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चेदीस-चोर संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
३२७ चेदीस पुं [चेदीश] चेदि देश का राजा। । संन्यासिनी । चेयग वि [चेतक] दाता।
| चोज्ज न [दे] आश्चर्य। चेयण पुं [चेतन] आत्मा, जीव, प्राणी । वि. | चोज्ज न [चौर्य] चौर-कर्म । चेतनावाला, ज्ञानवाला ।
चोज्ज न [चोद्य] प्रश्न, पृच्छा । आश्चर्य, चेयणा स्त्री [चेतना] ज्ञान, चैतन्य, सुध ।
अद्भुत । वि. प्रेरणा-योग्य । चेयण्ण न [चैतन्य] ऊपर देखो।
चोट्टी स्त्री [दे] चोटी, शिखा । चेयस देखो चेअ = चेतस् ।
चोड न [दे] वृन्त, फल और पत्ती का बन्धन । चेया देखो चेयणा।
चोढ पुं [दे] बेल का पेड़। चेल । न [चेल] वस्त्र । कण्ण न | चेलय ) [°कणं] एक तरह का पंखा ।
| चोण्ण न [दे] झगड़ा । काष्ठानयन आदि
जघन्य कर्म। गोल न. वस्त्र का गेंद । हरन[ °गृह] तम्बू,
चोत्त । पुन [दे] प्राजन-दण्ड, चाबुक । पट-मण्डप ।
चोत्तम चेलय न [दे] तुला-पात्र ।
चोद [दे] देखो चोय । चेल्प न [दे] मुसल, मूषल ।
चोदग देखो चोअअ। चेल्ल । [दे] देखो चिल्ल ।
चोदणा स्त्री [चोदना] प्रेरणा, किसी प्रभावचेल्लअ ।
शाली व्यक्ति की ओर से कुछ कहने या करने चेल्लग । [दे] देखो चिल्लग ।
के लिए होनेवाला संकेत । चेव अ [एव, चैव] अवधारण-सूचक अव्यय, |
चोप्पड सक [म्रक्ष] स्निग्ध करना, घी तेल
वगैरह लगाना। निश्चयदर्शक शब्द । पाद-पूरक अव्यय ।
चोप्पड न [म्रक्षण] घी, तेल वगैरह स्निग्ध चेव अ [इव] सादृश्य-द्योतक अव्यय । चो देखो चउ । आला स्त्री [°चत्वारिंशत् ]
वस्तु । चौवालीस । वट्टि स्त्री [°षष्टि ] चौसठ ।। चोप्पाल पुं [चतुष्पाल] सूर्याभ देव की °वत्तरि स्त्री [°सप्तति] चौहत्तर ।
__ आयुध-शाला। चोअ सक [ चोदय् ] प्रेरणा करना । कहना।।
| चोप्पाल न [दे] मत्तवारण, वरण्डा । चोअअ वि [चोदक] प्रेरक, प्रश्नकर्ता, पूर्व
चोफुच्च वि [दे] स्निग्ध, प्रेम-युक्त । पक्षी।
चोय । न [दे] त्वचा, छाल। आम चोअण न [चोदन] प्रेरणा ।
चोयग ) वगैरह का रंछा। गन्ध द्रव्यचोइअ वि [चोदित] प्रेरित ।
विशेष । चोए सक [चोदय] प्रश्न करना। सीखना, | चोयग देखो चोअअ । शिक्षण देना।
चोयणा स्त्री [चोदना] प्रेरणा । चोक्क [दे] देखो चुक्क।
चोयय पुं[दे] फल-विशेष । चोक्ख वि [दे] चोखा, शुद्ध, पवित्र । चोयालीस स्त्रीन [चतुश्चत्वारिंशत्] चौवाचोक्खलि वि [दे] चोखाई करनेवाला, शुद्धता | लीस ।। वाला।
चोर पुं. तस्कर । कीड पुं [कोट] विष्ठा में चोक्खा स्त्री [चोक्षा] इस नाम की एक उत्पन्न होता कीट।
चेल्लय
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