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पणिअ-पण्णत्ति संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
५२७ °घर न [गह] दूकान । °साला स्त्री. । पणुल्ल देखो पणोल्ल । [शाला] °हाट। °ावण पुं [पण] | पणुवीस स्त्रीन [पञ्चविंशति] पचीस की दूकान ।
संख्या । जिनकी संख्या पचीस हो वे । पणिअ वि [प्रणीत] सुन्दर । भूमि स्त्री. पणुवीसइम वि [पञ्चविंशतितम] पच्चीसवां । मनोज्ञ भूमि ।
पणोल्ल सक [प्र+णुद्] प्रेरणा करना। पणिअट्ठ वि [पणितार्थ चोर ।
- फेंकना । नाश करना। पणिअसाला स्त्री [पण्यशाला] गोदाम । पणोल्लय वि [प्रणोदक] प्रेरक । पणिआ स्त्री [दे] करोटिका । खोपड़ी। पणोल्लि वि [प्रणोदिन्] प्रेरणा करनेवाला । पणिदि । वि [पञ्चेन्द्रिय ] त्वक्, जीभ, पुं. प्राजन दण्ड, बैल इत्यादि हाँकने की पणिदिय , नाक, आँख और कान-इन पाँचों लकड़ी। इन्द्रियों वाला प्राणी।
| पण्ण वि [प्रज्ञ] जानकार, दक्ष, निपुण । पणिद्ध वि [प्रस्निग्ध विशेष स्निग्ध । पण्ण वि [प्राज्ञ] प्रज्ञावाला, बुद्धिमान्, दक्ष । पणिधाण देखो पडिहाण।
वि. प्राज्ञ-सम्बन्धी। पणिधि पुंस्त्री [प्रणिधि] माया, छल । देखो | पण्ण न [पर्ण] पत्ता, पत्ती । पणिहि।
पण्ण देखो पणिअ = पण्य । पणियत्थ वि [प्रणिवसित] पहना हुआ। पण्ण स्त्रीन [दे] पचास । पणिलिअ वि [दे] हत, मारा हुआ। पण्ण देखो पंच, पण °र । रस त्रि. ब. पणिवइअ वि [प्रणिपतित] नत, नमा हुआ। [°दशन्] पनरह। रसम वि [°दश] जिसको नमस्कार किया गया हो वह । पनरहवाँ । °रसी स्त्री [°दशी] पनरहवीं । पणिवय सक [प्रण + पत्] नमन करना, | तिथि-विशेष । °रह देखो रस। °रह वि वन्दन करना।
[°दश] पनरहवाँ । देखो पन्न = पंच । पणिवाय पुं [प्रणिपात] वन्दन, नमस्कार । । पण्ण वि [पार्ण] पर्ण-सम्बन्धी, पत्ते का । पणिहा सक [प्रणि + धा] एकाग्र चिन्तन पण्ण" देखो पण्णा । "व वि [°वत्] प्रज्ञाकरना ध्यान करना। अपेक्षा करना। वाला। अवधान करना। अभिलाषा करना । चेष्टा पण्णई [पन्नगा] भगवान् धर्मनाथ की शासनकरना, प्रयत्न करना । प्रयोग करना। देवी। पणिहि पुंस्त्री [प्रणिधि] एकाग्रता, अवधान । पण्णग [पन्नग] सर्प । °ासन पुं [शन] कामना । पुं. चरपुरुष, दूत । चेष्टा, व्यापार । गरुड़ पक्षी। रिउ पुं [°रिपू] गरुड माया, कपट । व्यवस्थापन । बड़ा निधि ।। पक्षी। पणिहिय वि [प्रणिहित] प्रयुक्त व्याप्त । | पण्णग वि [दे. पन्नक] दुर्गन्धी। तिल पुं. व्यवस्थित ।
दुर्गन्धी तिल । पणीय वि [प्रणीत] निर्मित, कृत । स्निग्ध, | पण्णाट्ठ स्त्री [पञ्चषष्टि] पंसठ । घृत आदि स्नेह की प्रचुरतावाला । निरूपित, | पण्णत्त वि [प्रज्ञप्त] निरूपित, उपदिष्ट, प्ररूपित, आख्यात । सुन्दर। सम्यग् | कथित । प्रणीत, रचित । आसेवित । आचरित ।
पण्णत्ति स्त्री [प्रज्ञप्ति] विद्यादेवी-विशेष । पणीहाण देखो पणिहाण।
प्रकृष्ट ज्ञान । जिससे प्ररूपण किया जाय वह ।
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