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पुक्खलच्छिभग-पुड संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
५८७ पुक्खलच्छिभग । पुन [दे] जल में होने- | शिष्य, जो भविष्य में तीर्थकर होनेवाला है । पुच्छलच्छिभय । वाली वनस्पति । देखो अनुत्तर-देवलोकगामी जैन महर्षि । पोक्खलच्छिलय।
| पुट्ट वि [स्पृष्ट] छुआ हुआ । न. स्पर्श । पुक्खलावई स्त्री पुष्करावती, पुष्कलावती] | पुट्ठ वि [पृष्ट] पूछा हुआ। न. प्रश्न । महाविदेह वर्ष का विजय-प्रान्त । कूड पुन °लाभिय वि [°लाभिक] अभिग्रह-विशेष[ कूट] एक शैल पर्वत का शिखर । वाला (मुनि)। °सेणियापरिकम्म पुन पुक्खलावट्टय पुं [पुष्करावर्तक, पुष्कला- | [°श्रेणिकापरिकर्मन्] दृष्टिवाद का एक वर्तक] मेघ-विशेष ।
विषय । पुक्खलावत्त पुं [पुष्करावर्त, पुष्कलावर्त] | पुट्ठ वि [पुष्ट] उपचित । महाविदेह का एक विजय-प्रान्त । °कूड पुं| पुट्ठ देखो पिट्ठ - पृष्ठ । ["कूट] एकशैल पर्वत का शिखर । पुटव वि [स्पृष्टवत्] जिसने स्पर्श किया हो पुगारिया स्त्री [दे] वस्त्रादि खादक जन्तुविशेष ।
पुट्ठवई देखो पोट्ठवई। पुग्ग पुन [दे] वाद्य-विशेष ।
पुटुवया स्त्री [प्रोष्ठपदा] नक्षत्र-विशेष । पुग्गल पुं [पुद्गल] एक वृक्ष । न. एक फल ।
पुट्ठि स्त्री [पुत्र] पोषण, उपचय । अहिंसा, मांस ।
दया । °म वि [°मत्] पुष्टिवाला। पुं. भगवान् पुग्गल देखो पोग्गल । °परट्ट , परावत्त पुं
महावीर का एक शिष्य । [°परावर्त] देखो पोग्गल° परिअट्ट ।
| पुट्टि देखो पिट्टि = पृष्ठ । पुच्चड देखो पोच्चड ।
पुट्ठि स्त्री [पृष्टि] पृच्छा, प्रश्न । °य वि [°ज] पुच्छ सक [प्रच्छ्] पूछना, प्रश्न करना।
प्रश्न-जनित । पुच्छ देखो पुंछ = प्र + उञ्छ ।
पुट्ठि स्त्री [स्पृष्टि] स्पर्श । 'य वि [°ज]
स्पर्श-जनित । पुच्छ देखो पुंछ = पुच्छ । पुच्छअ) वि [प्रच्छक] पूछनेवाला, प्रश्न.
पुट्टिया स्त्री [पृष्टिका] प्रश्न से होनेवाली
__ क्रिया - कर्मबन्ध । पुच्छग , कर्ता । पुच्छणी स्त्री [प्रच्छनो] प्रश्न की भाषा ।।
पुट्टिया स्त्री [स्पृष्टिका] स्पर्श से होनेवाली पुच्छल (अप) देखो पु? = पृष्ट ।
क्रिया-कर्मबन्ध । पुच्छा स्त्री [पृच्छा] प्रश्न ।
पुट्ठिल देखो पोटिल। पुछल देखो पुच्छल ।
पुट्ठीया स्त्री [स्पृष्टीया] देखो पुट्ठिया = पुज्ज सक [पूजय] पूजना, आदर करना ।
स्पृष्टिका। पुज्ज देखो पूज = पूजय ।
पुट्ठीया स्त्री [पृष्टीया] पृच्छा से होनेवाली पुज्जा स्त्री [पूजा] पूजा, अर्चा ।
क्रिया--कर्मबन्ध । पुट्ट सक [प्र+उञ्छ्] पोंछना ।
पुड पुं [पुट] परिमाण-विशेष। पुटपरिमित पुट्ट न [दे] पेट ।
वस्तु । पुट्टल पुन [दे] गट्ठर, गाँठ।
पुड पुन [पुट] मिथः सम्बन्ध, परस्पर जोड़ान । पुट्टलिया स्त्री [दे] छोटी गठरी, पोटली। खाल, ढोल आदि का चमड़ा । सम्बद्ध दलपुट्टिल पुं [पोट्टिल] भगवान् महावीर का द्वय । ओषधि पकाने का पात्र । दोना ।
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