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________________ १६० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष उद्धवअ-उप्पइअ उद्धव वि [दे] उत्क्षिप्त, फेंका हुआ। । ञ्चित । उद्धविअ वि [दे] अघित, पूजित । | उधू सक [उद् +धू] कँपाना, चलाना । उद्धा । सक [उद्+धाव्] दौड़ना । वेग | पंखा करना। उद्धाअ से जाना। ऊँचे जाना । फैलना । | उद्धृणिय देखो उद्धृय । उद्धाअ अक [ऊर्ध्वाय] ऊँचा होना। उद्धृद (शौ) देखो उद्घय । उद्धाअ पुं [दे] विषमोन्नत-प्रदेश । समूह । उधूल सक [उद् +धूलय] व्याप्त करना । वि. थका हुआ। धूलि लगाना। उद्धार पुं. रक्षण । ऋण देना, उधार देना। उद्ध्वणिया स्त्री [उद्धृपनिका] धूप देना । उद्धृविअ वि [उद्धृपित] जिसको धूप अपहरण । अपवाद । धारणा, पढ़े हुए पाठ को नहीं भूलना । पलिओवम न[°पल्योपम] किया गया हो वह। उद्घोस पुं [उद्धषं] उल्लास, ऊँचा होना । समय का परिमाण । °समय पुं. समय-विशेष । उन्न न [ऊर्ण] ऊन । °मय वि [°मय] ऊन °सागरोवम न [°सागरोपम] समय का का बना हुआ। एक दीर्घ परिमाण । उद्धरय वि [उद्धारक] उद्धार-कारक । उन्न (अप) वि [विषण्ण] विषाद-प्राप्त । उन्नइय वि [उन्नीत] ऊँचा लिया हुआ । उद्घाव देखो उद्धा। उन्नंद सक [मद् + नन्द्] अभिनन्दन करना । उद्धवण न [उद्धावन] नीचे देखो। उद्धावणा स्त्री [उद्धावना] प्रबल-प्रवृत्ति । उन्ना देखो उण्णा । °मय वि [°मय] ऊन का बना हुआ। दूर-गमन । कार्य की शीघ्र सिद्धि । उन्नाडिय न [उन्नाटित] हर्ष-द्योतक आवाज । °उद्धि देखो बुद्धि। उन्नाह पुं. ऊँचाई। उद्धि स्त्री [दे] गाड़ी का एक अवयव । उन्निक्ख सक [उन्नि + खन्] उन्मूलन उद्धिअ देखो उद्धरिअ = उद्धृत । करना । उद्धीमुह वि [ऊर्वीमुख] मुंह ऊँचा किया उन्निक्खमण न [उन्निष्क्रमण] दीक्षा छोड़ हुआ। कर फिर गृहस्थ होना। उधुंधलिय वि [दे] धुंधलाया हुआ। उन्हाल (अप) पुं [उष्णकाल] ग्रीष्म ऋतु । उधुणिय देखो उद्धय । उपक्खर न [उपस्कर] घर का उपकरण । उधुम सक [] पूर्ण करना। उपंत न [उपान्त] पीछे का भाग । वि. उद्धमा सक [उद् + ध्मा] आवाज करना । समीपस्थ । जोर से धमनी को चलाना । उपरि । देखो उवरि। उद्घमाइअ वि [उद्धमापित] ठण्ढा किया | उपरि । हुआ, निर्वापित । उपरिल्ल देखो उवरिल्ल। . उधुमाय वि [दे] परिपूर्ण । उन्मत्त । उपवाय देखो उववाय = उप + वादय् । उद्घय वि [उद्धृत] पवन से उड़ा हुआ। उपसप्प देखो उवसप्प । प्रसूत, फैला हुआ । प्रकम्पित । उत्कट, प्रबल । उपाणहिय पुंस्त्री [उपानह] जूता । प्रकट । उप्प देखो ओप्प = अर्पय । उधुर वि [उद्धर] ऊँचा । प्रबल । उप्पइअ वि [उत्पतित] ऊँचा गया हुआ, उद्घसिय वि [उद्घषित] रोमाञ्च । रोमा- उड़ा हुआ। उन्नत, उत्पन्न । न.उत्पतन, उड़ना । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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