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अपरोवघाइया ]
(३०४)
[अपवरक
१२नार नलि; पासत्या, असन्न, शीलीयो, परियोगिका अपरियोगिकाः ) यारे माना संसात अने यथारू ५ दूषित साधु. मूल शानवाणे नहिविशाल ज्ञानरहित. विशाल गुणदोष और उत्तरगुणदोष का त्याग न करने | ज्ञान रहित; विस्तृत ज्ञान रहित; चारों ओर के वाला; शिथिलाचारी, अवसन्न, कुशीली, संसक्त ज्ञान से रहित. Not possessed of
और यथाच्छंदरूप पांच प्रकार के दूषित साधु. A | thorough and extensive knowSädhu not abstaining from ledge. भग० २, ५; Mula Guna and Uttara Guna; | *अपलिश्रोवमाण. व. कृ. त्रि० (अगोपयत्) one of the five sorts of tainted | नशापयती; न संतातो. न छिपाता हुआ. Sadhus e.g. Pasattha, Avasa- Not hiding; not concealing. nna ete. पाया. नि. १, १, १; (२) आया० १, ७, ४,२११; सन्यतीर्थी गृहस्थ. जैनेतर गृहस्थ. a
अपलिक्खीण. त्रि० (अपरिवीण) क्षय पामेर IIOli-Jaina. वव० २, २७,
नलि. जिसका क्षय नहीं हुआ हो वह; जिसका अपरोवघाइया. स्त्री० (अपरोपघातिका)
विनाश नहीं हुआ हो वह.Not destroyed; પરને બીજ જીવને ઉપધાત-દુઃખ-ત્રાસ ન
not decayed. ओव० ४२; ઉપજાવનાર ભાષા; સાંભળનારને આધાત ન याय तेवी मार-मोखी. दूसरे जीव को दुःख
अपलिच्छिण्ण. त्रि० (अपरिच्छिन्न)।
"अपरिच्छिराण"श६. देखो' अपरिच्छिण्ण' त्रास आदि न पहुंचाने वाली भाषा; जिससे सुनने
शब्द. Vide 'अपरिच्छिण्ण'. वव.३,१%B वाले को आघात न हो ऐसी बोली. Inoffen
अपलिमंथ. पुं० (अपरिमन्थ) स्वाध्याय याद sive speech. भग० १८, ७;
કાર્યમાં પરિમંથ-અંતરાય–વિશ્ચને અભાવ. अपलापय. त्रि. (अप्रलापक) प्रसा५ न
स्वाध्याय श्रादि कार्य में विघ्न का अभाव. ७२ना२. प्रलाप न करने वाला. (One)
Absence of obstacles in the not prattling. भग० १५, १;
work of religious study etc. ४ अपलिउंचमाण. व. कृ. त्रि० (अपरि
उत्त० २६, ३४; कुञ्चयत् ) न छुपायत; न संतातो. नहीं
अपवग्ग. पुं० ( अपवर्ग) मोक्ष. मोक्ष. Absoछिपाता हुआ. Not concealing; not
__lution; final emancipation. भत्त०४; पाया० २, ५, १;
अपवडय. पुं० (अपवटक)त; तावी. तवा. अपलिउंचिय.सं. कृ०अ०(अपरिकुञ्च्य) माया |
A pan to bake bread. भग० ११, ११; नसरीने. माया-कपट न करके. Without
अपवत्तण. न. (अप्रवर्तन) प्रवृत्तिना having recourse to fraud. निसी.
समाव. प्रवृत्ति का अभाव. Absence २०, १०; वव० १,१;
of activity. पंचा० ४, ४५; अपलिउज्जिय. त्रि०(अपरियोगिक-परि-समं. अपवरक. पुं० (अपवरक ) |311. सात् योगिकाः परियोगिकाः परिज्ञानिनः, न कमरा; कोठा. A room. जीवा० ३, ३; x नोट-आया० १, ७, ४, २११; श्रा-स-पा. मा 'अपलिअोवमाण' मेवे। पा४ छे. ४ नोट-पाया. १, ७, ४, २११; आ-स-पा-में 'अपलिओषमाण ' यह पाठ है. x Note, one reading is. 'अपलिअोवमाए'
hiding.
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