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________________ अणुरोह-अणुवलद्धि संक्षिष्ट प्राकृत-हिन्दी कोष योग्यता। अणुवक्ख वि [अनुपाख्य] नाम-रहित, अनिअणुरोह पुं [अनुरोध] प्रार्थना, दाक्षिण्य ।। र्वचनीय। अणुलग्ग वि [अनुलग्न] पीछे लगा हुआ । अणुवक्खड वि [अनुपस्कृत] संस्कार-रहित । अणुलद्ध वि [अनुलब्ध] पीछे से मिला हुआ । अणुवच्च सक [अनु + व्रज्] अनुसरण करना । फिर से मिला हुआ । अणवजीवि वि [अनुपजीविन्] अनाश्रित । अणुलाव पुं [अनुलाप] फिर-फिर बोलना ।। __ आजीविका-रहित । अणुलिप सक [अनु + लिप्] पोतना, लेप | अणुवजुत्त वि [अनुपयुक्त असावधान । करना । फिर से पोतना। अणुवज्ज सक [गम्] जाना। अणुलित्त वि [अनुलिप्त] लिप्त, पोता हुआ। | अणुवज्ज सक [दे] रोवा-शुश्रूषा करना । अणुलिह सक [अनु + लिह] चाटना । छूना । | अणुवट्ट देखो अणुवत्त = अनु + वृत् । अणुलेवण न [अनुलेपन] लेप, पोतना । अणुवड सक [अनु + पत्] अभिन्न होना । फिर से पोतना। अणुवडइ। अणुलेविय वि [अनुलेपित] लिप्त, पोता| अणुवडिअ वि [अनुपतित] पीछे गिरा हुआ । हुआ। अणुवत्त सक [अनु -- वृत्] अनुसरण करना । अणुलोम सक [अनुलोमय्] क्रम से रखना। सेवा-गुश्रूषा करना । अनुकूल बरतना । व्याकअनुकूल करना। रण आदि के पूर्व-सूत्र के पद का, अन्वय के अणुलोम न [अनुलोम] अनुक्रम, यथाक्रम । लिए नीचे के सूत्र में जाना । अणुलोम वि [अनुलोम] सीधा, अनुकूल । अणुवत्त वि [अनुवृत्त] अनुत्पन्न । अणुल्लग देखो अणुल्लय। | अणुवत्त वि [अनुवृत्त] अनुसृत, अनुगत । अणुल्लण वि [अनुल्बण] अनुद्धत, अनुद्भट । अनुकूल किया हुआ। प्रवृत्त । अणुल्लय पुं [अनल्लक] एक द्वीन्द्रिय क्षुद्र | अणुवत्तग वि [अनुवर्त्तक] अनुकूल प्रवृत्ति जन्तु । करनेवाला, सेवा करनेवाला। अणुल्लाव पुं [अनुल्लाप] खराब कथन, दुष्ट अणुवत्तग वि [अनुवर्तक] अनुसरण-कर्ता । उक्ति । अणुवत्तय देखो अणुवत्तग। अणुव पुं [दे] बलात्कार, जबरदस्ती। अणुवत्ति स्त्री [अनुवृत्ति] अनुसरण । अनुकूल अणुवइट्ट वि [अनुपदिष्ट] अ-कथित, अव्या- प्रवृत्ति । अनुगम । ख्यात । जो पूर्व-परम्परा से न आया हो। | अणुवम वि [अनुपम] उपमा-रहित, अद्वितीय । अणुवउत्त वि [अनुपयुक्त] असावधान। | अणुवमा स्त्री [अनुपमा] एक प्रकार का खाद्य अणुवएस पु [अनुपदेश] अयोग्य उपदेश । द्रव्य । उपदेश का अभाव । स्वभाव । अणुवय देखी अणुव्वध । अणुवओग वि [अनुपयोग] उपयोग-रहित । | अणुवय सक [अनु + वद्] अनुवाद करना, असावधानता। कहे हुए अर्थ को फिर से कहना । अणुवंक वि[अनुवक्र] अत्यन्त वक्र, बहुत टेढ़ा । | अणुवरय वि [अनुपरत] असंयत, अनिग्रही । अणुवंदण न [अनुवन्दन] प्रति-नमन, प्रति- | क्रिवि० निरन्तर, हमेशा। प्रणाम । अणुवलद्धि स्त्री अनुपलब्धि] अभाव, अणुवक्क देखो अणुवंक। अप्राप्ति । अभाव-ज्ञान । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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