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दढकेड]
( १२३ )
[ दढपहरण
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६४७; उत्त• ३४. ०८; -धम्मया. पुं. of Sumudra Vijaya of Dvārkā (-धर्मता ) धर्ममा ८५ . धर्म दृढता. city who being concecrated by orthodoxy. सम• ३२; -परक्कम. the lord Neminātha attained त्रि. ( -पराक्रम ) १८ ५२॥ भी. दृढ Siddhi on Satrulijya. His deपराक्रमी. of a firm prowess. दसा. scription occurs in the 10th ६, ३२; -प्पहार. त्रि० (-प्रहार ) ह. chapter of the 4th section of भगत प्रहार भारना२. दृढ प्रहार; Antagadadasa Sutra. अंत०३, ८; जोरदार मार; मजबूत मार. hard दढधणु. पुं० ( ढधनुष ) मुहीना भरत stroke. विवा० ३; -पहारि. त्रि. क्षेत्रमा यनार मामा मुख:२. जंबूद्वीप के ( -प्रहारिन् ) १. प्रा२ ४२नार. दृढ प्रहार भरत क्षेत्र में होने वाले पाठवें कुलकर. करने वाला. ( one ) who strikes The 8th would be Kulakara hard. नाया०१८; - लटि.बी० (-यष्टि) of Bharata region of Jabmuभगमन 151 दृढदंडा; मजबूत दंशा. a dvipa. ठा० १०(२) सु पना मे२वत hard stick. सत्त. १५५: -वहर.त्रि. क्षेत्रमा थनार सातमा पुर४२. जंबुद्वीप के (-वैर ) ४८ पैरवादी. दृढ -स्थिर वैर-शत्रुता ऐरवत क्षेत्र में होने व ले सातवें कुलकर. वाला. a relentless foe. तंदु. 7th Kulakara to come in the -~-घ. त्रि० (-व्रत ) ८ म त प्रत Airavata region of Bharata पा. दृढव्रती; स्थिर वत-प्रतिज्ञा वाला. Kse tra. सम० प० २४.; firm in austerity, vow.गच्छा०४१; दढनेमि. पुं०( दृढनमि) माता सूत्रना योया दढकड. पुं० ( दृढकेतु ) रक्त क्षेत्रमा पगना इसमां अध्ययन नाम. अंतगड सूत्र
थवाना चाहमा तीय ४२नु नाम. एरवत के चौथे वर्ग के दसवें अध्ययन का नाम.The क्षेत्र में होने वाले चौदहवें तीर्थकर का नाम. name of the 10th chapter of The name of the 14th would. the 4th section of Antagada be Tirthankars of the Aira- Sitra. (२) नेमनाय प्रभुना मा.नेम. vata region. प्रव०३.३;
नाथ प्रभु के बन्धु. the brother of दढणमि. ० ( दृढनेमि ) ६२४॥ नगरीना the lord Neminātha. अंत० ४, १;
समुद्रपियनी भार्या सीवापाथा यये। दढपइराण. पुं० ( दृढप्रतिज्ञ) सुर्यान देताना પુત્ર કે જે તેમનાથ ભગવાન પાસે દીક્ષા લઇ सावता अपनु नाम. सूर्याभ देवता के શત્રુંજય પર સિદ્ધ થયા તેને અધિકાર અંત आगामी भवका नाम. The name of ગડદશા સૂત્રના ચોથા વર્ગના દશમાં અધ્ય- the future life of the Süryā. यनमा छ. द्वारका नगरी के समुद्र विजयकी bha god सूय. २८७; (२) १०५७ भार्या शीलादेवा से उत्पन ( उनका ) पुत्र સંન્યાસીના આવતા ત્રીજા ભવનું નામ. जिसमे नेमिनाथ भगवान से दीक्षा लेकर शत्रु अम्बड सन्यासी के आनेवाले तीसरे भवका' जय पर सिद्धि प्राप्त की; इनका अधिकार अंत- नाम. the name of the 3rd wouldगडदशा सूत्र के चौथे वर्ग के दसवें अध्ययन be life of Ambada ascetic. श्रोव० में है. The son of Siladevi wife ४०; भग० ११, ११, १५, १; १४,८;
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