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धणंजय-धण्णाउस संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
४८१ एक जैन मुनि । गोव पुं [°गोप] धन्य | पुरुष-विशेष । सार्थवाह का एक पुत्र । °ड्ढ पं [Tठ्य] एक | धणिअ वि [धनिक] पैसादार। पुं. मालिक, जैनमुनि । °णंदि पुंस्त्री [ नन्दि] दुगुना देव- स्वामी । द्रव्य । णिहि पुं[निधि] खजाना । त्थि वि | धणिअ न [दे] अत्यन्त, गाढ़, अतिशय । [आर्थिन्] धन का अभिलाषी । °दत्त पुं. एक धणिअ वि [धन्य] धन्यवाद के योग्य, सार्थवाह । तृतीय वासुदेव के पूर्व-जन्म का | प्रशंसनीय, स्तुतिपात्र । नाम । °देव पुं. एक सार्थवाह, मण्डिक-गणधर धणिआ स्त्री [दे] प्रिया, पली । धन्या, स्तुतिका पिता । धन्य सार्थवाह का एक पुत्र । पइ पात्र स्त्री। देखो °वइ । पवर पुं [प्रवर] एक श्रेष्ठी । धणिट्ठा स्त्री [धनिष्ठा] नक्षत्र-विशेष । °पाल पुं. धन्य सार्थवाह का एक पुत्र । देखो | धणी स्त्री [दे] भार्या । पर्याप्ति । जो बंधा हुआ °वाल । 'प्पभा स्त्री [°प्रभा] कुण्डलधर द्वीप | होने पर भी भय-रहित हो वह । की राजधानी । °मंत, °मण वि [°वत्]
| धणु पुन [धनुष्] कार्मुक । चार हाथ का परिधनवान् । °मित्त पुं [मित्र] एक जैनमुनि
माण । पुं. परमाधार्मिक देवों की एक जाति । । °य पुं [°द] एक सार्थवाह । एक विद्याधर
°कुडिल न [कुटिलधनुष्] वक्र धनुष । 'ग्गह राजा जो राजा रावण की मौसी का लड़का
पुं [°ग्रह] वायु-विशेष । द्धय पुं [ध्वज] था। कुबेर । वि. धन देनेवाला । रक्खिय
नृप-विशेष । "द्धर वि [ °धर ] धनुर्विद्या पुं["रक्षित] धन्य सार्थवाह का एक पुत्र ।
में निपुण । °पिट्ठ न [पृष्ठ ] धनुष °वइ पुं [°पति] कुबेर । एक राजकुमार ।
का पुष्ठ भाग, धनुष के पीठ के आकारवाला °वई स्त्री [°वती]एक सार्थवाह-पुत्री । वंत,
क्षेत्र । 'पुत्तिया स्त्री [ °पृथक्त्विका ] °वत्त देखो °मंत । वह पुं. एक श्रेष्ठी । एक
दो कोस । °वेअ, °व्वेअ पुं [°वेद ] राजा । °वाल देखो °पाल। राजा भोज के
धनुर्विद्या-बोधक शास्त्र । हर देखो धर । समकालिक एक जैन महाकवि । °संचया स्त्री. एक वणिग्-महिला । °सम्म पुं[°शर्मन्]
धणु पुन [धनुस्] ज्योतिष-प्रसिद्ध एक राशि । एक वणिक् । °सिरी स्त्री [°श्री] एक वणिग्
ल्ल वि [°मत्] धनुषवाला । महिला । °सेण पुं [°सेन] एक राजा । गल
धणुक्क ) ऊपर देखो। वि [°वत् धनी । वह वि. धनी । पुं. एक
धणुह ।
| धणुही स्त्री [धनुष] कार्मुक । श्रेष्ठी । एक राजा।
धणेसर पुं [धनेश्वर] एक प्रसिद्ध जैनमुनि और धणंजय पुं [धनञ्जय] अर्जुन । अग्नि । सर्प
ग्रन्थकार । विशेष । वायु-विशेष, शरीर-व्यापी पवन ।
धण्ण पुं [धन्य] एक जैनमुनि । 'अनुत्तरोपपावृक्ष-विशेष । उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र का गोत्र ।
तिकदसा' सूत्र का एक अध्ययन । यक्ष-विशेष । पक्ष का नववाँ दिन । श्रेष्ठि-विशेष । एक
वि. कृतार्थ । धन-लाभ के योग्य । स्तुति-पात्र, राजा।
प्रशंसनीय । भाग्यशाली। धणि पुं [ध्वनि] शब्द, आवाज ।
धण्ण देखो धन्न - धान्य । धणि स्त्री [ध्राणि] सन्तोष । अतृप्ति उत्पन्न | धण्णंतरि पुं [धन्वन्तरि] राजा कनकरथ का करने की शक्ति ।
एक स्वनामख्यात वैद्य । देव-वैद्य । धणि पुं [धनिक] यवन-मत का प्रवर्तक ( धण्णाउस वि [दे] जिसको आशीर्वाद दिया
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