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अतिप्पर ]
अतिप्पए. श्र० • (अतिप्रगे) परे। डी. प्रातःकाल; In the early
भोर; बिल्कुल सुबह. dawn प्रोघ० नि० ४१४; अतिष्यंत व० कृ० क्रि० (अतृप्यत्) अधरातुं; तृप्तिन पातु. तृप्ति न पाता हुआ. Insatiate; unquenching. "तं चिय श्रइप्पमाणं, भुंजइ जं वा प्रतिप्पंतो "' fto fo
६४७;
श्रतिप्पण्या स्त्री० ( श्रतेपनता - श्रतेपन ) પસીને વળે,લાળ ઝરે, આંસુ ખરે તેવાં રુદનનાં કારણે દૂર કરવાં તે; આંસુ ઝરે તેવું રુદન ન २ ते रुदन के ऐसे कारणों का दूर करना जिनसे पसीना निकले, लार टपके और सू गिरें; ऐसे रुदन का न करना जिसमें आंसू गिरें. Removal of the causes of bitter weeping accompanied with perspiration, and dropping
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of saliva and tears; not to weep with tears dropping. भग० ७, ६; श्रतिप्पयंत. व० कृ० त्रि० ( अतृप्यत् ) भुमो "अतिप्पंत " शह देखो" प्रतिपंत शब्द. Vide " श्रतिप्पंत. दसा० ६, २७; प्रतिप्पसंग पुं० ( प्रतिप्रसङ्ग) लुभे । “अइप्पसंग ६. देखो " इप्पसंग शब्द. Vide" अप्पसंग " पंचा० १०, २१; अतिबल. त्रि० ( अतिबल ) अतिपूणवान्. बहुत बलवान्. Very powerful. सम• प० २३५;
अतिमंच. पुं० ( श्रतिम) लुभे। " श्रइमंच " श६, देखो अइमंच " शब्द. Vode
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( २४१ )
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'श्रइमंच. " जीवा० ३;
अतिमहिच्छ. त्रि० ( श्रतिमहेच्छ ) धो संतोषी; मोटी छावा बहुत असन्तुष्ट; बहुत बड़ी इच्छा वाला. Extremely ambitious; highly discontented.
पराह० १, ३;
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प्रतिमुच्छिय. त्रि० ( प्रतिमूर्च्छित ) मो मुच्छिय " शह देखो " श्रइमुच्छिय " शब्द. Vide "श्रइमुच्छिय." परह ० १ ३; प्रतियर धा० I ( श्रति+चर् ) उलंधन ३२; अति भणु ५२पुं. उल्लंघन करना; अतिक्रमण करना. To transgress; to violate.
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श्रतियरंति सूय० २, ७, ६६
अतिराउल न० ( अतिराकुल- अतिशयोरै:
समृद्धिरस्ति यत्र तच्च तत् कुलञ्चेति ) यतिसमृद्धिवानुं ग बहुत बड़ी समृद्धि वाला कुल. A very opulent family.
पन० ११;
[ अतिवश्चंत
अतिरित्त त्रि० (अतिरिक्त) लुभे। “अइरित्त" १६. देखो इरित्त शब्द. Vide "इरित. " भग० २५, ३ सूर्य० २, ६, १५; -- सेज्जासणि. पुं० [स्त्री० (- शय्यासनिक ) भर्यांहाथी अधि शय्या पाट पाटा વગેરે રાખનાર; અસમાધિનું ચેથું સ્થાનક सेवनार साधु मर्यादा से अधिक शय्या, पाट श्रादि रखने वाला; असमाधि का चौथा स्थानक सेवन करने वाला साधु ( one ) who keeps bedding wooden seats etc. in excess of the prescribed limit. सम ० २०;
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अतिरेग. त्रि० ( अतिरेक ) लुओ " अइरेग
शु*६. देखो “श्रइरेग” शब्द. Vide“ अइरेम.”
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भग० २४, १;
अतिल्लिय. त्रि० (अतैल ) तेलना अंश विनानु. तेल के अंश से रहित. Free from oil. तंडु०
अतिवश्चंत व० कृ० त्रि० ( प्रतिव्रजत्) अतिशय न्तो गति उरतो. अतिशय गमन करता हुआगति करता हुआ. Walking moving too far. जीवा ० ३;
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