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पश्चिम
यंत्र
३८ - शान्ति चक्र यंत्रोद्धार
就在
स्वाहा
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किपुरुषाय बोहो स्वाहा निरोप
पातालाय
यो हो
ओ हीं बृहस्पतये स्वाहा दावी हो श्रीमा
स्वाहा
ओ ह
स्वाहा
हो
स्वाहा
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ओ हो
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ਉਹ ਵੀਰ ਚ
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स्वाहा
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स्वाहा ब्रह्मवाय
बो हीं
स्वाहा
ओं ही शुक्राय स्वाहा
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स्वाहा पवनोष हो
स्वाहा
"ओहो
भूतेद्राय स्वाहा
ओ ह्रीं
स्वाहा
ओ हो बुधाय स्वाहा
नैऋताय ओ हो स्वाहा
स्वाहा
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हेन्द्राय सानत्कुमाराय ईशान
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ओ हो स्वाहा महामानसी देखें
ओ ही
जोहा
भगाये
ओ हों
गोव स्वाहा
ओहो
स्वाहा
महाकाल्यै
ओ हों
राक्षसेन्द्राय यक्षेन्द्राय ओहीं
स्वा
स्वाहा लान्तवेन्द्राय
ओ हो
स्वाहा
मोडीं मातथ्ये स्वाहा
स्वाहा
विजयाये
ह्रीं
12132
स्वाहा
ज्वालामालिन्ये ।
जो हों
ओहीं गन्धर्वेन्द्राय स्वाहा
बेरोट म हों
उत्तर
-क्षओं हो शनैश्चराय स्वाहा
स्वाहा
कुबेराय
स्वाहा शुक्रेन्द्राय
ओ हों
स्वाहा
अच्युता ओँ हों
स्वाहा
अपराजितायें ओ हों
स्वाहा अपराजिताये
म हीं
ओ हों ज्वालामालिन्ये स्वाहा
珍珠
ओह सर्व साधु सम्यकेचा स्पोनम रिवाय नम
ओ हो मोहापे
ओ ह्रीं स्वाहा
काव्ये
स्वाहा
ओ हों पुरुववक्षायै
स्वाहा
ओं ह्रीं ( अहंदभ्यो
नम
ओ हीं (उपाध्यायेयो नम यों हीं सभ्यता मोही नाय नमः आचार्यभ्यो
३६२
ओहीं स्वाहा
बहुरूपिण्यै ओ हों
अपराजिताये ओं ह
स्वाहा
स्वाहा
स्वाहा
प्राणतेन्द्राय आनतेन्द्राय शतारेन्द्राय भो ह
ओ हीं
เมล
दक्षिण
ओ सम्यकेत पसे नमः
स्वाहा
ओ हो स्तभिन्यै
ओ हीं सिद्धेभ्यो
नम
जो हो, सम्यग्दर्शन नाय नमः
ओ हौं विजयायें
स्वाहा
ओ ह
अहीत चलाये
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म हों
यमाय
स्वाहा
ओं हों भौमाय स्वाहा
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोषा
स्वाहा
चामुण्डाये ओ ह्रीं
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ओ ह्रीं
1 हों जाये
महामानतो देख मानतो दे
ओ ह्रीं
बोही
ओहीं
मन्त्राकुशाये
स्वाहा
ओं ह्रीं महाकाल्यै
ओ हों काल्य स्वाहा
स्वाहा
ओ हों
ओ हों महोरगेन्द्राय किश्वेन्द्राय किनरेन्द्राय को ह ओ हो
दिगोन्द्राय स्वाहा
स्वाहा
स्वाहा
स्वाहा
प प ीँ
मनोवेगायें
स्वाहा
स्वाहा
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यो ह
ओ हों
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कुष्मांडिये
ओ-न्हों
स्वाहा
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ओ ह दीपेन्द्राय
स्वाहा
ओ हो
स्वाहा
स्वाहा
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कहीं
पद्मावत्ये
स्वाहा
ओहीं
B हों पद -
वारणेन्द्राय
ओ हो
स्वाहा
ओहीं
स्वाहा
ओ ही
पुरुषतायें व भूखलाये
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" हो
स्वाहा
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३८. शान्ति चक्र यंत्रोद्धार यंत्र
ओं हों राहने स्वाहा
ईशानाय
स्वाहा
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ओ ही
वालेन्द्राय
ओ हो
उदयोन्द्राय स्तनितेन्द्राय
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स्वाहा
1205
ओ हो
अग्नये
स्वाहा
ओ हों सोमाय स्वाहा
ओ हों
सहाय स्वाहा ओ हों धरणेन्द्राय स्वाहा ओं ह्रीं मालगाय स्वाहा
ओहीं
गोमुखाय स्वाहा ओ ही B महापक्षीय स्वाहा ओ ह्रीं त्रिमुखाय
स्वाँहा
ॐ
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