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पाहुड-पिअमा
संक्षिप्त प्रोकृत-हिन्दी कोष विशेष, परिच्छेद, अध्ययन । प्राभृत का का एक शिष्य । जाअ वि [°जाय] जिसको ज्ञान । पाहुड न [प्राभृत] ग्रन्थांश-विशेष, पत्नी प्रिय हो वह । 'जाआ स्त्री [°जाया] प्राभृत का भी एक अंश। प्राभृत-प्राभृत का प्रेम-पात्र पत्नी। दंसण वि [°दर्शन] ज्ञान । पाहुडसमास पुंन [°प्राभृतसमास] | जिसका दर्शन प्रीतिकर हो । पुं. देव-विशेष । अनेक प्राभृ त-प्राभृतों का ज्ञान । °समास °दसणा स्त्री [°दर्शना] भगवान् महावीर पुंन. अनेक प्राभृतों का ज्ञान ।
की पुत्री। धम्म वि [°धर्मन्] धर्म की पाहुड न [प्राभृत] कलह । दृष्टिवाद के पूर्वो श्रद्धावाला। पुं. श्री रामचन्द्र के साथ जैन
का अध्याय-विशेष । सावध कर्म । °छेय पुं दीक्षा लेनेवाला राजा । भाउग पुं [भ्रात] ["च्छेद]बारहवें अंग-ग्रन्थ के पूर्वो का प्रकरण
पति का भाई । °भासि वि [°भाषिन् प्रियविशेष । 'पाहुडिआ स्त्री [प्राभृतिका]
वक्ता । 'मित्त पुं [°मित्र] एक जैन मुनि, दृष्टिवाद का प्रकरण-विशेष ।
जो अपने पीछले भव में पाँचवाँ वासुदेव हुआ पाहुडिआ स्त्री [प्राभृतिका] दृष्टिवाद का छोटा
था । मेलय वि [°मेलक] प्रिय का मेलअध्याय । अर्चनिका, विलेपन आदि।
संयोग करानेवाला । न. एक तीर्थ । उय पाहुडिआ स्त्री [प्राभृतिका भेंट । जैन मुनि |
वि [°ायुष्क] जीवित-प्रिय । यग वि की भिक्षा का एक दोष, विवक्षित समय से
[यत, "त्मक] आत्म-प्रिय । पहले-मन में संकल्पित भिक्षा, उपहार रूप | पिअ देखो पीअ। से दी जातो भिक्षा ।
पिअ° देखो पिउ। हर न [°गृह] पिता का पाहुण वि [दे] बेचने की वस्तु ।
घर, पीहर। पाहुण पुं [प्राघुण] अतिथि ।
पिअआ देखो पिआ। पाहुणिअ पुं [प्राघुणिक] मेहमान ।
पिअइउ (अप) वि [प्रीणयितु] प्रीतिकर । पाहुणिअ पुं [प्राधुनिक] ग्रह-विशेष, ग्रहाधि
पिअउल्लिय (अप) देखो पिआ।
पिअंकर वि [प्रियंकर] अभीष्ट-कर्ता । पुं. ष्ठायक देव-विशेष । पाहुणिज्ज वि प्राहवनीय] प्रकृष्ट संप्रदान,
एक चक्रवर्ती राजा। रामचन्द्र के पुत्र लव जिसको दान दिया जाय वह ।
का पूर्व जन्म का नाम । पाहुण्ण न [प्राघुण्य] आतिथ्य ।
पिअंगु पुं [प्रियङ्ग] प्रियंगु का वृक्ष । ककुंदनी पाहेअ । न [पाथेय] रास्ते में व्यय करने का पेड़ । कंगु, मालकाँगनी का पेड़ । स्त्री. पाहेज्ज की सामग्री या भोजन ।
एक स्त्री का नाम । 'लइया स्त्री [°लतिका] पाहेणग (दे) देखो पहेण।
एक स्त्री का नाम । पि देखो अवि।
पिअंवय । वि [ प्रियंवद ] मधुर-भाषी । पिअ सक [पा] पीना।
पिअंबाइ ) [प्रियवादिन् । पिअ ' [प्रिय] पति । वि. इष्ट । °अम | पिअण न [दे] दूध । [°तम] कान्त । °अमा स्त्री [°तमा] पत्नी। पिअण न [पान] पीना । °अर वि [°कर] प्रीति-जनक । °कारिणी | पिअणा स्त्री [पृतना] जिसमें २४३ हाथी, स्त्री. भगवान् महावीर की माता का नाम, | २४३ रथ, ७२९ घोड़े और १२१५ प्यादें त्रिशला देवी.। 'गंथ पुं [°ग्रन्थ] एक प्राचीन | हों वह लश्कर । जैन मुनि, आचार्य सुस्थित और सुप्रतिबद्ध | पिअमा स्त्री [दे] प्रियंगु वृक्ष ।
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