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इतिहास
८. आचार्य समयानुक्रमणिका
४५३|
१५०६/ १५५०
समय । नाम गुरु या प्रधान कृति ।
समय
। नाम गुरु या विशेषता प्रधान कृति विशेषता १६. ईसवी शताब्दी १५ -
४८६ १५००-१५४१ । विद्यानन्दि ३, विशालकीर्ति ४४० पूर्वपाद जयमित्रहल अपभ्र श कवि मल्लिणाह कब ४८१ १५०१
जिनसेन भट्टा, ४] यश कीति नेमिनाथ रास ४४१, १४०५-१४२५ | पद्मनाभ गुणकी ति भट्टा | यशोधर चरित्र.८८ पूर्वाध नेमिचन्द्र ७ | ज्ञानभूषण गो.सा, टीका ४४२ १४०६-१४४२ | सफल कोति ।
सम्यक्त्व को मुलाचार प्रदीप ८६ १५०८
| कन्नड कवि ४४३ पूर्वपाद ब्रह्म साधारण , नरेन्द्र कीति | अणुपेहा १६० १५१३-१५२८ जिनसेन भट्टा ५ | सोमसेन ४४४) १४२२ असवाल अपभ्रश कवि | पासणाह चरिउ६१,१५१४-२६
प्रभाचन्द्र ११ | जिनचन्द्र भट्टा.. ४४५/ १४२४ लक्ष्मण सेन २ रत्नकीति ।
रत्न की ति३ | ललितकीति । भद्रबाहु चरित ४४६१४५४ भास्कर कन्नड कविजीवन्धरचरित ४६२ १५१६-५६ शुभचन्द्र विजयकीर्ति । करकण्ड चरित ४४७ १४२५
लक्ष्मीचन्द ! अपभ्र श कविसावयधम्म दोहा ४१४ १५१८-२८ नेमिदत्त मतिलभूषण । नेमिनाथ पुराण ४४८ १४२६-१४४० यश कीति ६ । गुणकोति जिणरति कहा ४६५ १५१६
शान्तिकोति | कन्नड कवि शान्तिनाथ पुराण ४४६ मध्यपाद सिंहसूरि (श्वे )
लोक विभाग
माणिक्यराज अपभ्रश कवि नागकुमार चरिउ ४५० गुणभद्र ३
ज्ञानभूषण २ पक्खइवयकहा ४६६१५२५-५६
बीरचन्द
कर्मप्रकृति टीका . अपभ्रश कवि ४५१
प्रतिष्ठाचार्य आस्रवत्रिभगीको ४६० १५३० महोन्दु अपभ्रश कवि | सतिणाह चरिउ लाटी भाषाटोका ४६८ १५३५
बूचिराज
म जुज्झ विमलदास अनन्तदेव
४६६१५३८
सालिवाहन | हिन्दी कवि हरिवंशका पं योगदेव अपभ्र श कवि बारस अणुवेक्खा
अनुवाद ४५४ १४३२ प्रभाचन्द्र १० । धर्मचन्द्र
| तत्वार्थ रत्न ५०० १५४२
वर्द्धमान द्वि. देवेन्द्र कीति | दशभक्त्यादि ४५५ १४३६ मलयकोति धर्मकीर्ति मूलाचारप्रशस्ति ५०१ १५४३-१३
पं जिनराज | आयुर्वेद विद्वान् होलो रेणुका ४५६ १४३७ शुभकोति देवकीर्ति सतिणाहचरिउ ५०२ १५४४
चारुकीर्ति पं
प्रमेयरत्नालंकार ४५७ १४३६
कल्याणकीर्ति कन्नड कवि ज्ञानचन्द्राभ्युदय ५०३ १५५० दोड्डैप कन्नड कवि ४५८ १४४२-१४८१ विद्यानन्दि २ देवेन्द्र कोति | सुदर्शनचरित ५०४ १५५० मगराज
खगेन्द्रमणि ४५४१४४२-१४८३ भानुकीर्ति भट्ट. सकल कीर्ति जीवन्धर रास ५०५ १५५०
साल्व
रसरत्नाकर ४६०१४४३-१४५८ तेजपाल अपभ्रश कवि वर गचरिउ
योगदेव
तत्वार्थ सूत्र टी. १४४८ विजय सिंह अजितपुराण ५०७ १५५१ रत्नाकरवर्णी
