________________
अचलपुर]
(८१)
[ अचाइय
दूसरे वर्ग के पांचवें अध्याय का नाम, जिसमें अचला. स्त्री. (अचला ) शनी सातमी अंधकवृष्णि राजा की धारणी राणी का पुत्र समलिषी. शकेन्द्र की सातवीं अग्रमाहिषी. जो नेमिनाथ प्रभु से दीक्षा लेकर, गुणरयण तप The seventh of the favourite करके सोलह वर्ष की प्रव्रज्या पाल कर और एक ___queens of Sakrendra. नाया० २; मास का संथारा ( अनशन ) कर शत्रुञ्जय पर श्रचलिय. न. (अचलित ) वस्त्र तया शरीर सिद्ध दुआ. Name of the 5th chap- હાલે નહિ એવી રીતે પડિલેહણું કરવું તે; પતિter of the 2nd section of the सगुना मे गुण. वस्त्र तथा शरीर न हिले, Antagada Sūtra, where the इस प्रकार पडिलेहण करना; पडिलेहण का एक son of Dharani, the queen of गुण. Carefully passing the eyes king Andhakavrisni, is men- over a thing without giving tioned. He was initiated by motion to the body or the Lord Nominātha, and he practi- clothes. ठा० ६,१; (२) असा यक्षायsed the Guņarayaņa austerity, माननथयेस. अचल; स्थिर. steady. नाया। observed asceticism for 16 years ८; पंचा० १४, १४; भग० १,१०;--कम्म. and after a month's entire न० (-कर्मन् ) मयसित भ; यमां fasting attained final beatitude माय नहि मे भ. जिस कर्म का उदय न
on mount Satrunjaya. अंत• २, ५; हुआ हो वह. Karmas which have अचलपुर. न० ( अचलपुर ) यमदीपनी not matured. भग० १,१;
પાસે આવેલા આભીર દેશમાંનું એક નગર, अचवचव. वि. ( अचयधव ) यवयव मेवा કે જેમાં રેવતી નક્ષત્ર આચાર્યના શિષ્યોએ श-४-२५410 त. 'चवचव' इस प्रकार के सीमा सीधी. ब्रह्मद्वीप के पास वाले आभीर शब्द से रहित. C naecompanied with देश का एक नगर; जिसमें रेवतीनक्षत्र sound produced by chewing.
आचार्य के शिष्यों ने दीक्षा ली थी. A city | " असुरसुरं अचवचवं प्राहारमाहारेइ " in the Abhira country near भग०७, १; पण्ह० २, १; Brahmadvipa where the discip- | अचवल. त्रि. (भचपल ) सयलयसता les of an Achārya named રહિત; સ્થિર સ્વભાવવાળો; મન, વચન અને Rovatīnakşatra took Dikṣā. या वर धेर्य रामना२. चपलता रहित; स्थिर नंदी. स्थ० ३२;
स्वभाव वाला; मन, वचन और काया से अचलभाया. पुं० (* अचलभ्राता-अचलभ्रातृ)
धैर्य रखने वाला. Not restless%3 महावी२२वामीना नवमा मध२. महावीर steady. “अतुरियमचवलमसंभत्ते मुह स्वामी का नवाँ गणधर. The ninth Ga- पोतियं पडिलेहेई" भग० २, ५, ७, १०; nadhara of Mahāvira Svāmī. नाया० १; राय० ३३; दस ८, २६; उत्त. नंदी० स्थ० २०; सम० ११; ७२;
३४, २७; कप्प० १, ५; सम० प० २३६; अचलमाण. व. कु. त्रि. (प्रचलत्) नयासतुं. अचाइय. त्रि. ( * अशक्त ) सशत; न चलता हुआ. Motionless; not मसमर्थ. अशक्त; सामर्थ्य रहित. Powermoving. कप्प० ६, ४५;
| less; incapable. तमचाइयं तरुणम
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org