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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
भंगुर-भग अतिस का गाछ ।
| °वडेंसय न [वतंसक] मथुरा नगरी का भंगुर वि [भङ्गर] विनश्वर । कुटिल, वक्र । । उद्यान । °वण न [°वन] मथुरा का वन । भंछा देखो भत्था।
मथुरा का चैत्य । भंज सक [भन् ] भांगना, तोड़ना । भगाना। भंडु न [दे] मुण्डन । पराजय करना । विनाश करना ।
भंत वि [भ्रान्त] घुमा हुआ। भ्रान्ति-युक्त, भंजअ) वि [भञ्जक] भाँगनेवाला । भंग
| भूला हुआ। अपेत, अनवस्थित । पु. प्रथम भंजग ) करने वाला । पं. वृक्ष ।
नरक का तीसरा नरकेन्द्रक । भंजाविअ ) वि [भञ्जित] तुड़वाया हुआ। भंत वि [भगवत् भगवान्, ऐश्वर्य शाली । भंजिअ भगाया हुआ । आक्रान्त । भंत वि [भदन्त] कल्याण-कारक । पूज्य । भंड सक [भाण्डय् ] भंडारा करना । इकट्ठा | भंत वि [भजत्] सेवा करता। करना।
भंत वि [भात्, भ्राजत्] चमकता । भंड सक [भण्ड् ] भाँड़ना, गाली देना।
भंत वि [भवान्त] मुक्ति का कारण । भंड पुं [भण्ड] विट, भाँड़, बहुरूपिया, | भंत वि [भयान्त] भय-नाशक । निर्लज्ज ।
भंति स्त्री [भ्रान्ति] भ्रम, मिथ्या-ज्ञान । भंड न [दे] बैंगन । पुं. स्तुति-पाठक । मित्र । भंति (अप) स्त्री [भक्ति] भक्ति , प्रकार । दौहित्र । पुन. मण्डन, आभूषण । वि. छिन्न, | भंभल वि [दे] अप्रिय । मूर्ख, पागल । मूर्धा, सिर-कटा । न. क्षुर, छुरा । छुरे से भभसार पुं [भम्भसार] भगवान् महावीर के मुण्डन ।
परम भक्त मगधाधिपति श्रेणिक बिम्बसार । भंड । पुन [भाण्ड] बरतन, पात्र । बेचने
भंभा स्त्री |दे. भम्भा] वाद्य-विशेष, भेरी । भंडग की वस्तु । गृह, स्थान । घर का 'भाँ' 'भाँ' की आवाज । उपकरण ।
भंभी स्त्री [दे] असती, नीति-विशेष । भंडण न [दे. भण्डन] करह, गुस्सा।
भंस अक [भ्रंश ] नीचे गिरना । नष्ट होना। भंडवेआलिअ वि [भाण्डवैचारिक] करियाना
स्खलित होना। बेचनेवाला।
भंसग वि [भ्रंशक] विनाशक । भंडा स्त्री [दे] सम्बोधन-सूचक शब्द ।
भक्ख सक [भक्षय ] भक्षण करना, खाना । भंडाआर । ' [भाण्डागार] भंडार, कोठा, | भक्ख पुं [भक्ष्] भक्षण, भोजन । भंडागार ) बखार ।
भक्ख पुन [भक्ष्य] खण्ड-खाद्य, मिठाई । भंडागारि पुंस्त्री [भाण्डागारिन्] भंडारी, | भक्खग वि [भक्षक] भक्षण करनेवाला । भंडार का अध्यक्ष ।
भक्खर पुं [भास्कर सूर्य । अग्नि । अर्कभंडार देखो भंडागार ।
वृक्ष। भंडार पुं [भाण्डकार] बर्तन बनानेवाला । । भक्खराभ न. [भास्कराभ] गौतम गोत्र की भंडिअ पुं [भाण्डिक] भंडार का अध्यक्ष ।। शाखा । पुंस्त्री. उसमें उत्पन्न । भंडिआ स्त्री [भाण्डिका] स्थाली, थलिया। भग पुन. ऐश्वयं । रूप। श्री। यश । धर्म । भंडिआ। स्त्री [दे] गाड़ी। शिरीष वृक्ष । प्रयत्न । सूर्य । माहात्म्य । वैराग्य । मुक्ति। भंडी जंगल । असती, कुलटा । वीर्य । इच्छा । ज्ञान । पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र । भंडीर पुं [भण्डीर] शिरीष वृक्ष । °वडिंसय, स्त्री. योनि । पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का अधिष्ठाता
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