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________________ ३६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अणुअत्तय-अणुक्खित्त अणुअत्तय वि [अनुवर्तक] अनुकूल आचरण न [ °दान ] करुणा से गरीबों को अन्न आदि करनेवाला, अनुसरण करनेवाला। देना। अणुअत्ति देखो अणुवत्ति। अणुकड्ढ सक [अनु + कृष्] खींचना । अनुअणुअर वि [अनुचर] सहायताकारी, सहचर, सरण करना । नौकर । अनुसरण-कर्ता। अणुकड्ढि स्त्री [अनुकृष्टि] अनुवर्तन, अनुअणुअल्ल न [दे] सुबह। सरण । अणुआ स्त्री [दे] लाठी। अणुकप्प पुं [अनुकल्प] बड़े पुरुषों के मार्ग अणुआर पुं [अनुकार] अनुकरण । | का अनुकरण । वि. महापुरुषों का अनुकरण अणुआस पुं [अनुकास] प्रसार, विकास । करनेवाला । अणुइअ पुंदे] चना। अणुकम पुं [अनुक्रम] परिपाटी । अणुइअ देखो अणुदिय। अणुकर सक [अनु + कृ] अनुकरण करना । अणुइण्ण वि [अनुकीर्ण] व्याप्त, भरा हुआ, अणुकह सक [अनु + कथय] अनुवाद करना, नहीं गिरा हुआ। पीछे बोलना। अणुइण्ण वि [अनुद्गीर्ण] बाहर नहीं निकला अणुकार ' [अनुकार] अनुकरण, नकल । हुआ। अणुकिइ स्त्री [अनुकृति] अनुकरण, नकल । अणुइण्ण देखो अणुचिण्ण। अणुकिण्ण वि [ अनुकीर्ण ] व्याप्त, भरा अणुइण्ण देखो अणुदिण्ण। अणुऊल वि [अनुकूल] अप्रतिकूल, प्रसन्न । अणुकित्तण न [अनुकीर्तन] वर्णन, प्रशंसा। अणुऊल सक [अनुकूलय] अनुकूल करना। अणुकित्ति देखो अणुकिइ । प्रसन्न करना। अणुकुइय वि [अनुकुचित] पीछे फेंका हुआ । अणुओअ ' [अनुयोग] व्याख्या, टीका, सूत्र ऊंचा किया हुआ। का विस्तार से अर्थ-प्रतिपादन । पृच्छा। अणुकुण सक [अनु + कृ] अनुकरण करना । अणुओइय वि [अनुयोजित] प्रवर्तित, प्रवृत्त अणुकूल देखो अणऊल। कराया हुआ। अणुक्कंत वि [अन्वाकान्त] आचरित, अणुओग देखो अणुओ। अनुष्ठित । अणुओग पुं [अनुयोग] सम्बन्ध । अणुक्कंत वि [अनुक्रान्त] आचरित, विहित, अणुओगिअ वि [अनुयोगिक] दीक्षित मुनि- | अनुष्ठित । शिष्य । अणुक्कम सक [अनु + क्रम्] क्रम से कहना । अणुओयण न [ अनुयोजन ] सम्बन्धन, अतिक्रमण करना । जोड़ना । अणुक्कम देखो अणुकम। . अणुकंप सक [अनु + कम्प्] दया करना। अणुक्कमण न [अनुक्रमण] गमन, गति । भक्ति करना । हित करना । अणुक्कुइअ वि [अनुकुचित] थोड़ा संकुचित । अणुकंप वि [अनुकम्प्य] अनुकम्पा के योग्य । अणुक्कोस पुं [अनुक्रोश] क्या । अणुकंप । वि [अनुकम्प] दयालु, करुण । अणुक्कोस पं [अनुत्कर्ष] उत्कर्ष का अभाव । अणुकंपय , भक्त । _ वि. उत्कर्षरहित । अणुकंपा स्त्री [अनुकम्पा] ऊपर देखो । °दाण | अणुक्खित्त वि [अनुत्क्षिप्त] ऊँचा न किया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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