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ग्रन्थ ]
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meaning of पंचा० ३, ६ - उग्गहपुं० (- अवग्रह ) व्यंन्नाव पछी अर्थनं સામાન્યપણે ગ્રહણ કરવું તે; પાંચ ઇંદ્રિય અને મનસાથે પદાર્થના વ્યક્ત સંબંધ થાય તે. व्यंजनावग्रह के पश्चात् अर्थ का सामान्यतया ग्रहण करना; पांच इन्द्रिय और मन के साथ पदार्थ का व्यक्त सम्बन्ध होना. percep tion of a determinable senseobject; the definite connection of the sense-object with five sense organs and the mind. सम• ६, नंदी ० २७; क० गं० १, ५ उग्ग्राहण. न० (- अवग्रहण ) रीना ने निश्चय अश्व ते. करनी-कर्म के फल का निश्चय करना determining about the results of actions. भग० ११, ११:
- श्रोग्गड. पुं० (- श्रवग्रह ) पांयद्रिय मने મનની સાથે પદાર્થોને રસંબંધ થતાં જે प्रथम सामान्य जोध थाय ते. पांच इन्द्रिय और मन के साथ पदार्थों का सम्बन्ध होने पर जो प्रथम सामान्य बोध होता है वह. the first perception of a determinable sense-object due to the connection of the object with the five sense-organs and the mind. कप्प० १, ७; विशे० २६५; भग० ८, २ ठा०२, १;- श्रोग्गहण. न० ( - श्रवग्रहण ) इसनिश्चय फल का निश्चय. certainty about result भग० ११, ११; -- कंक्खिय. त्रि० ( - काङ्चिन् ) अर्थ--धननी आांक्षा तृष्णावा. धन की तृष्णा वाला. desirous of, hankering after, wealth. भग० १, ७; १५, १:- कर. त्रि० (-कर ) धन भेजवनार. धन उपार्जन करने वाला; द्रव्य संपादन करने वाला. one, acquiring we
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[ अत्थ
alth. वव० १०, ४; - - कहा. स्त्री० (कथा) અર્થ-દ્રવ્યસંબંધી કથા, જેમ કે દ્રવ્ય વિનાને मनुष्य तृष्ण तुझ्यछे त्याहि धन संबंधी कथा, जैसे कि, धनहीन मनुष्य तृण के समान है इत्यादि. talk obout wealth ; e.g. talking about the miseries of poverty. ठा० ३, ३ - कामश्र- थ. त्रि० (-कामक- अर्थे दृष्ये कामो वाम्दामात्रं यस्याऽसावर्थकामकः ) द्रव्यनी बांच्छना पाणी द्रव्य की चाह वाला. desirous of wealth. भग० १, ७; —– गवेसण्या. स्त्री० (* - गवेषणता - गवेषणा) धननी गवेषणाशोध १२वी ते. धम की खोज करना search after wealth. भग० १५, १ – गवेसि. त्रि० ( गवेषिन् ) घननी गवेषणा - शोध २२. धन का अन्वेषण - खोज करने वाला. ( one ) searching after wealth.
भग०
१५, १;--ग्गहण न० (-ग्रहण ) અર્થ-પદાર્થનું જ્ઞાન; પદાર્થને નિશ્ચય કરવા ते. अर्थ-पदार्थ का ज्ञान; पदार्थ का निश्चय करना knowledge of the meaning of a word or words etc. विशे० ७; -जाय न० (-जात) द्रव्यना अमार-मीन, गरास, मनवर वगेरे. द्रव्य का भेद-जमीन, जागीर, पशु आदि. different forms of wealth; e. g. land, animals etc. वेय ० ० १०, १८ पंचा० १०, ३३; - जोगि. त्रि० (-योनि) पैशानी उत्पत्तिनां स्थान; पैशा भेजववाना उपाय धन की उत्पत्ति का स्थान; धन उपार्जन करने का उपाय means of gaining money. तिविहा श्रत्थजोणी पन्नत्ता, संजहा- सामे दंडे भेए " ठा० ३, ३; - य. पुं० (- नय) अर्थप्रधान नय; अर्थनी माश्रय ४२नार-नैगम, संग्रह, व्यवहार भने ऋसूत्र से यार नय. अर्थप्रधान नय; अर्थ का आश्रय लेने वाले नैगम, संग्रह, व्यवहार
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