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तीर्थकर
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५. तोयंकर परिचय सारणी
६. विदेहक्षेत्रस्य तीर्थकरोंका परिचय
१ जयसेन प्रतिष्ठा पाठ/५४५-५६४
१. त्रि. सा./६८१ २. म. पु./७६/४६६ ३. जयसेन प्रतिष्ठा पाठ/५६५
१नाम
२ चिह्न
३ नगरी
४ पिता
५ माता
६ विदेहस्थ तीर्थंकरों की संख्या
सीमन्धर
पुण्डरीकणी
युगमन्धर
श्री रह सुग्रीव
माहु
हरिण
सुसीमा
विजया
सुबाहु
अबध्यदेश
सनन्दा
सित्थद्धसयलचक्की सविसयं पुहवरेण अवरेण । वीसं वीसं सयले खेत्ते सत्तरिसयं वरदो ।६८१॥ तीथकर पृथक-पृथक् एक एक विदेह देशविषै एक एक होइ तब उत्कृष्टपनै करि एकसौ साठि होइ। बहुरि जघन्यपने करि सीता सीतोदाका दक्षिण उत्तर तट विर्ष एक एक होइ ऐसे एक मेरु अपेक्षा च्यारि होंहिं। सब मिलि करि पंच मेरुके विदेह अपेक्षाकरि बीस हो है।
संजात
सूर्य
अलकापुरी
देवसेन
स्वयंप्रभ
चन्द्रमा । मंगला
ऋषभानन
मुसीमा
वीरसेना
अनन्तवीर्य
सूरिप्रभ
ऋषभ
विशालप्रभ
पुण्डरीकणी
वीर्य
विजया
वज्रधर
शंख
पद्मरथ
सरस्वती
चन्द्रानन
पुण्डरीकणी
दयावती
कमल
रेणुका
चन्द्रबाहू भुजंगम
चन्द्रमा
महाबल
मुसीमा
गलसेन
ईश्वर नेमिप्रभ
ज्वाला
१६
१७ वीरसेन
पुण्डरीकणी
भूमिपाल
वीरसेना
विजया
देवराज
उमा
महाभद्र देवयश
मुसीमा
स्तवभूति
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अजितवीर्य
कमल
कनक
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