| भरतैश वैभव ४६२ १४४८-१५१५ तारण स्वामी | उपदेशशुद्धसार ३०८ १५५६-७३
सकल भूषण | शुभचन्द्र भट्टा उपदेश रत्नमाला भीमसेन लक्ष्मण सेन ५०६ १५५६-७३ सुम तिकीति
कर्मकाण्ड ४६४१४५०-१५१४ जिनचन्द्र भट्टा. शुभचन्द्र सिद्धान्तसार ।
गुणचन्द्र यश कीर्ति मौनव्रत कथा ब्रह्म दामोदर | जिनचन्द्रभट्टा सिरिपालचरिउ ५११| १५५६-१६०१
क्षेम चन्द्र ४६५ १४५०-१५१४
कार्तिकेयानुप्रेक्षा धर्मधर नागकुमारचरित
टोका ४६७१४६१-१४८३ सोमकीति भट्टा भीमसेन सप्तव्यसन कथा ५१२७
प. पद्म मन्दर प. पद्ममेरु भविष्यदत्तचरित ४६८ १४६२-१४८४ मेधावी जिनचन्द्र भट्टा धर्मसंग्रहश्रावका १३
ना ४६४१४६८-१४६८ भूवनकीति तत्वज्ञानतर गिनी ५१४ १५१-१९०६ रायमल
अनन्तकी ति विष्यदत्त च ४७० १४८१-१४६४ मल्लिभूषण विद्यानन्दि२ ।
१६.१५५६-१६८०
प्रभाचद्र १२ ज्ञानभूषण १४८१-१४६६ | श्रुतसागर
तत्वार्थवृत्ति
बाहुमलि
| कन्नड कवि नारकुमार च वोम्मरस कन्नड कवि सनत्कुमार चरित ५१४१५७३.६३
गुणकीर्ति सुमतिकीर्ति विजयकी ति ४७३/ १४६५-१५१३ ज्ञानभूषण १
| प.गगदास | शिरोमणि दास १५७५
| धर्मसार ४७४/
हेमचन्द्र भट्टा. १४६६-१५१८ सिहनन्दि | मल्लिभूषण
५१६ १५७५-६३
पं.राजमल
विद्याभूषण ४७५/ १४६६-१५१८ लक्ष्मीचन्द
५२०/ १५७९-१६१६ श्रीभूषण
द्वादशांग पूजा लक्ष्मीचन्द्र
वोरचन्द ४७६] १४६४-१५२८
अपभ्रंश कवि जबूसामि बेलि ५२१/ १५८०
माणिक चन्द
सत्तवसणकहा
कन्नड कवि ४७७
श्रुतसागर | श्रीचन्द १४६६-१५१८
पद्मनाभ १२२ १५८०
राम पुराण वोरचन्द्र ४७८ अन्तिम पाद | महनन्दि
यश कीर्ति पहुड दोहा
क्षेमकीर्ति
| प्रभाचन्द ४७६० श्रुतकीर्ति भुवनकीति । हरिवंश पुराण १२४ १५६०-१६०७ वादिचन्द
पवनदूत दीड्रय्य पाण्डत मुनि भुजबलि चरितम् ५२५ १५८३-१६०५ देवेन्द्र कोति
कथाकोश
ललितकीर्ति ४८१] " जीवन्धर यश कीति गुणस्थान बेलि १२६ १५८८-१६२५ धर्मकीर्ति
| पद्मपुराण
देवकीर्ति ४८२ १५०० श्रीधर कन्नड विद्वान् | वैद्यामृत
२७१५१०-१६४०
विद्यानन्दि ४
| विशालकोति ४८३ १५०० कोटेश्वर | कन्नड कवि जोवन्धरपडपादि|५२८ १५६३
शाहठ कुर
सतिणाह चरिउ
| गुणकीति १७. ईसवो शताब्दी १६ :
५२६ १५९३-१६७५ वादि भूषण ५३०/ १५६६-१६८६
सुन्ददास ४८१ पूर्व पाद । अल्हू अपभ्रश कवि । अणुवेक्खा
चन्द्र कीर्ति श्रीपण
पार्श्वनाथ पुराण सिंहनन्दि ४८५
५३१, १५६७-१६२४ नमस्कार मन्त्र | ५३२/ १५६६-१६१० । सोमसेन
| शब्दरत्न प्रदीप माहात्म्य ।
यश.कीर्ति ७/क्षेमकीर्ति
५१६ १५६०
४७२/
जैनेन्द्र सिमान्त कोश
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