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दुष्पगिहाण ]
na can not be properly made. पंचा० १, ३०; दुष्पoिहाण. न ० ( दुष्प्रणिधान) हिंसा माहि दुष्कृत्यां प्रणिधानयित्तनी ता. हिंसा आदि दुष्कर्मों में प्रणिधान चित्तकी एकाग्रता. Concentration or evil deeds such as injury etc. पंचा० १, २६; प्रवृ॰ २८४; १२२२; ठा०३, १; भग०१८,७ दुप्पणीयंतर. त्रि० ( दुष्प्रणीततर ) युक्ति हीन; अयुक्त अयुक्त; युक्तिहीन; उपाय रहित. Illogical; irrational; without means. सूर्य • २, ७, ६;
दुप्पणोल्लिय. त्रि॰ ( दुष्प्रणोद्य - दुःखन प्रणोद्यते प्रर्यते इति ) हु: मेथी मुश्डेसाथी प्रेरणा उरवा योग्य. जसे कठिनाई से प्रेरीत किया जा सके वह. Difficult to urge. सूर्य ० १, ३, १, ६०
दुम्प. र. त्रि० (दुष्प्रतर) के तरीन शाय ते. दुस्तर; जो पार न किया जासके वह Difficult to cross. “श्रंतमं दुष्पतरं महंत "
(
सू० १, ५, १, ११;
दुष्पमजणा. स्त्री० ( दुःप्रमार्जना ) हुष्ट रीते व्यविधि अमानते. दुष्टशीत से प्रमार्जन करने का काम. Brushing (sweeping) against the prescribed rules. श्राव० ४, ६, दुप्पमाजय. त्रि. ( दुष्प्रमार्जित ) हुष्ट रीते अविधि प्रमान उरेल. दुष्टरीति से अनुचित विधि स प्रमार्जित Improperly; brushed. प्रव• २८७; चारी. श्रि० ( - चारिन् ) अविधिमे हुष्ट रीते थुंकने ચાલનાર; અસમાધિના ત્રીન સ્થાનકને सेवनार ( साधु ). अविधि से प्रमार्जन कर चलने वाला; असमाधि के तीसरे स्थानक का सेवन करने वाला. ( one ) who walks without brushing the ground Vol. 11/25.
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[ दुप्पइंस
in a proper way; one who incurs the third stage of Asamādhi, सम• २०; दसा० १, ५, ६; दुप्पयार. पुं० ( दुष्प्रचार ) योरी विगेरे भा सायार, अन्याय. चोरी आदि दुराचार; अन्याय. Bad conduct like stealing etc; evil deeds. कप्प० ३, ३६; दुप्परक्कंत. त्रि० ( दुष्पराक्रान्त ) ना ३५२ भुश्डेसीथी पराइभ था शडे तेवु. वह जिसपर कठिनाई से पराक्रम किया जा सके. Diff cult to be assaulted or over
१६३ )
come. श्राया० १, ५, ४, १५६:
दुष्परिकम्मतर न० ( दुष्परिकर्मतर ) लु " दुपरिकम्मतस्य " देखा "दुपरिकम्मतरय" Vide "दुपरिक्रम्मतस्य " भग०
शब्द.
६. १;
दुप्पवेस. त्रि० ( दुष्प्रवेश ) मा घणी भुसीखे प्रवेश यह शुडे तेवु. जिसमें बड़े दुःख के साथ प्रवेश किया जासके ऐसा. Difficult to penetrate तंदु० जं० प० ओव• दुम्पसह. पुं० ( दुष्प्रसह ) से नामना भे
આચાય કે જે પાંચમા આરાને છેડે થવાના छे. इस नामके एक आचार्य जो पाँचवें आरे के अन्त में होने वाले हैं. A preceptor of this name who is to be born at the end of the 5th Arā ( छ part of the cycle of time ) प्रव० ७६५; - सूरि. पुं० (- सूरि) हु पसल नामना आयार्य दुप्पसद्द नामक आचार्य. a pre
ceptor of this name. प्रव० १४५१; दुप्पस्स. त्रि० (दुर्दर्श ) मुश्डेडीथी हेप्पाय ते. कठिनाई से दिखाई देने वाला Difficult to see. ठा० २, १;
दुष्प हंस. त्रि० (दुष्प्रध्वंस ) हिनताथी नारा
राय ते. जिसका नाश कठिनाई से हो सके ऐसा. Difficult to destroy.
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