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________________ ३३६ छेद वि[छेदक] छेदनेवाला । छेदण वि [छेदन] छेदन कर्ता । छेदोवद्वावणिय देखो छेओवट्ठावणिय । छेध पुं [दे] स्थासक, चन्दनादि सुगन्धि वस्तु का विलेपन | चोर | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष छेप्प न [दे. शेप] पुंछ । छेभय पुं [दे] चन्दन आदि का विलेपन, छोडिअ देखो फोडिअ । स्थासक । छेल छेलग छेलय छेलावण न [ दे] उत्कृष्ट हर्ष - ध्वनि । बालक्रीडन | चीत्कार, ध्वनि विशेष | छेलियन [दे] सेण्टित, नाक छोंकने का शब्द, अव्यक्त ध्वनि विशेष । छेली स्त्री [दे] थोड़े फूलवाली माला । छेवग न [ दे] महामारी या मारी वगैरह फैली बीमारी | छेदअ-जअल छोड सक [छोटय् ] छोड़ना, बन्धन से मुक्त करना । छोडय वि [दे] छोटा, लघु । ! छोडि स्त्री [दे] छोटी, लध्वी, क्षुद्र । पुंस्त्री [] बकरा | स्त्री. लिआ, छोढूण 'ली । छोडिअ वि [ छोटित ] छोड़ा हुआ, बन्धन मुक्त किया हुआ । घट्टित, आहत । ज पुं. तालु स्थानीय व्यंजन वर्ण - विशेष । जस [ यत् ] जो, जो कोई । 'ज वि. उत्पन्न । Jain Education International छोढूण वि [] छोड़कर । छाणं छुह का संकृ. । छोप्प वि[स्पृश्य ] स्पर्श-योग्य | छोब्भ पुं [दे] पिशुन, दुर्जन | देखो छोभ । छोब्भवि [छोभ्य] क्षोभ - योग्य, क्षोभणीय । छोत्थवि [] अप्रिय, अनिष्ट । छो भाइती स्त्री [दे ] अस्पृश्या । द्वेष्या, अप्रीतिकर स्त्री । छेवट्टन [ दे. सेवार्त्त, छेदवृत्त] संहननछेवट्ट । विशेष, जिसमें मर्कट-बन्ध, बेठन और खीला न होकर यों ही हड्डियाँ आपस जुड़ी हों ऐसी शरीर रचना | कर्म - विशेष | छेवाड़ी [दे] देखो छिवाडी । छेह पुं [दे. क्षेप] प्रेरण, क्षेपण | छेहत्तर (अप) देखो छाहतरि । छोअ पुं [दे] छिलका । छोइअ पुं [दे] दास, नौकर 1 छोइआ स्त्री [] छिलका ईख वगैरह की छोह पुं [क्षेप ] फेंकना । छाल । छोक्करी स्त्री [] लड़की । छोट्टि स्त्री [दे] उच्छिष्टता, जूठाई । छोभ [दे] देखो छोब्भ । निस्सहाय, दीन । न. दोषारोप । दो खमासमण-रूप आघात । वन्दन । छोम देखो छउम । छोयर पुं [दे] छोरा, छोकरा । छोलिअ देखो छोडिअ = छोटित । छोल्ल सक [ तक्ष् ] छीलना, छाल उतारना । छोह पुं [दे] समूह, यूथ, जत्था | विक्षेप | आघात । छोहर [दे] देखो छोयर । छोहिय व [क्षोभित] घबड़ाया हुआ, व्याकुल किया गया । ज जअक्कार पुं [ जयकार ] जीत, अभ्युदय । जअड अक [ त्वर् ] त्वरा करना । जअल वि [दे] आच्छादित । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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