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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष उवडहित्तु-उवदेसग उवडहित्तु वि [उपदहित] जलानेवाला। उवणीअ न [उपनीत] उपनयन । वयण न उवडिअ वि [दे] अवनत ।
| [°वचन] प्रशंसा-वचन । उवणगर न [उपनगर] शाखा-नगर । उवणीय वि [उपनीत] समीप में लाया हुआ। उवणच्च सक [ उप+ नर्त्तय ] नचाना । अर्पित, उपढौकित । उपनययुक्त, उपसंहृत । उवणद्ध वि [उपनद्ध] घटित ।
प्रशस्त, श्लाषित । °चरय पुं [°चरक] उवणम सक [उप+नम्] उपस्थित करना, ला | अभिग्रह-विशेष को धारण करनेवाला साधु । रखना, प्राप्त करना ।
उवण्णत्थ वि [उपन्यस्त] उपन्यस्त, उपउवणय वि [उपनत] उपस्थित ।
ढौकित । उवणय पुं[उपनय ] उपसंहार, दृष्टान्त के उवण्णास पुं [उपन्यास] वाक्योपक्रम, अर्थ को प्रकृत में जोड़ना, हेतु का पक्ष में | प्रस्तावना । दृष्टान्त-विशेष । रचना। छलउपसंहार । स्तुति, श्लाघा । अवान्तर नय ।। प्रयोग। यज्ञोपवीत संस्कार, उपहार, भेंट।
उवतल न [उतपल] हस्त-तल की चारों ओर उवणयण न [उपनयन] उपवीत-संस्कार, यज्ञ- का पार्श्वभाग। सूत्र-धारण-संस्कार।
उवताव पुं [उपताप] सन्ताप, गरम । उवणिअ देखो उवणीय ।
उवत्त वि [उपात्त] गृहीत । उवणिक्खित्त वि [उपनिक्षिप्त] व्यवस्थापित । | उवत्थड वि [उपस्तृत] ऊपर-ऊपर आच्छाउवणिक्खेव पुं [उपनिक्षेप] धरोहर, रक्षा के । | दित । लिए दूसरे के पास रखा धन ।।
उवत्थाण देखो उवट्ठाण। उवणिग्गम [उपनिर्गम] द्वार । उपवन । उवत्थाणा देखो उवट्ठाणा । उवणिग्गय वि [उपनिर्गत] समीप में निकला उवत्थिय देखो उवट्ठिय । हुआ।
उवत्थु सक [उप + स्तु] स्तुति करना, उवणिमंत सक [उपनि + मन्त्रय] निमन्त्रण | | श्लाघा करना। देना। .
उवदंस सक [उप+ दर्शय] दिखलाना। उवणिवाय पुं [उपनिपात] सम्बन्ध ।
उवदंस पुं [उपदंश] रोग-विशेष, गर्मी, उणिविट्ठ वि [उपनिविष्ट] समीप स्थित ।
सुजाक । चाटना। उवणिसआ स्त्री [उपनिषत्] वेदान्त-शास्त्र ।
उवदंसण न [उपदर्शन] दिखलाना। कूड उवणिहा स्त्री [उपनिधा] मार्गण, मार्गणा।
पुं[°कूट] नीलवन्त नामक पर्वत का एक उवणिहि पुंस्त्री [उपनिधि] समीप में |
शिखर । आनीत । विरचना । उपस्थापन, अमानत ।
उवदंसेत्तु वि [उपदर्शयित] दिखलानेवाला । उवणिहिअ वि [औपनिधिक] उपनिधि
| उवदव पुं [उपद्रव] ऊधम, उपसर्ग ।। सम्बन्धी । °आ स्त्री [°की] क्रम-विशेष ।
उवदा स्त्री [उपदा] भेट । उवणिहिय वि [उपनिहित] समीप में स्था- | उवदाई स्त्री [उदकदायिका] पानी देनेपित । आसन्न-स्थित । °य पुं [क] नियम- वाली। विशेष को धारण करनेवाला भिक्षु । उवदिस सक [उप + दिश्] उपदेश देना। उवणी सक [उप + नी] समीप में लाना । | उवदीव न [दे] द्वीपान्तर । अर्पण करना । इकट्ठा करना ।
| उवदेसग वि [उपदेशक] व्याख्याता ।
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