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पबल-पभावग
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पबल वि [प्रबल] बलिष्ठ, प्रचण्ड, प्रखर । । नगरी का नाम । चन्द्र की एक अग्रमहिषी का पबाहा स्त्री प्रबाधा] विशेष पीड़ा । नाम । सूर्य की एक अनमहिषी का नाम । पबुद्ध वि [प्रवुद्ध] प्रवीण, निपुण । जागा पभंकरावई स्त्री [प्रभङ्करावती] विदेह वर्ष हुआ। जिसने अच्छी तरह जानकारी प्राप्त की एक नगरी । की हो वह ।
पभंगुर वि [प्रभङ्गर] अति विनश्वर । पबोध सक [प्र + बोधय] जागृत करना ।। | पभंजण पुं [प्रभञ्जन] वायुकुमार-निकाय के ज्ञान कराना।
उत्तर दिशा का इन्द्र । लवण-समुद्र के एक पबोहय देखो पबोध ।
पाताल-कलश का अधिष्ठायक देव । मानुषोत्तर पबोहय वि [प्रबोधक] प्रबोध-कर्ता । पर्वत के एक शिखर का अधिपति देव । पब्बल देखो पबल।
"तणअ ' [ तनय] हनूमान् । पब्बाल देखो पव्वाल = छादय् ।
पभंसण न [प्रभ्रंशन] स्खलना। पब्बाल देखो पव्वाल = प्लावय् ।
पभकत पुं [प्रभकान्त] विद्युत्कुमार देवों के पब्बुद्ध देखो पबुद्ध ।
हरिकान्त और हरिस्सह नामक दोनों इन्द्रों पब्भ वि [प्रह व] नम्र ।
के लोकपालों के नाम। पन्भट्ठ । वि [प्रभ्रष्ट] परिभ्रष्ट, प्रस्खलित, पभण सक [प्र+भण्] कहना, बोलना । पब्भसिअ ) चूका हुआ। विस्मृत । पं. | पभम सक [प्र+भ्रम् ] भ्रमण करना, नरकावास-विशेष ।
भटकना । पन्भार पुं [दे. प्रागभार संघात, समूह । । | पभव अक [ प्र+भू ] समर्थ होना, पहुँचना । पन्भार पुं[दे] पर्वत-कन्दरा।
होना, उत्पन्न होना। पब्भार पुं [प्राग्भार] प्रकृष्ट भार । ऊपर का | पभव मु [प्रभव] उत्पत्ति, जन्म, प्रसति, भाग । थोड़ा नमा हुआ पर्वत का भाग । एक | प्रसव । प्रथम उत्पत्ति का कारण । एक जैनदेश, एक भाग । उत्कर्ष, परभाग । पुन. पर्वत | मुनि, जम्बु-स्वामी का शिष्य । के ऊपर का भाग । वि. थोड़ा नमा हुआ। |पभवा स्त्री [प्रभवा] ततीय वासुदेव की पब्भारा स्त्री [प्राग्भारा] दशा-विशेष, पुरुष | पटरानी।
की सत्तर से अस्सी वर्ष तक की अवस्था । | पभा स्त्री [प्रभा] कान्ति, तेज । प्रभाव । पभूअ वि [प्रभूत] उत्पन्न ।
पभाइअ । पुंन [प्रभात] सुबह । वि. प्रकापभोअ पुं [दे. प्रभोग] भोग, विलास । पभाय ) शित । 'तणय वि [°संबन्धिन्] पभ पुं [प्रभ] हरिकान्त नामक इन्द्र का एक प्रभात-सम्बन्धी। लोकपाल । द्वीप-विशेष और समुद्र-विशेष का | पभार पुं [प्रभार] प्रकृष्ट भार । अधिपति देव ।
पभाव देखो पहाव = प्र + भावय् । °पभ वि [प्रभ] सदृश, तुल्य ।
पभावई स्त्री [प्रभावती] उन्नीसवें जिनदेव की °पभइ देखो °पभिइ।
माता का नाम । रावण को एक पत्नी का पभंकर पुं [प्रभङ्कर] ग्रह-विशेष, ज्योतिष
नाम । उदायन राजर्षि की पटरानी और चेड़ा देव-विशेष । पुन. देव-विमान ।
नरेश की पुत्री का नाम । बलदेव के पुत्र पभंकर वि [प्रभाकर] प्रकाशक ।
निषध की भार्या । राजा बल की पत्नी । पभंकरा स्त्री [प्रभङ्करा] विदेह-वर्ष की एक | पभावग वि [प्रभावक] प्रभाव बढ़ानेवाला,
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