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गुत्ति-गरु संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
२९३ गुत्ति स्त्री [गुप्ति] जेल। कठघरा। मन, | लिल । भरपूर । वचन और काया की अशुभ प्रवृत्ति को | गुमुगुमुगुम देखो गुमगुम। रोकना। मन वगैरह की निर्दोष प्रवृत्ति । गुम्म अक [ मुह ] मुग्ध होना, घबड़ाना । 'गुत्त वि [°गुप्त] मन वगैरह की निर्दोष | गुम्म पुं [गुल्म] परिवार, परिकर । प्रवृत्तिवाला, संयत । पाल पं. कैदखाना का | गुम्म पुंन [गुल्म वल्ली, वनस्पति-विशेष । अध्यक्ष । सेण पुं [°सेन] ऐरवत क्षेत्र में झाड़ी। सेना-विशेष, जिसमें २७ हाथी, उत्पन्न एक जिनदेव ।
२७ रथ, ८१ घोड़ा और १३५ प्यादा हों गुत्ति स्त्री [गुप्ति] गोपन, रक्षण ।
ऐसी सेना । समूह । गच्छ का एक हिस्सा, गुत्ति स्त्री [दे] बन्धन । अभिलाषा । वचन, जैनमुनि-समाज का एक अंश । जगह । आवाज । लता। सिर पर पहनी जाती फूल | गुम्मइअ वि [दे] मूर्ख । अपूरित । पूरित । की माला ।
स्खलित । संचलित, मूल से उच्चलित । गुत्तिदिय वि [गुप्तेन्द्रिय] संयतेद्रिय । विघटित, वियुक्त । गुत्तिय वि [गौप्तिक] रक्षक ।
गुम्मड देखो गुम्म । गुत्तिय वि [गौत्रिक] समान गोत्रवाला । गुम्मडिअ वि [मोहित] मोह-युक्त, मुग्ध किया गुत्तिवाल देखो गुत्ति-पाल ।
हुआ। गुत्थ वि [ग्रथित] गुम्फित ।
गुम्मागुम्मि अ. जत्थाबन्ध होकर । गुत्थंड पुं [दे] भास-पक्षी।
गुम्मिअ वि [मुग्ध] मोह-प्राप्त, मूढ़ । घूणित, गुद पुंस्त्री. गुदा।
मद से घूमता हुआ। गुद्दह न [गोद्रह] नगर-विशेष ।
गम्मिअ पुं [गौल्मिक] कोतवाल, नगररक्षक । गुप्प अक [ गुप् ] व्याकुल होना।
गुम्मिअ वि [दे] उन्मूलित । गुप्प वि [गोप्य] छिपाने-योग्य । न. एकान्त,
गुम्मी स्त्री [दे] इच्छा। विजन ।
गुम्मी स्त्री [गुल्मी] खटमल, जूं। गुप्पई स्त्री [गोष्पदी] गौ का पैर डूब उतना | गुम्ह (शौ) सक [गुम्फ्] गूंथना, गठना । गहरा।
गुह्य देखो गुज्झ। गुप्पंत न [दे] शयनीय, शय्या । वि. गोपित, | गुरव देखो गुरु। रक्षित । संमूढ़, मुग्ध, व्याकुल ।
गुरु ।पुं [गुरु] शिक्षक । धर्मोपदेशक । गुप्पय देखो गो-पय ।
गुरुअ माता, पिता वगैरह पूज्य लोग । गुप्फ पुं [गुल्फ] फीली, पैर की गाँठ । बृहस्पति । स्वर-विशेष, दो मात्रावाला आ, गुफगुमिअ.वि [दे] सुगन्धी, सुगन्ध-युक्त । ई वगैरह स्वर, जिसके पीछे अनुस्वार या गुब्भ देखो गुप्फ।
संयुक्त व्यञ्जन हो ऐसा भी स्वर वर्ण। वि. गुभ सक [गुफ्] गूंथना, गठना ।
बड़ा, महान् । भारी। उत्कृष्ट, उत्तम । गुम सक [भ्रम्] घूमना, पर्यटन करना। कम्म वि [°कर्मन्] कर्मों का बोझवाला गुमगुम । अक [ गुमगुमाय् ] 'गुमगुम' पापी। °कुल न. धर्माचार्य का सामीप्य । गुमगुमाअ , आवाज करना। मधुर अव्यक्त गुरुपरिवार । °गइ स्त्री [°गति] गति-विशेष, ध्वनि करना।
भारीपन से ऊँचा-नीचा गमन । लाघव न. गुमिल वि [दे] मूढ़, मुग्ध । गहन । प्रस्ख- । सारासार, अच्छा और बुरापन । °सज्झि
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