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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष परिअड-परिकड्ढ परिअड सक [परि +अट]परिभ्रमण करना । | परिआरअ वि [परिचारक] सेवक, भृत्य । परिअडि स्त्री [दे] वृति, बाड़ । वि. मूर्ख । परिआल सक [वेष्टय] वेष्ट न करना, लपेटना । परिअड्डिअ वि [दे] प्रकटित ।
परिआल वि [दे] परिवृत, परिवेष्टित । परिअड्ढ अक [परि + वृध्] बढ़ना । परिआल देखो परिवार। परिअड्ढ सक [परि + वर्धय] बढ़ाना। परिआव देखो परिताव। परिअड्ढिअ वि [परिवधिन्, 'क] बढ़ाने- | परिआविअ सक [पर्या + पा] पीना। वाला।
परिआसमंत (अप) अ [पर्यासमन्तात् चारों परिअड्ढिअ वि [पर्याढ्यक] परिपूर्ण । ओर से। परिअड्ढिअ वि [परिकर्षिन्, °क] खींचने- परिइ सक [परि + इ] पर्यटन करना । वाला, आकर्षक ।
परिइण्ण वि [परिकीर्ण] व्याप्त । परिअड्ढिअ वि[परिकृष्ट] खींचा हुआ। परिइद (शौ) वि[परिचित] परिचय-विशिष्ट, परिअण पं परिजन परिवार । अनुचर। __ ज्ञात, पहचाना हुआ। परिअत्त देखो परिअंत - श्लिष् । परिउंब सक [परि +चुम्ब्] सर्वतः चुम्बन परिअत्त देखो परिअट्ट = परि + वृत् । करना। परिअत्त देखो परिअट्ट = परि + वर्तम् । परिउट्ठ वि [परितुष्ट] विशेष तुष्ट । परिअत्त देखो परिअद्र परिवर्त । परिउत्थ वि [दे] प्रोषित, प्रवास-गत । परिअत्त वि दे] प्रसृत, फैला हुआ। परिउसिअ वि [पर्युषित] बासी, ठण्ढा, भाफ परिअत्त वि [परिवृत्त] पलटा हुआ। निकला हुआ (भोजन)। परिअत्तण देखो परिअट्टण ।
परिऊढ विदे. परिगढ] क्षाम, कूश । परिअत्तमाणी स्त्री [परिवर्तमाना] वह कर्म- | परिऊरण न [परिपूरण] परिपूत्ति । प्रकृति जो अन्य प्रकृति के बन्ध या उदय को | परिएस देखो परिवेस = परि + विष् । रोक कर स्वयं बन्ध या उदय को प्राप्त | परिएस देखो परिवेस = परिवेश । होती है।
परिओस सक [परि +तोषय्] सन्तुष्ट करना, परिअत्ता स्त्री [परिवर्ता] ऊपर देखो। खुशी करना। परिअत्तिअ वि [परिवर्तित] मोड़ा हुआ। परिओस पुं [परितोष]आनन्द, सन्तोष । देखो परिअद्रिय।
| परिओस पुं दे. परिद्वेष] विशेष द्वेष । परिअर सक [परि + चर्] सेवा करना । परित देखो परी = परि + इ का वकृ. । परिअर वि [दे] निमग्न ।
| परिकंख सक [परि+काङ्क्ष] विशेष अभिपरिअर पुं [परिकर] कटि-बन्धन ।
लाषा करना । प्रतीक्षा करना। परिअर पुं [परिचर] भृत्य ।
परिकंद पुं [परिक्रन्द] आक्रन्द, चिल्लाहट । परिअरिय वि [परिकरित, परिवृत] परि- परिकंपि वि [परिकम्पिन्] अतिशय कॅपानेवार-युक्त । परिवेष्टित ।
वाला। परिअल सक [गम्] जाना, गमन करना। परिकच्छिय वि [परिकक्षित] परिगृहीत । परिअल ) पुंस्त्री [दे] थाल, थलिया, परिकट्टलिअ वि [दे] एकत्र पिण्डीकृत । परिअलि भोजन-पात्र ।
| परिकड्ढ सक [परि + कृष्] पार्श्व भाग में परिअल्ल देखो परिअल ।
खींचना । प्रारम्भ करना ।
गट बन्धन ।
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