________________
२८०
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष गंदीणी-गंधिलावई गंदीणी स्त्री [दे] आँख-मिचौनी । | गंधव्व पु [गन्धर्व] स्वर्ग-गायक । व्यन्तर देवों गंदुअ देखो गेंदुअ।
की एक जाति । भगवान् कुन्थुनाथ का गंध पु [गन्ध] महक । लेश । चूर्ण-विशेष । शासनाधिष्ठायक । न. मुहूर्त विशेष । नृत्यवानव्यन्तर देवों की एक जाति । न. देव- युक्त गान । °कंठ न [°कण्ठ] रत्न की एक विमान-विशेष । वि. गन्धयुक्त पदार्थ । °उडी
जाति । °घर न [गृह] संगीत-गृह । °णगर स्त्री ["कुटी] गन्ध-द्रव्य का घर । °कासा- न [°नगर] सन्ध्या के समय में आकाश में इया स्त्री [°काषायिका] सुगन्धि कषाय
दिखता मिथ्या-नगर, जो भावी उत्पात का रंग की साड़ी। °गुण पु. गन्धरूप गुण ।
सूचक है । °पुर न. देखो °णगर । लिवि 'ट्रय न[°गट्टक]गन्ध-द्रव्य का चूर्ण। °ड्ड वि स्त्री [°लिपि] लिपि-विशेष । °विवाह पुं. [Tढय] गन्धपूर्ण, सुगन्धपूर्ण । °णाम न स्त्री-पुरुष की इच्छा के अनुसार विवाह । [°नामन्] गन्ध का हेतुभूत कर्म-विशेष । °साला स्त्री [°शाला] संगीतालय ।
तेल्ल न [°तैल] सुगन्धित तैल । °दव्व न गंधव्व वि [गन्धर्व] गन्धर्व-सम्बन्धी । पुं. [°द्रव्य] सुगन्धित वस्तु, सुवासित द्रव्य ।
उत्सव-हीन विवाह । न, गान । देवी स्त्री. सौधर्म देवलोक की एक देवी।
गंधव्विअ वि [गान्धर्विक] गन्धर्व-विद्या में °द्धणि स्त्री [ध्राणि] गन्ध-तृप्ति । °मय
कुशल ।
| नगरी-विशेष । पुं [ मृग] कस्तूरी मृग । °मंत वि [°वत्] सुगन्धित, सुगन्ध-युक्त । अतिशय गन्धवाला।
गंधाण न [गन्धान] छन्द-विशेष । °मादण, 'मायण पुं [°मादन] पर्वत-विशेष।
| गंधार पुगन्धार] कन्धार देश । पर्वतपुन. पर्वत-विशेष का एक शिखर । न. नगर
विशेष । न. नगर-विशेष । विशेष । °वई स्त्री [°वती] भूतानन्द-नामक
गंधार पु [गान्धार, रागिनी-विशेष । नागेन्द्र का - आवास-स्थान । °वट्टय न
गंधारी स्त्री [गान्धारी] सती-विशेष, कृष्ण [°वर्तक] सुगन्धित लेप-द्रव्य । वदि स्त्री वासुदेव की एक स्त्री । विद्यादेवी-विशेष । [°वत्ति] गन्ध-द्रव्य की बनाई हई गोली। भगवान् नमिनाथ की शासनदेवी। °वह पु. पवन । वास पुं. सुगन्धित वस्तु का | गंधारी स्त्री [गान्धारी] विद्या-विशेष । पुट । चूर्ण-विशेष । °समिद्ध वि [°समृद्ध] गंधावइ ) पु [गन्धापातिन्] स्वनामसुगन्ध पूर्ण । न. नगर-विशेष । °सालि पु गंधावाइ प्रसिद्ध एक वृत्त, वैताढ्य पर्वत । [°शालि] सुगन्धित व्रीहि । हत्थि पुं गंधिअ वि [दे] दुर्गन्ध, खराब गन्धवाला। [हस्तिन्] उत्तम हस्ती । हरिण पु. कस्तु- गंधि पु [गान्धिक] गन्ध-द्रव्य बेचनेवाला, रिया हिरन । हारग पु [हारक] इस पसारी । नाम का एक म्लेच्छ देश । गन्धहारक देश का गंधिअ वि [गन्धिक] गन्ध-युक्त । °साला स्त्री निवासी।
[°शाला] दारू वगैरह गन्धवाली चीज की गंधण पु [गन्धन] एक सर्प जाति ।
दूकान । गंधपिसाय पुं[दे] गन्धिक, पसारी। गंधिल पु [गन्धिल] वर्ष-विशेष, विजय-क्षेत्रगंधय देखो गंध ।
विशेष । गंधलया स्त्री [दे] नासिका।
गंधिलावई स्त्री [गन्धिलावती] क्षेत्र-विशेष । गंधवाह पु [गन्धवाह] पवन ।
विजयवर्ष-विशेष । नगरी-विशेष । कूड न
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org