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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
पउज्ज-पउम
पउज्ज देखो पउंज।
। गुणने पर जो संख्या लब्ध हो वह । गन्धपउट्ट अ [परिवृत्य] मार कर । °परिहार पुं. द्रव्य-विशेष । सुधर्मा सभा का एक सिंहासन । मर कर फिर उसी शरीर में उत्पन्न होकर उस | दिन का नववाँ मुहूर्त । दक्षिण-रुचक-पर्वत का शरीर का परिभोग करना।
एक शिखर । पुं. रामचन्द्र । आठवाँ बलदेव, पउट्ट वि [परिवर्त] परिवर्त, मर कर फिर श्रीकृष्ण के बड़े भाई । इस अवसर्पिणीकाल में
उसी शरीर में उत्पन्न होना । परिवर्तवाद ।। उत्पन्न नवा चक्रवर्ती राजा राजा पद्मोत्तर पउट्ठ वि [प्रवृष्ट] बरसा हुआ।
का पुत्र । एक राजा का नाम । माल्यव नामक पउट्ठ पुं [प्रकोष्ठ] हाथ का पहुँचा, कलाई पर्वत का अधिष्ठाता देव । भरतक्षेत्र में और केहुनी के बीच का भाग।
आगामी उत्सर्पिणी में उत्पन्न होनेवाला पउदृ वि [प्रजुष्ट] विशेष सेवित । न. अति आठवाँ चक्रवर्ती राजा । भरत क्षेत्र का भावी उच्छिष्ट ।
आठवाँ बलदेव । चक्रवर्ती राजा का निधि पउट्ठ वि [प्रद्विष्ट] द्वेष-युक्त ।
जो रोग-नाशक सुन्दर वस्त्रों की पूर्ति पउढ न [दे] गृह । पुं. घर का पश्चिम प्रदेश ।
करता है। राजा श्रेणिक का एक पौत्र । पउण अक [प्रगुणय] तन्दुरुस्त होना, नीरोग
एक जैन मुनि का नाम । एक ह्रद । होना।
पद्मवृक्ष का अधिष्ठाता देव । महापद्म नामक पउण पुं [दे] व्रण-प्ररोह । नियम-विशेष ।
जिनदेव के पास दीक्षा लेनेवाला एक पउण वि [प्रगुण] पटु, निर्दोष ।
राजा, एक भावी राजर्षि । गुम्म न पउणाड पुं [प्रपुनाट] पमाड का पेड़, चकवड़ ।। [°गुल्म] आठवें देव-लोक में स्थित एक देवपउत्त अक [प्र + वृत्] प्रवृत्ति करना। विमान का नाम । प्रथम देवलोक में स्थित पउत्त वि [प्रयुक्त] जिसका प्रयोग किया गया एक देव-विमान का नाम । पुं. राजा श्रेणिक हो वह । न. प्रयोग।
का एक पौत्र । एक भावी राजर्षि, महापद्म पउत्त पुं [पौत्र] लड़के का लड़का, पोता। नामक जिनदेव के पास दीक्षा लेनेवाला एक पउत्त न [प्रतोत्र] प्राजन, चाबुक, पैना। राजा । °चरिय न [°चरित] राजा रामचन्द्र पउत्त वि [प्रवृत्त] जिसने प्रवृत्ति की हो वह । । की जीवनी -- चरित्र । प्राकृत भाषा का एक पउत्ति स्त्री [प्रवृत्ति] प्रवर्तन । वृत्तान्त । कार्य । प्राचीन ग्रन्थ, जैन रामायण। णाभ [°नाभ]
वाउय वि [°व्यापृत] कार्य में लगा हुआ। वासुदेव, विष्णु । आगामी उत्सर्पिणीकाल में पउत्ति स्त्री [प्रयुक्ति] बात, हकीकत । भरतक्षेत्र में होनेवाला प्रथम जिन-देव का पउत्तु [प्रयोक्तृ] प्रयोग-कर्ता। प्रेरणाकर्ता । नाम । कपिल-वासुदेव के एक माण्डलिक राजा कर्ता, निर्माता।
का नाम । “दल न. कमल-पत्र । 'दह पुं पउत्थ न [दे] घर । वि. प्रवास में गया [°द्रह] विविध प्रकार के कमलों से परिपूर्ण हुआ । °वइया स्त्री [°पतिका] जिसका पति एक महान् ह्रद का नाम । °द्धय पुं [ध्वज] देशान्तर गया हो वह स्त्री।
एक भावी राजर्षि जो महापद्म नामक जिनपउद्दव्व पउंज का कृ. ।
देव के पास दीक्षा लेगा । 'नाह देखो °णाभ। पउप्पय देखो पओप्पय।
°पुर न. एक दक्षिणात्य नगर जो आजकल पउम न [पद्म] सूर्य-विकासी कमल । देव- 'नासिक' नाम से प्रसिद्ध है। °प्पभ पुं विमान-विशेष । 'पद्मांग' को चौरासी लाख से | [प्रभ] इस अवसर्पिणीकाल में उत्पन्न षष्ठ
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