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खेतो ]
( वृद्धि) क्षेत्रनी वृद्धि-क्षेत्र परिलाभभां भेरवुं ते. क्षेत्रकी वृद्धि; बढता. extension of space. पंचा० १, २०; - संजोग. पुं० (-संयोग ) क्षेत्र संयोग क्षेत्र का संयोग. joining of two regions. अणुजो ० १३१; – संसार. पुं० ( - संसार ) हरा परिमित सूत्र; क्षेत्र३५ संसार - सोड. चीदह राज, परिमित क्षेत्र; क्षेत्र रूप संसार - लोक. the world consisting of 14 Rajaloka; the world having many divisions. ठा० ४, १; खेत्तो. अ० ( क्षेत्रतस् ) क्षेत्रथी. क्षेत्र से. From & Ksetra. प्रव० ७७६; भग०
(५७५)
२, १, २०, ५, ८ ८, २
खोत. त्रि॰ ( क्षेत्रिन् ) क्षेत्रवासी क्षेत्र वाला. ( One ) possessed of Ksetra. विशे० १४६२:
स्वेद. पुं० ( खेद ) पीडा; मेह: पीडाः खेद. Affliction; trouble. भग० १४, १; स्वम. पुं० ( बेम) उदयालुः उपद्रवना अभाव. कल्याण; उपद्रव का अभाव Welfare; absence of trouble. भगव २, १, उत्त० ६, २८; १०, ३५: २१, ६; ओव० दस ० ७, ५१; ६.४, २३; जीवा ० ३. ४; दसा० ४ ८: नाया० २ ५; पक्ष २; भत्त• ३६; – रूव. त्रि० ( - रूप ) स्यागुडा२४; उपद्रवरहित कल्याणकारी; उपद्रव रहित benificial; happy; free from trouble. ठा० ४, २, खेमश्र. पु० ( क्षेमक ) अन्तगरसूत्रना छा वर्यांना पांयमा अध्ययननुं नाम. अंतगढ सूत्र के छठे वर्ग के पांचवें अध्याय का नाम. Name of the 5th chapter of the 6th section of Autagada Stra. अंत० ६.५ (२) ही નગરીને રહેવાસી એક ગાધાપતિ, કે જેણે
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[ खेमंधर
મહાવીર પાસે દીક્ષા લઇ સેાળ વર્ષની પ્રત્રજ્યા પાળી વિપુલપર્વત ઉપર સંથા श्री सिद्धि भेजवी. काकंदी नगरी के रहने वाले एक गाथापति, जिनने महावीर स्वामी के पास दीक्षा ले सोलह वर्षका प्रव्रज्या पाल विपुल पर्वत पर संथारा कर सिद्ध गति प्राप्त की. a merchant of the Kākandi city who was initiated by Mahāvīra. He practised asceticism for sixteen years gave up food and drink for ever and obtained final bliss on the Vipula mountain. अंत० ६, ५;
खेमंकर. त्रि० ( क्षेमङ्कर - क्षमं करोतीति ) क्षेभ उशल ( रक्षा ) ४२नार क्षेम कुशल (रक्षा) करने वाला. A protector. सूर्य० २,६, ४, ओ० (२) पुं० मे नामनो सट्टभो मला. इस नाम का अडसठवां महाग्रह. name of the 68th great constellation. सू० १० २०९ ठा० २१ २३ ( ३ ) पांयम गरनु नाम पांचवें कुलकर का नाम. name of the 5th Kulagara. जं० प० ( ४ ) द्विपां शेरावत क्षेत्रमां धनार गोथा उस२. जंबूद्वीप में ऐरावत क्षेत्र में होने वाले चौथे कुलकर. the fourth would be Kulagara of Airavata country in Jambudvipa सम० १० २४०; खेमंधर. पुं० (क्षेमंधर- क्षेमं धारयति अन्यकृतम् यः ) पिना मेरावत सूत्रमा थनार पांव २. जंबूद्वीप के ऐरावत क्षेत्र में होने वाले पांचवें कुलकर. Name of the 5th would-be Kulagara of Airãvata country in Jambudvipa. सम० प० २४०; जं० प० (२) छ। उन २ नाम छट्टे कुलकर का नाम name
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