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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष इन्द्र का एक लोकपाल । एक निधि, जो पाल। न. एक देवविमान । °णील न धातुओं की पूत्ति करता है। सातवीं नरक- [नील] रत्न-विशेष । वि. अति नील भूमि का नरकावास । पिशाच देवों की एक | वर्णवाला । °णुभाअ, °णुभाग वि [°अनुजाति । उज्जयिनी नगरी का जैन मन्दिर । भाग] । °णुभाव वि[°अनुभाव] महानुभाव, शिव । उज्जयिनी का एक श्मशान । श्रेणिक महाशय । 'तमपहा स्त्री [°तमःप्रभा] । का पुत्र । न. एक देवविमान । °काली स्त्री. °तमा स्त्री. सप्तम नरक-पृथिवी। तीरा एक विद्या-देवी । भ. सुमतिनाथ की शासन- स्त्री. नदी-विशेष । °तुडिय न [त्रुटित] देवी । श्रेणिक की एक पत्नी । °किण्हा स्त्री महात्रुटितांग को चौरासी लाख से गुणने पर [°कृष्णा ] एक महा-नदी । 'कुमुद, कुमुय जो संख्या हो । °दामट्टि पुं [°दामास्थि] । न [°कुमुद] एक देव-विमान । चौरासी लाख °दामड्ढि पुं [°दाद्धि ] ईशानेन्द्र के महाकुमुदांग की संख्या। कुमुयअंग न | वृषभ-सैन्य का अधिपति । दुम देखो [°कुमुदाङ्ग] कुमुद को चौरासी लाख से मह-दुम । न. एक देव-विमान । दुमसेण. गुणने पर जो संख्या हो । 'कूम्म पुं[°कूर्म] पुं [°द्रुमसेन] श्रेणिक का पुत्र जिसने महावीर कूर्मावतार । कुल न. श्रेष्ठ कुल । वि. उसमें के पास दीक्षा ली थी। °देव पु. श्रेष्ठ देव, उत्पन्न । गंगा स्त्री [°गङ्गा] परिमाण- जिन-देव । गौरी-पति । देवी स्त्री. पटरानी । विशेष । 'गह पुं [ग्रह] सूर्य आदि ज्यो- धण पुं [°धन] एक वणिक् । °धणु पुं तिष्क । 'गह वि [ आग्रह] हठी । °गिरि | [°धनुष्] बलदेव का एक पुत्र । 'नई स्त्री पुं. एक जैन महर्षि । बड़ा पर्वत । गोव पुं [°नदी] बड़ी नदी। नंदिआवत्त देखो ["गोप] महान् रक्षक । जिन भगवान् । °णंदियावत्त । नगर न. बड़ा शहर । 'नय °घोस पुं ['घोष] ऐरवत क्षेत्र के भावी पुं [°नद] ब्रह्मपुत्र आदि बड़ी नदी । जिनदेव । स्तनित कुमार देवों का उत्तर दिशा नलिण न [ नलिन] महानलिनांग को का इन्द्र । कुलकर पुरुष । परमाधार्मिक देव- चौरासी लाख से गुणने पर जो संख्या हो । जाति । न. देवविमान-विशेष । °चंद पुं एक देव-विमान । 'नलिणंग न [°नलि[°चन्द्र] ऐरवत वर्ष के भावी तीर्थकर । नाङ्ग] नलिन को चौरासी लाख से गुणने
जणि पुं [जनिक] सार्थवाह आदि नगर पर जो संख्या हो । निज्जामय पुं के गण्य-मान्य लोग । °जलहि पुं [जलधि]
[निर्यामक] श्रेष्ठ कर्णधार । निद्दा स्त्री महा-सागर । °जस पुं [ यशस्] भरत चक्र
[°निद्रा] मृत्यु । निनाद, निनाय वि वर्ती का पौत्र । ऐरवत क्षेत्र के चतुर्थ भावी [निनाद] प्रख्यात । निसीह न तीर्थकर-देव । वि. महान् यशस्वी । जाइ ['निशीथ] एक जैन आगम-ग्रन्थ । स्त्री [जाति] गुल्म-विशेष। जाण न °नीला स्त्री [°नीला] एक महानदी । [प्यान] बड़ा यान। चारित्र, संयम । एक "पउम पुं [°पद्म] भरतक्षेत्र का भावी प्रथम विद्याधर नगर । पुं. मोक्ष । जुद्ध न[°युद्ध] तीर्थकर । पुंडरीकिणी नगरी का राजा और बड़ी लड़ाई । जुम्म पुंन ['युग्म] महान् पीछे राजर्षि । भारतवर्ष का नवा चक्रवर्ती राशि । °ण देखो °यण। °णई स्त्री राजा । भरतक्षेत्र का भावी नववाँ चक्रवर्ती ["नदी] बड़ी नदी। °णंदियावत्त पुं राजा। एक राजा । एक निधि । एक द्रह । [°नन्द्यावर्त] घोष नामक इन्द्र का लोक- । श्रेणिक का एक पौत्र । देव-विशेष। वृक्ष
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