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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
गमणी-°गरण गमणी स्त्री [गमनी] विद्या-विशेष, जिसके । हस्ती। °वइ पुं [पति] गजेन्द्र । वर पुं. प्रभाव से आकाश में गमन किया जा सकता। प्रधान हाथी । वरारि पुं [°वरारि] वनहै । जूता।
राज । 'वहू स्त्री [°वधू] हस्तिनी । वीही गमय देखो गमग ।
स्त्री [°वीथी] शुक्र वगैरह महाग्रहों का चारगमार वि [दे, ग्राम्य] अविदग्ध, मूर्ख । क्षेत्र-विशेष । °ससण पुं [°श्वसन] हाथी गमाव देखो गम = गमय ।
सूड़। "सुकुमाल पुं. एक प्रसिद्ध जैन मुनि, गमिअ वि [गमिक] प्रकारवाला ।
उसी भव में मुक्ति-गत जैन साधु-विशेष । गमिद वि [दे] अपूर्ण । गुढ़ । स्खलित । °रि पुं. सिंह, पञ्चानन । आरोह पुं. महावत । गमिय वि [गमिक] सदा पाठवाला शास्त्र । गय पुं [गद] बीमारी। गमेर देखो गमार।
गयंक पुं [गजाङ्क] दिक्कुमार देव । गमेस देखो गवेस।
गयंद पुं [गजेन्द्र श्रेष्ठ हाथी । गम्म वि [गम्य] जानन-योग्य । जो जाना गयकंठ पुं [गजकण्ठ] रत्न-विशेष ।
जा सके। हराने योग्य, आक्रमणीय । गयकन्न पुं [गजकर्ण] अनार्य देश-विशेष । जाने-योग्य । भोगने-योग्य-स्वपत्नी वगैरह । गयग्गपय न [गजाग्रपद] दशार्णकूट का एक गम्म न [गम्य] गमन ।
तीर्थ। गय वि [दे] धूणित । निर्जीव ।
गयण न [गगन] 'ह'अक्षर । °मणि पु. सूर्य ।
गयण न [गगन] आकाश । °गइ पुं [गति] गय वि[गत]गया हुआ । अतिक्रान्त । विज्ञात ।
___ एक राजकुमार । चर वि. आकाश में चलनेनष्ट । प्राप्त । स्थित । प्रविष्ट । प्रवृत्त ।। व्यवस्थित । न. गमन । °पाण वि ['प्राण]
वाला, पक्षी, विद्याधर वगैरह। मंडल पुं
[मण्डल] एक राजा। मृत । 'राय वि [ राग] वीतराग, निरीह । °वइया, °वई स्त्री [पतिका] विधवा ।
गयणरइ पुं [दे] बादल । प्रोषित-भर्तृका । °वय वि [°वयस्] वृद्ध । गयाणदु पु [गगनन्दु] विद्याधर वश के एक °णुगइअ वि [°नुगतिक] अन्ध, परम्परा
राजा का नाम । का अनुयायी, अन्धश्रद्धालु ।।
गयनिमीलिया स्त्री [गजनिमोलिका] उपेक्षा,
उदासीनता। गय पुं [गज] हाथी । एक अन्तकृत् जैनमुनि, गज सुकुमाल मुनि । इस नाम का एक सेठ। गयमुह पु [गजमुख] अनार्य देश-विशेष । रावण का एक सुभट । 'उर न [°पूर] गयसाउल । वि [दे] वैरागी । हस्तिनापुर । °कण्ण पुंकणं] द्वीप-विशेष ।
गयसाउल्ल उसमें रहनेवाला । 'कलभ पुं. हाथी का गया स्त्री[गदा] लोहे या पाषाण का अस्त्रबच्चा। गय वि [°गत] हाथी के ऊपर विशेष । एक देव-विमान । हर पुं ['धर] आरूढ़। °ग्गपय पुं [आयपद] पर्वत-विशेष । वासुदेव ।
त्थ वि [°स्थ] हाथी के ऊपर स्थित । °पूर गया स्त्री. स्वनाम-प्रसिद्ध नगर विशेष । देखो °उर । °बंधय पुं| बन्धक] हाथी को °गर वि [°कर] कर्ता । पकड़नेवाली जाति । °मारिणी स्त्री. वनस्पति- गर पुं. एक प्रकार का जहर । ज्योतिष शास्त्रविशेष, गुच्छ-विशेष । °मुह पुं [°मुख गण- प्रसिद्ध बवादि करणों में से एक । पति । यक्ष-विशेष । प्राय पुं [°राज] श्रेष्ठ | 'गरण देखो करण।
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