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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
आणवणिया-आतंब
वाला।
स्तम्भ । आणवणिया स्त्री [आज्ञापनिका, आनाय- आणाव देखो आणव-आ+ज्ञपय् । निका] देखो दोनों आणत्रणी।
आणाव सक [आ+ नायय्] मँगवाना । आणवणी स्त्री [आज्ञापनी] क्रिया-विशेष, | आणाव (अप) सक [आ + नी लाना । हुकुम करना । हुकुम करने से होनेवाला। आणावण न [आनायन] दूसरे से मँगवाना। कर्मबन्ध ।
आणावण न [आज्ञापन] आज्ञा, हुकुम । आणवणी स्त्री [आनायनी] क्रिया-विशेष, आणि देखो आणी। मँगवाना । मँगवाने से होनेवाला कर्म-बन्ध । । आणिअ वि [आनीत लाया हुआ। आणा स्त्री [आज्ञा] आदेश, हुकुम । उपदेश । आणिअ [दे] देखो आढिअ । निर्देश । आगम, सिद्धान्त । सूत्र की व्याख्या। आणिक्क वि [दे] टेढ़ा, वक्र । °ईसर पुं [ ईश्वर] आज्ञा फरमाने वाला आणिक्क न [दे] तिर्यक् मैथुन । मालिक । °जोग पुं [ योग] आज्ञा का आणी सक [आ+नी] लाना । सम्बन्ध । शास्त्र के अनुसार कृति । रुइ | आणीय वि [आनोत] लाया हुआ। स्त्री [रुचि] सम्यक्त्व-विशेष । वि. आगमों | आणुअ न [दे] आकार, आकृति । पर श्रद्धा रखने वाला । °व वि ["वत्] आणुओगिअ वि [आनुयोगिक व्याख्याकर्ता। आज्ञा मानने वाला । °वत्त न [°पत्र] आज्ञा- | आणुकंपिय वि[आनुकम्पिक]दयालु, कृपालु । पत्र, हुकुमनामा । °ववहार पुं [व्यवहार] | आणुगामि वि [अनुगामिन्] नीचे देखो। व्यवहार-विशेष । °विजय न [विचय, | आ गामिय वि [आनुगामिक] अनुसरण °विजय] धर्मध्यान-विशेष, जिसमें आज्ञा-- करनेवाला । न. अवधिज्ञान का एक भेद । आगम के गुणों का चिन्तन किया जाता है । | आणुगुण्ण न [आनुगुण्य] औचित्य, अनुआणाइ पुं [दे] पक्षी।
रूपता । अनुकूलता। आणाइत्त वि [आज्ञावत्] आज्ञा माननेवाला। आणुधम्मिय वि [आनुर्मिक] सर्वधर्म-सम्मत । आणाइय वि [आनायित] मंगाया हुआ। आणुपाणु देखो आणापाणु । आणापाण पुं [आनप्राण] श्वासोच्छ्वास । आणुपुव्व न [आनुपूर्व्य] अनुक्रम, परिपाटी। श्वासोच्छ्वास-परिमित समय । पज्जत्ति स्त्री
आणुपुव्वी स्त्री [आनुपूर्वी] क्रम, परिपाटी । [°पर्याप्ति] श्वासोच्छ्वास लेने की शक्ति।
___ °णाम न [नामन्] नामकर्म का एक भेद । आणापाणु स्त्री [आनप्राण] ऊपर देखो।
| आणुलोमिअ वि [आनुलोमिक] अनुलोम, आणापाणुय पुं [आनप्राणक श्वासोच्छवासपरिमित काल ।
अनुकूल, मनोहर । आणाम पुं [आनाम] श्वास, अन्तःश्वास ।।
आणुवित्ति स्त्री [अनुवृत्ति अनुसरण ।
आणूग पुंन [अनूप] सजलप्रदेश । आणामिय वि [आनामित] थोड़ा नमाया
आणूव पुं [दे] श्वपच, डोम । हुआ । अधीन किया हुआ।
आणे सक [आ + नी] लाना, ले आना। आणाल पुं [आलान] बन्धन । हाथी बाँधने आणे सक [ज्ञा] जानना। की रज्जु-डोरी। जहाँ पर हाथी बाँधा आणेसर देखो आणा-ईसर । जाता है वह स्तम्भ, कील । °क्खंभ, खंभ आत देखो आय = आत्मन् । पुं[स्तम्भ] जहाँ हाथी बाँसा जाता है वह आतंब देखो आयंब = आताम्न ।
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