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णिओगि-णिक्कंति संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
३८५ °पुर न. राजधानी । राष्ट्र । राज्य । । विशेष । °काय पुं. छहो प्रकार के जीवों का णिओगि वि [नियोगिन्] नियोग-विशिष्ट, | समूह । नियुक्त, आज्ञाप्राप्त, अधिकारी।
णिकाय पुं [निकाच] निमन्त्रण । णिओज देखो णिओअ।
णिकाय देखो णिकाइय। णिंद सक [निन्द्] निन्दा करना, बुराई करना, णिकायणा स्त्री [निकाचना] कारण-विशेष जुगुप्सा करना।
जिससे कर्मों का निबिड़ बन्ध होता है। णिंद वि [निन्ध] निन्दनीय ।
निबिड़ बन्धन । दिलाना। णिंद (अप) स्त्री [निद्रा] नींद ।
णिकिंत सक [नि+कृत्] छेदना । णिदय वि [निन्दक] निन्दा करनेवाला।
णितिय वि [निकर्तक] काट डालनेवाला । जिंदा स्त्री [निन्दा] घृणा, जुगुप्सा ।
णिकुट्ट सक [नि + कुट्] कूटना । काटना । णिदिणी स्त्री [दे] कुत्सित तृणों का उन्मूलन ।
णिकूणिय वि [निकूणित] वक्र किया हुआ । णिंदु स्त्री [निन्द] जिसके बच्चे जीवित न
णिकेय पुं[निकेत] आश्रय, निवास स्थान । रहते हों ऐसी स्त्री।
णिकेयण न [निकेतन] ऊपर देखो। णिब पुं [निम्ब] नीम का पेड़ ।
णिकोय [निकोच] संकोच, सिमट । । णिबोलिया स्त्री [निम्बगुलिका] नीम का
णिक्क वि [दे] सर्वथा मल-रहित । फल ।
णिक्क देखो णिक्ख = निष्क । णिकर पुं [निकर] समूह ।
णिक्कइअव वि [निष्कैतव] कपट-रहित । कपट णिकरण न [निकरण] निर्णय । निकार, का अभाव । दुःख-उत्पादन।
णिक्कंकड वि [निष्कङ्कट] आवरण-रहित । णिकरिय वि [निकरित] सारीकृत, सर्वथा | उपघात-रहित । संशोधित ।
णिक्कंखि वि [ निष्काङ्क्षिन् ] अभिलाषाणिकस देखो णिहस। णिकाइय वि [निकाचित] व्यवस्थापित, णिक्कंखिय न [निष्काङ्क्षित] आकांक्षा का नियमित। अत्यन्त निबिड़ रूप से हुआ | अभाव । दर्शनान्तर की अनिच्छा । वि. (कर्म) । न. कर्मों का निबिड़ रूप से बन्धन । आकांक्षा-रहित । दर्शनान्तर के पक्षपात से णिकाम सक [नि+कामय् ] अभिलाष रहित । करना।
णिक्चण वि [निष्काञ्चन] सुवर्ण-रहित, धनणिकाम न [निकाम]हमेशा परिमाण से ज्यादा | रहित ।
खाया जाता भोजन । निश्चय । अतिशय । णिक्कंटय वि [निष्कण्टक कण्टक-रहित, बाधाणिकाममीण वि [निकाममीण] अत्यन्त रहित, शत्रु-रहित । प्रार्थी।
णिक्कंड वि [निष्काण्ड] काण्ड-रहित, स्कन्धणिकाय सक [नि+काचय] नियमन करना, | वजित । अवसर-रहित । नियन्त्रण करना । निबिड़ रूप से बाँधना। णिवंत वि [निष्क्रान्त] बाहर निकला हुआ। निमन्त्रण देना।
जिसने दीक्षा ली हो वह ।। णिकाय पुं [निकाय] जत्था, यूथ, वर्ग। णिक्वंतार वि [निष्कान्तार] अरण्य से निर्गत । मोक्ष । आवश्यक, अवश्य करने योग्य अनुष्ठान- णिक्कंति स्त्री [निष्कान्ति] निष्क्रमण, बाहर
रहित ।
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