________________
चउरासीइम-चंड संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
३०७ चउरासीइम व[चतुरशीतितम] चौरासीवाँ । | चंग क्रिवि [दे] अच्छा, ठीक । चउरासीय स्त्रीन [चतुरशीति] चौरासी। चंगदेव पुं [चङ्गदेव] हेमाचार्य का गृहस्थाचरिदिय वि [चतुरिन्द्रिय] त्वक् , जिह्वा, | वस्था का नाम । नाक और चक्षु इन चार इन्द्रियवाला। चंगवेर पुन [दे] काठ का तख्ता । पुं. काठ का चउरिमा स्त्री [चतुरिमन्] चतुराई, निपु- बना हुआ छोटा पात्र विशेष । णता।
| चंगिम पुंस्त्री [दे. चङ्गिमन्] सौन्दर्य, श्रेष्ठता । चउरिया । स्त्री [दे] लग्न-मण्डप । चंगेरी स्त्री [दे] टोकरी, चंगेली, डलिया, चउरी ।
कठारी, तृण आदि का बना पात्र-विशेष । चउरुत्तरसय वि [चतुरुत्तरशततम] एक | चंच देखो चंछ । सौ चारवाँ।
चंच पुं [चञ्च] पङ्कप्रभा नरक-पृथिवी का चउवीस वि [चतुर्विश] चौबीसवाँ ।। एक नरकावारा । न. देवविमान-विशेष । चउवीसिगा स्त्री [चतुर्विशिका] समय-मान- | चंचपुड पुंन [दे] आघात, अभिघात । विशेष, चौबीस तीर्थङ्कर जितने समय में / चंचप्पर न [दे] असत्य । होते हैं उतना काल-एक उत्सर्पिणी या एक | चंचरीअ ' [चञ्चरीक] भ्रमर । - अवसर्पिणी-काल ।
चंचल वि [चञ्चल] चपल, चञ्चल । पुं. चउवेद वि [चतुर्वेद] चारों वेदों का | रावण के एक सुभट का नाम । चउवेय ज्ञाता, चौबे ।
चंचला स्त्री [चञ्चला] चञ्चल स्त्री। छन्द
विशेष । चउसट्रिआ स्त्री [चतुःषष्टिका] रसवाली | चंचा स्त्रो [चञ्चा] नरवट की चटाई । चीज तौलने का एक नाप, चार पल का एक
चमरेन्द्र की राजधानी, स्वर्ग-नगरी-विशेष । माप।
घास का पुतला। चउसर वि [दे] चौंसर, चार सरा (लड़ी)
चंचाल (अप) देखो चंचल । वाला (हार आदि)।
चंचु स्त्री [चञ्चु] चोंच, पक्षी का ठोर । चउहत्थ पुं [चतुर्हस्त] श्रीकृष्ण ।।
चंचुच्चिय न [दे. चञ्चुरित, चञ्चूच्चित] चउहार पुं [चतुराहार] चार प्रकार का
कुटिल गमन, टेढ़ी चाल ।
चंचुमाल इय वि [दे] रोमाञ्चित । आहार, अशन, पान, खादिम और स्वादिम । चओर पुन [दे] पात्र-विशेष ।
चंचुय पुं [चञ्चुक] अनार्य देश-विशेष । उस चओर } पुंस्त्री. [चकोर] पक्षि-विशेष ।
देश का निवासी मनुष्य । चओरग
चंचुर वि [चञ्चुर] चपल, चञ्चल । चओवचइय वि [चयोपचयिक] वृद्धि हानि
चंछ सक [तक्ष] छिलना । वाला।
चंड सक [पिष्] पीसना। चंकम ) अक [चक्रम्] बार-बार चलना। चंड देखो चंद । चंकम्म | इधर-उधर घूमना । बहुत भटकना। | चंड वि [चण्ड] प्रबल, उग्र, प्रखर, तीव्र । टेढ़ा चलना । चलना-फिरना ।
भयानक । अति क्रोधी, क्रोध-स्वभावी । चंकार पुं [चकार] च वर्ण, 'च' अक्षर ।। तेजस्वी। पुं. राक्षस वंश के एक राजा का चंग वि [दे. चङ्ग] सुन्दर ।
| नाम । क्रोध । किरण पुं. सूर्य । °कोसिय
चउग्वेद
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org