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मिअ-मित्त
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष [°वादिन्] आत्मा आदि पदार्थों को परिमित , पुं. । हिव पुं [धिप] सिंह । माननेवाला।
मिगया । स्त्री [मृगया] शिकार । न. मिअ देखो मिव = इव ।
मिगव्व । [मृगव्य] । मिअ° देखो मिआ। ग्गाम पुं [ग्राम] मिगसिर देखो मगसिर। ग्राम-विशेष ।
मिगावई देखो मिआ-वई। मिअआ स्त्री [मृगया] शिकार ।
मिगी स्त्री [मृगी] हरिणी। विद्या-विशेष । मिअंक पुं [मृगाङ्क] चाँद । चन्द्र-विमान । पद न. स्त्री-योनि । इक्ष्वाकुवंश का राजा । °मणि पुं. चन्द्रकान्त | मिच्चु देखो मच्चु । मणि ।
| मिच्छ (अप) देखो इच्छ = इष् । मिअंग देखो मयंग - मृदंग ।
मिच्छ पुं [म्लेच्छ] यवन, अनार्य मनुष्य । मिअसिर देखो मगसिर ।
°पहु पुं [प्रभु] म्लेच्छों का राजा। °पिय मिआ स्त्री [मृगा] राजा विजय या बलभद्र की | न [प्रिय]प्याज, लशुन । हिव ' [धिप] पत्नी । उत्त, पुत्त पुं [पुत्र] राजा विजय | यवनों का राजा। का पुत्र । राजा बलभद्र का पुत्र, बलश्री। मिच्छ न [मिथ्य] असत्य वचन । वि. झूठा । °वई स्त्री [°वती] प्रथम वासुदेव की माता। । मिथ्यादृष्टि, तत्त्व का अश्रद्धालु। राजा शतानीक की पटरानी।
| मिच्छ देखो मिच्छा। "कार पुं. मिथ्या मिइ स्त्री [मिति] मान, परिमाण ।
करण । °त्त न [ °त्व ] सत्य धर्म का मिइ देखो मिउ = मृत् ।
अविश्वास । °द्दिट्ठि, “दिट्ठीय, द्दिट्ठि, मिइंग देखो मयंग = मृदंग ।
°द्दिट्टिय वि [°दृष्टि, क°] सत्य धर्म पर मिइंद देखो मइंद = मृगेन्द्र ।
श्रद्धा नहीं रखनेवाला, जिन-धर्म से भिन्न मिउ स्त्री [मृद्] मिट्टी।
धर्म माननेवाला। मिउ वि [मृदु] कोमल । मनोज्ञ ।
मिच्छा अ [मिथ्या असत्य । मिथ्यात्व-मोहमिचण न [दे] मीचना।
नीय कर्म । प्रथम गुण-स्थानक । °दंसण न मिज° स्त्री [मज्जा] हाड़ के बीच का
[°दर्शन] सत्य तत्त्व पर अश्रद्धा । असत्य मिजा अवयव-विशेष । मध्यवर्ती अवयव ।
धर्म । नाण न [°ज्ञान] विपरीत ज्ञान, मिजिय
अज्ञान । °सुअ न [°श्रुत] असत्य-मिथ्यामिठ , पुं [दे] हाथी का महावत । देखो दृष्टि-प्रणीत शास्त्र । मिठिल ) में।
मिज्ज अक [मृ] मरना। मिंढ पुंस्त्री [मेढ़] मेंढा, भेड़ । न. पुरुष-लिंग । मिज्झ वि [मेध्य] शुचि । "मुह पुं [°मुख] अनार्यदेश । न. एक नगर । मिट सक [दे] मिटाना, लोप करना। देखो मेंढ।
मिट्ठ वि [मिष्ट, मृष्ट] मीठा, मधुर । मिढिय पुं [मेण्ढिक] ग्राम-विशेष । मिण सक [मा, मी] परिमाण करना । नापना, मिग देखो मय = मृग । 'गंध पुं [°गन्ध] __ तोलना । जानना, निश्चय करना ।
युगलिक मनुष्य की जाति । 'नाह पुं मिणाय न. बलात्कार, जबरदस्ती । [नाथ] । °वइ पुं[°पति] सिंह । °वालुंकी | मिणाल देखो मुणाल। स्त्री [°वालुनी] वनस्पति-विशेष । °ारि | मित्त [मित्र] सूर्य। अनुराधा नक्षत्र का
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