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पालित्तिआ-पास संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष प्राचीन नगर पालिताणा।
एक सिद्धि। पालित्तिआ स्त्री [दे] राजधानी। मूलनीवी । पावद्धि देखो पारद्धि। भण्डार । भंगी, प्रकार ।
पावय देखो पाव = पाप । पालियाय देखो पारिय = पारिजात । पावय वि [प्रावृत] आच्छादित । पाली स्त्री. श्रेणि । देखो पालि ।
पावय पुंन [दे] वाद्य-विशेष । पाली स्त्री [दे] दिशा।
पावय देखो पावग - पावक । पालीबंध पूं[दे] तालाव, सरोवर ।
पावयण देखो पवयण । पालीहम्म न [दे] वृति, बाड़ ।
पावरअ देखो पावारय । पालेव पुं [पादलेप] पैर में किया हुआ लेप । | पावरण पुं [प्रावरण] एक म्लेच्छ जाति । न. पाव सक [प्र+आप्] प्राप्त करना।
वस्त्र । पाव देखो पव्वाल = प्लावय ।
पावरिय वि प्रोवृत] आच्छादित । पाव पुंन [पाप] अशुभ कर्म-पुद्गल, कुकर्म । पावस देखो पाउस। पापी, अधर्मी । कम्म न [°कर्मन्] अशुभ | पावा स्त्री [पापा] नगरी-विशेष । कर्म । 'कम्मि वि [ कमिन्] कुकर्म करने- पावाइ वि [प्रवादिन] वाचाट, दार्शनिक । वाला । दंड पुं[°दण्ड] नरकावास-विशेष । ।
| पावाइअ वि [प्रावाजिक] संन्यासी । °पगइ स्त्री [प्रकृति] अशुभ कर्म-प्रकृति । पावाइअ वि [प्रावादिक] देखो पावाइ।
यारि वि [°कारिन्] दुराचारी। °समण | पावाइअ ) वि [प्रावादुक] वाचाट, दार्शपुं [श्रमण] दुष्ट साधु । °सुमिण पुंन | पावादुय । निक । [°स्वप्न] दुष्ट स्वप्न । सुय न [ श्रुत]
पावार पुं [प्रावार] रुछावाला। मोटा दुष्ट शास्त्र ।
कम्बल । पाव पुं [दे] सर्प ।
पावारय देखो पारय = प्रावारक । पाव (अप) देखो पत्त = प्राप्त । पावंस वि [पापीयस् ] पापी, कुकर्मी।।
पावालिआ स्त्री [प्रपापालिका] प्याऊ पर
नियुक्त स्त्री। पावक्खालय न [दे. पापक्षालक] देखो |
| पावासु वि [प्रवासिन्] प्रवास करनेवाला । पाउक्खालय।
पाविअ वि [प्राप्त] लब्ध, मिला हुआ। पावग वि [पावक] पवित्र करनेवाला । पुं. पाविअ वि [प्रापित] प्राप्त करवाया हुआ। अग्नि ।
पाविअ वि [प्लावित] सराबोर किया हुआ । पावग वि [प्रापक] पहुँचानेवाला । पाविट्ठ वि [पापिष्ठ] अत्यन्त पापी । पावग देखो पाव = पाप ।
पावीढ देखो पाय-वीढ । पावज्जा (अप) देखो पव्वजा ।
पावीयंस देखो पावंस। पावडण देखो पाय-वडण = पाद-पतन । पावुअ वि [प्रावृत] आच्छादित । पावड्ढि देखो पारद्धि।
पावेस वि [प्रावेश्य] प्रवेश के लायक । पावण वि [पावन] पवित्र करनेवाला । | पावेस पुं [प्रावेश] वस्त्र के दोनों तरफ लटपावण न [प्लावन] पानी का प्रवाह । सरा- | कता रुंछा। बोर करना।
पास सक [ दृश् ] देखना । जानना । पावण न [प्रापण] प्राप्ति, लाभ । योग की | पास पुं [पार्श्व] वर्तमान अवसर्पिणी-काल के
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