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अकम्मभूमग]
[श्रकम्हा
One of those who depend लिया. तीस अकर्मभूमि-भोगभूमि में उत्पन for their livelihood entirely on मनुष्य; जुगलिया. Men belonging to
Kalpavriksa ( wish-fulfilling the thirty lands of inaction; the tree ) without doing any busi- Jugaliyas. ठा० ३, १; ness e. g. of fighting, writing or agriculture; one of the Juga
अकम्मया स्त्री० (अकर्मता) भनी सभाप; _liyas. उत्त० ३६, १९७;
भनी छे. कर्म का अभाव;कर्म का उच्छेद. अकम्मभूमग.पुं०(अकर्मभूमक-कर्म-कृषिवा
Absence of Karma; eradication णिज्यादि मोक्षानुष्ठानं वा तद्विकला भूमिये
of Karma. उत्त० २१,७१, षां तेऽकर्मभूमास्त एवाकर्मभूमकाः) - अकम्मवीरिय. न. (अकर्मवीर्य) पंडित भूमिना गर्ममनुष्य; गुगलिया. अकर्मभूमि | वीर्य; पंडितलावसहित सामर्थ. पण्डित (जिस समय पृथ्वी पर बिना कृषि, बाणिज्यादि वीर्य; पंडितभावसहित सामर्थ्य. Power कर्म किये भी मनुष्य जीवन निर्वाह कर सकता coupled with wisdom. सूय०१,८, १; है ) के गर्भज मनुष्य; जुगलिया. One of अकम्हा. अ० (अकस्मात्) म; अन्यान the Jugaliyās born in a land अचानक; एकदम. Accidentally; devoid of any action such as suddenly. सु० च० ४, २६२;-दंड.पुं० agriculture etc. पन्न. १;
(-दण्ड) थार्या नगर सभात-मायितुं अकम्मभूमय. पुं० (अकर्मभूमक) नुमे। એકને હણતાં બીજું હણાઈ જાય તેનું ચોથું 'अकम्मभूमग' श६. देखो "अकम्मभूमग" यिास्थान. एक को दण्ड देते समय बिना
शब्द. vide “ अकम्मभूमग". सम. १४; निश्चय के अकस्मात् दूसरे को दण्ड दे देना; अकम्मभूमि, स्त्री० (अकर्मभूमि) मोगभूमि; चौथा क्रियास्थानक. striking a wrong કૃષિઆદિ કર્મ રહિત કલ્પવૃક્ષ વાળી ભૂમિ; person quite accidentally; the गुगलियाना ३० क्षेत्र. भोगभूमि; कृषि आदि fourth Kriyasthānaka. ठा० ५, २; कर्मरहित कल्पवृक्ष वाली भाम; जुगलियाओं सम० १३; प्रव० ८३०-दंडवत्तिय. के ३० क्षेत्र. ( ऐसे ३० स्थान हैं जहाँ जुग- पुं०न०(-दण्डप्रत्ययिक-अकस्मादण्डःप्रत्ययः लिया उत्पन्न होते हैं ) Any of the 30 कारणं यस्य) याथु यिास्थान; मेने regions of inaction for the Juga- મારવાનું ધારી મારતાં અકસ્માત બીજાને liyās; the land of enjoyment. भारी नाम ते. चौथा क्रियास्थानक; एक "कइ विहेणं भंते? अकम्मभूमीनो परणत्ताओ को मारने का निश्चय कर अकस्मात् दूसरे को गोयमा ! तीसं अकम्मभूमीनो ५० त. मारडालना.the fourth Kriyasthaपंच हेमवयाइं पंच हेरण्णवयाइं पंच naka originating from killing or हरिवासाई पंच रम्मगवासाई पंच देवकुराई striking a wrong person quite पंच उत्तरकुराई" भग० २०, ८; २५, ६, ७; accidentally.सूय० २, २, १७-भय. प्रव. ३६
न० (-भय ) माध निमित्त विना ४८५ना अकम्मभूमिय. पुं० स्त्री० (अकर्मभूमिज) માત્રથી ઉત્પન્ન થતું ભય; સાત ભયમાંનું श्रीस मर्मभूमि-नारालमिना मनुष्य,
. बाह्य कारण के बिना कल्पनामात्र से
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