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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष परियाय-परिवट्ट परियाय देखो पज्जाय अभिप्राय । प्रव्रज्या। परिरंभ सक [परि + रभ्] आलिंगन करना । ब्रह्मचर्य । जिन-देव के केवल-ज्ञान को उत्पत्ति परिरक्ख सक [परि + रक्ष्] परिपालन का समय । थेर पुं [°स्थविर] दीक्षा की करना । अपेक्षा से वृद्ध ।
परिरद्ध वि[परिरब्ध] आलिङ्गित । परियायतकरभूमि स्त्री [पर्यायान्तकृभूमि] परिरय पुं. परिधि, परिक्षेप । समानार्थक शब्द । जिन-देव के केवल ज्ञान की उत्पत्ति के समय | परिभ्रमण, फिर कर जाना। से लेकर तदनन्तर सर्व प्रथम मुक्ति पानेवाले परिरिख सक [परि+रिङ्ख्] चलना, फरके बीच के समय का आन्तर ।
कना, हिलना। परियार सक [परि+चारय] सेवा-शुश्रषा परिलग्ग वि [परिलग्न] लगा हुआ, व्याप्त । करना । सम्भोग करना।
परिलिअ वि [दे] लीन, तन्मय । परियार पुं[परिचार] मैथुन ।
परिली अक [परि + ली] लीन होना । परियारग वि [परिचारक] विषय सेवन परिली स्त्री [दे] आतोद्य-विशेष, एक तरह का
करनेवाला । सेवाशुश्रूषा करनेवाला । बाजा । परियारणया , स्त्री [परिचारणा] ऊपर परिलीण वि [परिलीन] निलीन । परियारणा । देखो। °सद्द पुं [शब्द] परिलेंत देखो परिली = परि + ली का वकृ. । विषय-सेवन के समय का स्त्री का शब्द । परिलोयण न परिलोचन, परिलोकन] परियाल देखो परिवार ।
अवलोकन, निरीक्षण । वि. देखनेवाला । परियालोयण न [पर्यालोचन] विचार, परिल्ल देखों पर :: पर । चिन्तन ।
परिल्लवास वि [दे] अज्ञात-गति । परियाव देखो परिताव = परिताप । परिल्ली देखो परिली = दे। परियावज्ज अक [ पर्या + पद् ] पीडित परिल्ली देखो परिली। होना । रूपान्तर में परिणत होना । सक. परिल्हस अक [परि + संस] गिर पड़ना। सेवना।
सरक जाना। परियावणा स्त्री [परितापना] परिताप, परिवइत्त वि [परिवजित] गमन करने में सन्ताप ।
समर्थ । परियावणिया स्त्री [परियापनिका] काला- परिवंकड (अप) वि [परिवक्र] सर्वथा टेढ़ा । न्तर तक अवस्थान, स्थिति ।
परिवंथि वि [परिपन्थिन्] विरोधी दुश्मन । परियावण्ण वि [पर्यापन्न] स्थित, अवस्थित । परिवंदण न [परिवन्दन] स्तुति, प्रशंसा । लब्ध, प्राप्त ।
परिवक्खिय देखो परिवच्छिय । परियावस सक [पर्या + वासय्] आवास परिवग्ग पुं [परिवर्ग] परिजन-वर्ग । कराना।
परिवच्छ न [दे] अवधारण । परियावसह पुं [पर्यावसथ] मठ, संन्यासी का परिवच्छिय देखो परिकच्छिय । स्थान ।
परिवज्ज सक [प्रति+पद्] स्वीकार करना । परियासिय वि [परिवासित] बासी रखा परिवज्ज सक [परि + वर्जय] परिहार हुआ।
करना, परित्याग करना। परिरंज सक [भञ्ज्] भांगना, तोड़ना। परिवट्ट देखो परिवत्त = परि + वर्तम् ।
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