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पच्चह-पच्छा संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी के ष
५०७ पच्चूह पुन [प्रत्यूह] विघ्न ।
देखो पच्छा = पश्चात् । पच्चह पं [दे] सूर्य ।
| पच्छइ ? (अप) अ [पश्चात्] ऊपर देखो। पंच्चेअ न [प्रत्येक] हर एक ।
पच्छए J °ताव पुं [°ताप] अनुताप । पञ्चेड न [दे] मुसल।
पच्छंद सक [गम्] जाना, गमन करना। पच्चेल्लिउ (अप) देखो पच्चल्लिउ । पच्छंभाग पुं [पश्चाद्भाग] दिवस का पिछला पच्चोगिल सक [प्रत्यव + गिल्] आस्वादन | । भाग । पुंन. चन्द्र पृष्ठ देकर जिसका भोग करना ।
करता है वह नक्षत्र । पच्चोणामिणी स्त्री [प्रत्यवनामिनी] विद्या- | पच्छण स्त्रीन [प्रतक्षण] त्वक् का बारीक विशेष जिसके प्रभाव से वृक्ष आदि फल देने | विदारण, चाकू आदि से पतली छाल के लिए स्वयं नीचे नमते हैं।
निकालना। पच्चोणियत्त वि [प्रत्यवनिवृत्त] ऊँचा उछल पच्छण्ण वि [प्रच्छन्न] गुप्त, अप्रकट । °पइ कर नीचे गिरा हुआ।
पुं [°पति] जार । पच्चोणिवय अक [प्रत्यवनि + पत्] उछल | पच्छद देखो पच्छय । कर नीचे गिरना।
पच्छदण न [प्रच्छदन] आस्तरण, चादरपच्चोणी [दे] देखो पच्चोवणी ।
शय्या के ऊपर का आच्छादन वस्त्र । पच्चोयड न [दे] तट के समीप का ऊंचा
पच्छय पुं [प्रच्छद] दुपट्टा, पिछौरी । प्रदेश । वि. आच्छादित ।
पच्छ्यण देखो पत्थयण । पच्चोयर सक [प्रत्यव + तृ] नीचे उतरना ।
पच्छलिउ (अप) देखो पच्चलिउ । पच्चोरुभ , सक [प्रत्यव + रुह ] नीचे पच्चोरुह । उतरना।
पच्छा अ [पश्चात्] अनन्तर । परलोक । परपच्चोवणिअ वि [दे] सम्मुख आया हुआ ।
जन्म । पिछला भाग, पृष्ठ । चरम, शेष । पच्चोवणी स्त्री [दे] सम्मुख आगमन ।
पश्चिम दिशा । °उत्त वि [ आयुक्त] जिसका
आयोजन पीछे से किया गया हो वह । °कड पच्चोसक्क अक [प्रत्यव + ष्वक् ] नीचे
पुं [कृत] साधुपन को छोड़कर फिर गृहस्थ उतरना । पीछे हटना ।
बना हुआ। कम्म देखो °पच्छकम्म । पच्छ सक [प्र+अर्थय] प्रार्थना करना।
णुताव पुं [ अनुताप] पश्चात्ताप । पच्छ वि [पथ्य] रोगी का हितकारी आहार। °णुपुव्वी स्त्री [°आनुपूर्वी] उलटा क्रम । हितकारक ।
°ताव पुं [°ताप] अनुताप । °ताविय वि पच्छ न [पश्चात् चरम, शेष । पीछे, पृष्ठ [°तापिक] पश्चात्तापवाला । °निवाइ वि भाग । पश्चिम दिशा । °ओ अ [°तस्]
[निपातिन्] पीछे से गिर जानेवाला । चारित्र पीछे, पीठ की ओर । कम्म न [°कर्मन्] बाद ग्रहण कर बाद में उससे च्युत होनेवाला । की क्रिया । यसियों की भिक्षा का एक दोष,
°भाग पुं पिछला भाग । °मुह वि [°मुख दातृ कर्तृक दान देने के बाद की पात्र को | पराङ्मुख, जिसने मुंह पीछे की तरफ फेर साफ करना आदि क्रिया । °त्ता पुं[ताप] | लिया हो वह। °यव, याव देखो ताव । अनुताप। °द्ध न [अर्ध] उत्तरार्ध ।। यावि वि [°तापिन्] पश्चात्ताप करनेवाला । वत्थुक्क न [°वास्तुक] घर का पिछला °वाय पुं[°वात] पश्चिम दिशा का पवन । हिस्सा । “याव पुं । ताप ] पश्चात्ताप ।। पीछे का पवन । °संखडि स्त्री [दे. संस्कृति]
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