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पुत्र जिन्होंने महावीर स्वामी से दीक्षा लेकर its gods live for eighteeu ११ अंगों को पढा, गुणरयण तप किया,
Sagaropamas. They breath सोलह वर्ष की प्रव्रज्या पाल कर विपुल पर्वत
once in nine months and are पर एक मासका संथारा किया और अपराजित hungry after 18000 years. नामके अनुत्तर विमान में उत्पन्न हुए और सम. १८; -राय. पुं. (-राज) प्रधान वहां से एक अवतार के बाद मोक्ष वृक्ष. प्रधान वृक्ष. a chief tree. ठा० को प्राप्त होंगे. The son of the queen Dhāriņi wife of the दुमण. न० (दुर्मनस् ) हुट भन. दुष्ट मन; king Śreņika, who being con. बिगड़ा दिल. An evil inind. नाया०१; secrated by Mahāvīra Svāmi पगह. १, ३, studied the 11 Angas, prac. दुमण. न० ( * ) घालु ५२युं ते. सफेद बनाने tised Gunarayana penance, re. का कार्य. Whitening. परह. २, ३, imained an ascetic for 16 years, दुमपुष्फिया. स्त्री. ( दुमपुष्पिका ) ६शवं. fasted for a month on the सि सूत्रना प्रथम अध्ययन नाम. दशवैVipula mountain was born in
कालिक सूत्र के प्रथम अध्ययन का नाम. Aņuttara celestial abode
Name of the 1st chapter of named Aparăjita and after one the Dasavaikālika Sutra. श्रोध incarnation will attain salva
नि. ६५०; tion. अणुत्त० २, ७; (२) वृक्ष; 85. दुमसेण. पुं० (द्रुमसन ) तरावया भूत्रः वृक्ष; भाड़. a tree. नाया. १33; जीवा.
ના બીજા વર્ગના આઠમા અધ્યયનનું નામ. ३, ३; ठा. ४, ४;विशे० १३०, ७; १७२४;
अणुत्तराववाइ सूत्र के दूसरे वर्ग के आठवें उत्त० ५०, १; ३२, १०; दस. १, २ ., अध्ययन का नाम. Name of the 8th २, १; भग० २, ५, (३) यभरेन्द्रना पाय
chapter of the 2nd section ११४२ने। अधिपति. चमरेन्द्र की पैदल सेना of the Aņuttarovavāi Sūtra. का अधिपति. the commander of अणुत्त० २, ८; ( २ ) श्रेणि सन्नी the infantry of Chamarendra. ધારણ રાણેના પુત્ર, કે જે મહાવીર સ્વામી ठा०५,१; (४) मनामनु मामा पर्नु સમીપે દીક્ષા લઈ, ૧૧ અંગ ભણી ગુણરવણ એક વિમાન; એની સ્થિતિ અઢાર સાગર- તપ કરી, સેલ વરસ પ્રવ્રયા પાલી, વિપુલ પમની છે એ દેવતા નવ મહિને શ્વાસોશ્વાસ પર્વત પર એક માસન સંથારો કરી, લે છે, અને એને અદાર હજાર વર્ષ સુધી અપરાજિત નામના અનુત્તર વિમાનમાં सागे छे. आठवें देवलोक का द्रुम नामक एक ઉત્પન્ન થયા ત્યાંથી એક અવતાર કરી विमान; इसकी स्थिति १८ सागरोपम की है भाक्ष शे. श्रेणिक राजा की धारणा रानी के ये देवता नौ महिने में श्वासोश्वास लेते हैं पुत्र, जिन्होंने महावीर स्वामी से दक्षिा लेकर
और इन्हें १८ हजार वर्षों में क्षुधा लगता ११ अंगों का अध्ययन कर, गुणरयण तप कर है. a celestial abode named सोलह वर्षों तक प्रव्रज्या पालकर विपुल पर्वत Druina of the 8th Devaloka, पर एक मास का संथारा कर, अपराजित
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