ध करना । मन्त्र आदि । म्हस देखो भंस = भ्रंश् ।
य पुं. तालु-स्थानीय व्यञ्जन वर्ण-विशेष, | °यण्ण देखो कण्ण = कर्ण । अन्तस्थ यकार।
यत्तिअ वि [यात्रिक] यात्रा करनेवाला । य अ [च] हेतु-सूचक अव्यय । देखो च = अ यदावि अ [यद्यपि] अभ्युपगम-सूचक अव्यय, य देखो 'ज।
स्वीकार द्योतक निपात । °य वि [°द] देनेवाला ।
यन्नोवइय देखो जण्णोवईय । यउणा देखो जउणा।
यम देखो जम = यम । यंच सक [अञ्च] गमन या पूजा करना। °यर देखो कर = कर । यंत वि [यत] उद्योगी।
यल देखो तल = तल । यंद देखो चंद।
या देखो जा = या । °यक्क देखो चक्क ।
याण सक [ज्ञा] जानना । यड देखो तड = तट ।
याण देखो जाण = यान । यण देखो जण = जन ।
याल देखो काल। यणद्दण (अप) देखो जणद्दण।
याव (अप) देखो जाव = यावत् ।
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