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इतिहास
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१०. आगम समयानुक्रमणिका
विषय
ई० सन् रचयिता
| भाषा
4. भाष
हि
सं६३ नाममाला
समय
समय ग्रन्थ
ग्रन्थ
रचयिता ई. सन्
विषय ५३२१ नेमिनाथ पुराण | १५२८
| यथा नाम |सं५७५/ कथाकोष १५८३-१६०५/देवेन्द्र की ति | यथा नाम ५३३, श्रीपाल चरित्र
|..५७६, श्रीपाल चरित्र १५६४ कवि परिमल्ल ५३४ सिद्धांतसारभाष्य १५२८-५६ | ज्ञानभूषण | "
,,५७७ पार्शवनाथ पुराण १५१७-१६२४/- चन्द्रकीति कवि महीन्दु
अप ५७८ शब्दरत्न प्रदीप ९५६६-१६१० सोमसेन । ५३५ सतिणाह चरिउ
स० शब्दकोष
५७४/ धर्मरसिक ५३६ चेतनपुद्गलधमाल १५३२
पचामृत अभिषेक चिराज | यथानाम रूपक " (त्रिवर्णाचार)
आदि ५३० मयण जुज्झ
| मदनयुद्ध ..८० रामपुराण
यथानाम ५३८ मोहविवेक युद्ध
यथानाम ५३६/ संतोषतिल
सन्तोष द्वारा लोभको, जयमाल
जोतना (रूपक) १७ ईसवी शताब्दी १७:-- ५४० टंडाणा गीत
ससार दुखदर्शन ,१८१ अध्यात्म सवैया १६००-१६२५ रूपचन्दपाण्डे, अध्यात्म ५४१ भुवनकीर्ति गीत भुवनकी तिकीप्रशस्ति ५८२ खटोलनागीत
(रूपक) चार ... ५४२ नेमिनाथ राजमतिके
कषायरूप पायो । बारहमासा उद्गार
का खटोलना ५४३ नेमिनाथ वसंत
नेमिनाथ वैराग्य .५८३ परमार्थ गीत
अध्यात्म ५४४ कार्तिकेयानु
१५४३ । शुभचन्द्र यथानाम | प्रेक्षा टीका
स५८ दोहा शतक भट्टारक ५८५ स्फुटपद
भक्ति ५४५ जोवन्धर चरित्र | १५४६
५८६ यशोधर चरित्र
ज्ञानकीति यथानाम ५४६ प्रमेयरत्नाल कार १५४४ चारुकीर्ति
५८७ शब्दानुशासन १६०४ ५४७गीत वीतराग
भट्टाक्ल के स. शब्द कोश | ऋषभदेवके १० जन्म ।।
चूडामणि
तुम्बूलाचार्य
१६०४ ५४८] पाण्डवपुराण
षट्खण्ड टीका शुभचन्द्र यथानाम सं.१८६ भक्तामर कथा
रायमल | यथानाम भट्टारक
विमल पुराण | १६१७ ५४६/ भरतेशवैभव । १५५१ रत्नाकर
ब कृष्णदास प.जिनदास पंचनमस्कारमहात्म्य
मुनिसुव्रत पुराण ५५०/होलोरेणुकाचरित्र
| १६२४
हि५६२) ब्रह्म विलास १६२४-१६४२ भगवती दास अध्यात्म ५५१ करकण्ड्ड चरित्र १५५४ शुभचन्द्र भ. यथानाम
(१६१३) प.बनारसी एकार्थक शब्द ५५२ कर्म प्रकृति टी. १५५६-७३ ज्ञानभूषण मसिद्धान्त ५५३ भविष्यदत्तचरित्र १५५८ .सुन्दरदास यथानाम
| ४| समयसार नाटक (१६३६) ५५४ रायमल्लाभ्युदय
२४ तीर्थड्रोका अर्धकथानक (१६४४)
अपनी आत्मकथा जीवन वृत्त १४ कर्म प्रकृति टी १५६३-७३ सुमतिकार्ति कर्म सिद्धान्त
५६६ बनारसी विलास (१७०१) ५५६ कर्मकाण्ड
६७ अध्यात्मोपनिषद १६३८-१६८८ यशोविजय अध्यात्म ५५० पंच संग्रह वृत्ति
"१६८ अध्यात्मसार
(श्वे) Rea, जय विलास
पदसंग्रह ५५८ सुखबोध वृत्ति लगभग १५७० पं.योगदेव तत्त्वार्थ सूत्र टी
जैन तर्क
न्याय | भट्टारक ५१६ अनन्तनाथपूजा
स्याद्वाद् मब्जूषा १९७३
यथानाम गुणचन्द्र
शास्त्रवार्ता | अध्यात्मकमल २१७-१४१३4 राजमल अध्यात्म मार्तण्ड
__ समुच्चय ५६१ पचाध्यायी पदार्थ विज्ञान J६०३/ दिग्पद चौरासी
दिगम्बरका खंडन १६२ पिगल शास्त्र
छन्द शास्त्र
६०४ चतुर्विशति १६४२ पं. जगन्नाथ २४ अर्थों वाला ५६३ लाटी सहिता
श्रावकाचार | सन्धानकाव्य
एक पद्य ५६४ जम्बूस्वामोचरित्र
यथानाम ६०७ श्वे पराजय १६४६
केवलि भक्ति
निराकृति ५६६ द्वादशाग पूजा १५७६१६१६ श्रीभूषण
.,६०६ सुख निधान १६४३
श्रीपालकथा ५६७ प्रतिबोध
मूलस की ..]६०७ शीलपताका १६६६ महीचन्द्र सीताकी अग्नि मरा चितामणि उत्पत्तिकी कथा
परीक्षा ५६८ शान्तिनाथपुराण
यथानाम १८. ईसवी शताब्दी १८ -- ५६६ सत्तवसनकहा १५८० मणिक्यराज
६.८) चिद्विलास ।१७२२ पं.दीपचन्द, अध्यात्म ५७० ज्ञानसूर्योदय ना १५८०-१६०७, वादिचन्द्र , रूपक काव्य ५७१, पवनदूत
मेघदूतकी नकल
1,६०६/ स्वरूपसम्बोधन
जीवन्धर पुराण १७२४--४४ जिनसागर | ५७२ पार्शव पुराण
यथानाम
जैन शतक १७२४ प. भूधरदास पद सग्रह ५७३ श्रीपान आख्यान
पद साहित्य १७२४-३२ ।
अध्यात्म पद ५७४ सुभग सुलोचना।
पार्श्वपुराण १७३२
यथानाम चरित्र
(१६१३)
५६५
५६५ हनुमन्त चरित्र
Mirrrry
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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