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मागंणा
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नाना जीवापेक्षया गुण | प्रमाण
प्रमाण । जघन्य | अपेक्षा स्थान |१३|
एक जीवापेक्षया प्रमाण
मार्गणा
प्रमाण
प्रमाण ।
उत्कृष्ट
____ अपेक्षा
जघन्य
अपेक्षा
५. वेद मार्गणा :स्रोवेद सा. पुरुषवेद सा.
निरन्तर
:
क्षुद्र भव |८४] १ समय
२ असं. पु. परि.
न. वेदो एकेन्द्रियों में भ्रमण
उपशम श्रेणी से उतरते
:
नपुंसकयेद सा. अपगतवेद उप.
अन्तर्मुहूर्त
१०० सा . कुछ कम अर्ध
। अविवक्षित वेदोमे भ्रमण
क्षुद्रभव में भी न है। उपशमसे उतरकर पुन' आरोहण
पतनका अभाव गुणस्थान परिवर्तन
क्षपक १. स्त्रोवेद
६२
न्तर्मुहर्त
भूलोधवत्
पल्या असं.
मुख ओघवत
।
अन्तर्मुहूर्त
१८३)
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... ! पतन का अभाव न्तर्मु. २९/ज.मु. बेदी मनु. देवियों में जा गुग
स्थान परिवर्तन कर पुन' मनुष्य पत्यशत पृ.-२ समय सासादनकी १समय स्थिति रहनेपर
अन्य वेदी स्त्री वेद सा,में उपजा। च्युत हो स्त्रीवेदियों में भ्रमण । भवान्त में
सासादन हो देवों में जन्म । अंतर्मु. ।, (परन्तु देवियों में जन्म ) - अन्तर्मु. . -(२ मास+दिवस .. (स्त्रीवेदी सामान्य में उत्पन्न करामा) पृ.+२ अंतर्मु) |
वर्ष +३३ अंत... (स्त्रीवेदी मनुभ्यों में उत्पन्न कराना) (८वर्ष + १३ खंत.) -८ वर्ष+१२ बंत) . ..
पतनका अभाव
निरन्तर
१४ १८४]
।
१६
उपशमक
८
।
"
क्षपक
८-
पतनका अभाव
।
- | मूल ओघवत् १८७ १८७
१७ ११०१समय अप्रशस्त वेदमें ११ ।
अधिक नहीं होते। | -- मूलोषवत् ३] समय ,
पक्म/सं.
२. पुरुषवेद
मूलोषपद
१६॥
पत्य/असं. अन्तर्मुहर्त
निरन्तर
२००
१६८
| मूलोघवत् पण्यशत पृ.-२समय | स्त्रीवेदीवत् ( परन्तु देवियों में जन्म) 1-1-4 अन्तर्मु.
-५ .-२मा.दि १९अंत
(वर्ष१०.+६) - वर्ष २१ अंत.) ---(८ वर्ष २७ अंत)
पतनका अभाव
REET उपशमक ८ २०१
मुलोधवत् २०१ ६ २०१॥
२०१ क्षपक (दृष्टि८-६ २०४१ समय खी व नपंसक २०५|
२०३ २०३ (२०६ २०६
पतनका अभाव
साधिक १ २०६ वर्ष मास
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खी व नपं. नहीं। २०५
-
२०६