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आवाइया-आविहू
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी काष
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दृष्टा ।
उपभोग करना।
| आवाहण न [आवाहन] आह्वान । आवाइया स्त्री [आवापिका] प्रधान होम । | आवाहिय वि [आवाहित] बुलाया हुआ, आवाग पु [आपाक] आवा, मिट्टी के पात्र आहुत । मदद के लिए बुलाया हुआ देव या पकाने का स्थान ।
देवाधिष्ठित वस्तु । आवाड पु [आपात] भीलों की एक जाति । आवि न दे]प्रसव-पोड़ा । वि. नित्य, शाश्वत । आवाणय न [आपाणक] दूकान । आवाय पुन [आपात] अभ्यागम, आगमन ।
आवि अ [चापि समुच्चय द्योतक अव्यय । आवाय देखो आवाग।
आवि अ [आविस्) प्रकटता-सूचक अव्यय । आवाय पुं [आपात] प्रारम्भ । प्रथम मिलन ।।
आविअ सक [आ+पा] पीना। तुरन्त । पतन । सम्बन्ध, संयोग ।
आविअ वि [आवृत्त] आच्छादित । आवाय पुं [आवाप] आवा, मिट्टी के पात्र
| आविअ पुंदे] इन्द्र गोप, क्षुद्र कोट-विशेष । पकाने का स्थान। आलवाल । प्रक्षेप,
वि. मथित, आलोडित । प्रोत । फेंकना । शत्रु की चिन्ता । बोना, वपन । आविअ वि [आविच] अविच-देशोत्पन्न । आवायण न [आपादन] सम्पादन ।
आविअज्झा स्त्री [दे] दुलहिन । पराधीन स्त्री। आवाल देखो आलवाल।।
आविध सक [आ+ व्यध्] विंधना । पहनना । आवाल ) न [दे] जल के निकट का | मन्त्र से अधीन करना। आवालय । प्रदेश ।
| आविकम्म पुंन [आविष्कर्मन्] प्रकटरूप से आवाव देखो आवाय = आवाप । कहा स्त्री किया हुआ काम । [कथा] रसोई सम्बन्धी कथा, वि. कथा- आविग वि [आविग्न] उद्विग्न, उदासीन । विशेष ।
आविट्ठ वि [आविष्ट] आवृत, व्याप्त । प्रविष्ट । आवास पुं. वास-स्थान । निवास, अवस्थान,
अधिष्ठित, आश्रित । भूत आदि के उपद्रव से रहना । नीड । पड़ाव । पन्वय पुं [°पवंत
आविद्ध वि [आविद्ध] परिहित, पहना हुआ । रहने का पर्वत ।
आविद्ध वि [दे] क्षिप्त, प्रेरित । आवास । देखो आवस्सय = आवश्यक ।
आविब्भाव पुं [ आविर्भाव ] उत्पत्ति । आवासगी आवासणिया स्त्री [आवासनिका] आवास
प्रादुर्भाव, अभिव्यक्ति ।
आविब्भूय वि [आविर्भूत] उत्पन्न । प्रादुर्भूत । स्थान ।
अभिव्यक्त । आवासय न [आवासक] आवश्यक, जरूरी ।
आविल वि. मलिन, अस्वच्छ । आकुल, व्याप्त । नित्य-कर्तव्य धर्मानुष्ठान । पुं. नीड़ । वि.
आविलिअ वि [दे] कुपित, क्रुद्ध ।। संस्काराधायक, बासक । आच्छादक।
| आविलुपिअ वि [आकाङ्क्षित] अभिलषित । आवाह सक [आ + वाहय्] सान्निध्य के लिए | आविम
आविग सक[आ + विश्]प्रवेश करना,घुसना । देव या देवाधिष्ठित चीज को बुलाना । बुलाना । | आविस अक [आ + विश्] सम्बद्ध होना, युक्त आवाह पुं [आबाध] पीड़ा, बाधा ।
होना । सक. उपभोग करना, सेवना । आवाह पुं. नव-परिणीता वधू को वर के घर | आविहव अक [आविर् + भू] प्रकट होना । लाना । विवाह के पूर्व किया जाता पान देने उत्पन्न होना । का एक उत्सव ।
| आविहूअ देखो आविब्भूय ।
युक्त।
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