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छेद वि[छेदक] छेदनेवाला । छेदण वि [छेदन] छेदन कर्ता । छेदोवद्वावणिय देखो छेओवट्ठावणिय । छेध पुं [दे] स्थासक, चन्दनादि सुगन्धि वस्तु का विलेपन | चोर |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
छेप्प न [दे. शेप] पुंछ । छेभय पुं [दे] चन्दन आदि का विलेपन, छोडिअ देखो फोडिअ ।
स्थासक ।
छेल
छेलग
छेलय
छेलावण न [ दे] उत्कृष्ट हर्ष - ध्वनि । बालक्रीडन | चीत्कार, ध्वनि विशेष | छेलियन [दे] सेण्टित, नाक छोंकने का शब्द, अव्यक्त ध्वनि विशेष ।
छेली स्त्री [दे] थोड़े फूलवाली माला । छेवग न [ दे] महामारी या मारी वगैरह फैली बीमारी |
छेदअ-जअल
छोड सक [छोटय् ] छोड़ना, बन्धन से मुक्त
करना ।
छोडय वि [दे] छोटा, लघु । ! छोडि स्त्री [दे] छोटी, लध्वी, क्षुद्र ।
पुंस्त्री [] बकरा | स्त्री. लिआ, छोढूण
'ली ।
छोडिअ वि [ छोटित ] छोड़ा हुआ, बन्धन
मुक्त किया हुआ । घट्टित, आहत ।
ज पुं. तालु स्थानीय व्यंजन वर्ण - विशेष । जस [ यत् ] जो, जो कोई । 'ज वि. उत्पन्न ।
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छोढूण वि [] छोड़कर ।
छाणं छुह का संकृ. । छोप्प वि[स्पृश्य ] स्पर्श-योग्य | छोब्भ पुं [दे] पिशुन, दुर्जन | देखो छोभ । छोब्भवि [छोभ्य] क्षोभ - योग्य, क्षोभणीय । छोत्थवि [] अप्रिय, अनिष्ट ।
छो भाइती स्त्री [दे ] अस्पृश्या । द्वेष्या, अप्रीतिकर स्त्री ।
छेवट्टन [ दे. सेवार्त्त, छेदवृत्त] संहननछेवट्ट । विशेष, जिसमें मर्कट-बन्ध, बेठन और खीला न होकर यों ही हड्डियाँ आपस जुड़ी हों ऐसी शरीर रचना | कर्म - विशेष | छेवाड़ी [दे] देखो छिवाडी । छेह पुं [दे. क्षेप] प्रेरण, क्षेपण | छेहत्तर (अप) देखो छाहतरि । छोअ पुं [दे] छिलका । छोइअ पुं [दे] दास, नौकर 1
छोइआ स्त्री [] छिलका ईख वगैरह की छोह पुं [क्षेप ] फेंकना ।
छाल ।
छोक्करी स्त्री [] लड़की । छोट्टि स्त्री [दे] उच्छिष्टता, जूठाई ।
छोभ [दे] देखो छोब्भ । निस्सहाय, दीन । न. दोषारोप । दो खमासमण-रूप आघात ।
वन्दन ।
छोम देखो छउम ।
छोयर पुं [दे] छोरा, छोकरा । छोलिअ देखो छोडिअ = छोटित ।
छोल्ल सक [ तक्ष् ] छीलना, छाल उतारना । छोह पुं [दे] समूह, यूथ, जत्था | विक्षेप |
आघात ।
छोहर [दे] देखो छोयर ।
छोहिय व [क्षोभित] घबड़ाया हुआ, व्याकुल किया गया ।
ज
जअक्कार पुं [ जयकार ] जीत, अभ्युदय । जअड अक [ त्वर् ] त्वरा करना । जअल वि [दे] आच्छादित ।
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