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कुरुच्च-कुलक्ख
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दो कोष न. ग्रहण, उपादान । देखो कुरुविल्ल । नाम । तंतु पुं [तन्तु] कुल-सन्तति । कुरुच्च वि [दे] अप्रिय ।
°तिलग पुन [°तिलक] कुल में श्रेष्ठ । °स्थ कुरुड वि [दे] निर्दय । निपुण, चतुर । वि [ स्थ] कुलीन । °त्थेर धुं [°स्थविर] कुरुण न [दे] राजा का या दूसरे का धन । । श्रेष्ठ साधु । °दिणयर पुं [°दिनकर] कुल में कुरुमाल सक दे] टटोलना, धीरे-धीरे हाथ श्रेष्ठ । °दीव पुं । °दीप] कुल प्रकाशक । फेरना।
°देव पुं [°देव] गोत्र-देवता । 'देवया स्त्री कुरुय न [दे. कुरुक] कपट ।
[°देवता] गोत्र-देवता। देवी स्त्री. गोत्रकुरुया स्त्री [दे. कुरुका] स्नान ।
देवी । धम्म पुं ["धर्म] कुलाचार । पव्वय कुरुर देखो कुरर।
पुं [°पर्वत] पर्वत-विशेष । °पुत्त पुं [पुत्र कुरुल { [दे] कुटिल केश। वि. निर्दय ।
वंश-रक्षक पुत्र । 'बालिया स्त्री [°बालिका] निपुण, चतुर ।
कुलीन कन्या । "भूसण न [भूषण] वंश को कुरुल अक [कु] आवाज करना, कौए का
दिपाने या चमकाने वाला। पुं. एक केवली बोलना।
भगवान् । मय पुं [ मद] कुल का अभिमान । कुरुव देखो कुरु।
°मयहरिया, महत्तरिया स्त्री [°महत्तकुरुवग देखो कुरवय।
रिका] कुटुम्ब की मुखिया । °य देखो "ज । कुरुविंद पुं. मणि-विशेष, रत्न की एक जाति । |
रोग पुं. कुल व्यापक रोग । वइ पुंपति]
प्रधान संन्यासी । °वंस पुं [°वंश] कुल रूप तृण-विशेष । कुटिलिक-नामक रोग, एक
वंश । °वंस पं | वंश्य] कुल में उत्पन्न । प्रकार का जंघा रोग । वित्त पुंन [वर्त]
वडिसय पुं [वितंसक] कुल-भूषण, कुलभूषण-विशेष । कुरुविंदा स्त्री [कुरुविन्दा] इस नाम की एक
दीपक । वहू स्त्री [°वधू] कुलीन स्त्री।
°संपण्ण वि [°सम्पन्न] कुलीन । °समय पुं. वणिग्भार्या ।
कुलाचार । °सेल पुं [शैल] कुल-पर्वत । कुरुविल्ल [दे] देखो कुरुचिल्ल ।
°सेलया स्त्री [शैलजा] कुल-पर्वत से कुल पुंन. वंश, जाति । पैतृक वंश । कुटुम्ब ।। निकली हुई नदी । 'हर न [गृह] पितृगृह । सजातीय समूह । गोत्र । एक आचार्य की
जीव वि. अपने कुल की बड़ाई बतला कर सन्तति । घर । सान्निध्य, सामीप्य । ज्योतिष
आजीविका प्राप्त करनेवाला । "य न. नीड़ । शास्त्र-प्रसिद्ध नक्षत्र-संज्ञा । °उव्व पुं[°पूर्व] |
यार पुं [°ाचार] वंश-परम्परा से चला पूर्वज । °कम पुं [क्रम] कुलाचार । कर
आता रिवाज । °ारिय पुं [°ार्य] पितृ-पक्ष देखो नीचे गर । कोडि स्त्री [°कोटि]
की अपेक्षा से आर्य । °ालय वि. गृहस्थों के जाति-विशेष । “क्कम देखो कम । °गर पुं|
घर भीख मांगनेवाला। [°कर] कुल की स्थापना करनेवाला, युग के प्रारम्भ में नीति वगैरह की व्यवस्था करने
कुलंकर पुं [कुलङ्कर] इस नाम का एक
राजा । वाला महापुरुष । गेह न [°गृह] पितृ-गृह । 'घर न [°गृह] पितृ गृह । °ज वि [ज] | कुलप पुं[कुलम्प] इस नाम का एक अनार्य कुलीन । °जाय वि [°जात] खानदानी कूल देश । उसमें रहनेवाली जाति । का । "जुअ वि [°युत] कुलीन । °णाम न | कुलकुल देखो कुरकुर । [नामन्] कुल के अनुसार किया जाता | कुलक्ख पुं [कुलक्ष] एक म्लेच्छ देश । उसमें
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