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अविअ-अविस्साम संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
८७ अविअ वि [दे] उक्त ।
अविणयवई स्त्री [दे] कुलटा । अविअ वि [अवित] रक्षित ।
अविणि वि [अविनिद्र] निद्रा-विच्छेदरहित । अविअ अ [अपिच विशेषण-सूचक अव्यय । | अविण्णा स्त्री [अविज्ञा] अनुपयोग, ख्याल समुच्चय-द्योतक अव्यय ।
का अभाव । अविअ ' [अविक] मेष, भेड़ ।
अविद । अ. विषाद-सूचक अव्यय । अविउ वि [अवित्] अज्ञ, मुर्ख ।
अविदा अविउक्कंतिय वि [अव्युत्क्रान्तिक] उत्पत्ति- अविनाण वि [अविज्ञान] अजान । अज्ञात, रहित ।
अपरिचित । अविउसरण न [अव्युत्सर्जन] अपरित्याग, | अवियत्त न [अप्रीतिक] प्रीति का अभाव । पास में रखना।
वि. अप्रीतिकारक । अविकप वि [अविकम्प निश्चल ।
अविरइ स्त्री [अविरति] विराम का अभाव, अविकरण न. गृहीत वस्तुओं को यथास्थान न | अनिवृत्ति । पाप कर्म से अनिवृत्ति । हिंसा । रखना।
मैथुन । विरति-परिणाम का अभाव । वि. अविक्ख देखो अवेक्ख ।
विरतिरहित । °वाय पुं [°वाद] अविरति अविक्खग वि [अपेक्षक] अपेक्षा करने वाला। | की चर्चा । मैथुन-चर्चा । अविक्खण न [अवेक्षण] अवलोकन, निरीक्षण। | अविरइय वि [अविरतिक] विरति से रहित, अविक्खण न [अपेक्षण] अपेक्षा, परवाह । । पापनिवृत्ति से वर्जित, पाप कर्म में प्रवृत्त । अविक्खा देखो अवेक्खा।
अविरय वि [अविरत] विरामरहित, अविअविगइय वि [अविकृतिक] घृत आदि | च्छिन्न । पाप निवृत्ति से रहित । चतुर्थ गुणविकार-जनक वस्तुओं का त्यागी।
स्थानक वाला जीव । °सम्मदिदि स्त्री अविगडिय वि [अविकटित] अनालोचित । । [°सम्यग्दृष्टि] चतुर्थ गुण स्थानक । अविगप्पग वि [अविकल्पक] विकल्परहित । | अविराम वि [अविराम] विरामरहित । वि. न. कल्पनारहित प्रत्यक्ष ज्ञान ।।
निरन्तर, हमेशा। अविगल वि [अविकल] अखण्ड, पूर्ण । अविराय वि [अविलीन] अभ्रष्ट । अविगिच्छ वि [अविचिकित्स्य] जिसका | अविराहिय वि [अविराधित] अखण्डित,
इलाज न हो सके ऐसा, असाध्य व्याधि । आराधित । अविगीय पुं [अविगीत] अगीतार्थ, शास्त्रों के | अविल पुं [दे] पशु । वि. कठिन । रहस्य का अनभिज्ञ साधु ।
अविला स्त्री. मेषी। अविग्गह वि [अविग्रह] शरीर-रहित । युद्ध- अविसंधि वि. पूर्वापर विरोध से रहित, संगत, रहित, कलह-वजित । सरल, सीधा । गइ संबद्ध । स्त्री [गति] अकुटिल गति ।
अविसंवाइ वि [अविसंवादिन] विसंवादरहित, अविच्छ वि [अवीप्स्य] वीप्सारहित, व्याप्ति- प्रमाणभूत, सत्य । रहित ।
अविसेस वि [अविशेष] समान । अविज वि [अबीज] बीजशक्ति से रहित । | अविस्स न [अविश्र] मांस और रुधिर । अविणयवइ । [दे] जार, उपपति । अविस्साम वि [अविश्राम] विश्रामरहित । अविणयवर ।
क्रिवि. निरन्तर, सदा।
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