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पीडा से ' उँह ' आवाज निकालना; कबूतरों खोंस लेना; फुबती चुनना 874 का ‘गुटुर गूं' करना 860
कोंछिया स. दे. 'कोछ' 875 कूँद अ. दे. 'कुन' 861
कोंप अ. ना. भव (कोंपल संज्ञा; सं. कुछमल; कूक अ. अनु. (कुक्क् ; प्रा. कुक्क् ; दे. इआले प्रा. कुप्पल; दें. इआले 3250) पौधौं, वृक्षों
3390) कोयल, मोर आदि का कू-कू शब्द आदि में नये अंकुर फूटना; कोंपल निकलना. करना; सूरीली ध्वनि निकालना; स. चाबी तुल. गुज. कुंपळ, कोंपळ 876 देना 862
कोक स. ना. वि. (कोक संज्ञाः फा. दे. पृ. कूज अ. सम. (सं. कूज् ) मधुर ध्वनि करना. 586. मा. हि. को.) कच्ची सिलाई करना, गुज. कूज 863
लंगर डालना 877 कूट स. भव (सं. कुट्ट, प्रा. कुट्ट; दे. इआले कोच स. देश. (* कोच्च; दे. इआले 3489)
3241 ) मूसल-मुंगरी से किसी चीज़ को कोई नुकीली चीज़ चुभौना. गुज. कोच 878 लगातार पीटना; मारना-पीटना. गुज. कूट 864 कोड़ स, भव (सं. कुद्; दे. इआले 3495 कूत स. ना. देश (कूत संज्ञा) किसी वस्तु का तथा 3934 ) गोड़ना 879 मान, मूल्य या महत्त्व अटकल से आँकना कोप अ. ना. सम (सं. कोप संज्ञा) कोप 865
करना 880 कूथ अ. दे. 'फॅथ ' 866
कोर (1) स. दे. 'कोड़। कूद अ. अर्धसम (सं. कूर्द ; दे. इआले 3412) (2) स. देश. (*कुर; दे. इआले 3530) किसी ऊँचे स्थान से नीचे स्थान की ओर खुदाई करना; चित्रादि करना. गुज. कोर 881 एक बारगी तथा बिना किसी सहारे के उतरना; कोल स. देश. (अ. व्यु. दे. पृ. 108, हि. स. फाँदना. गुज. कूद 867
दे. श.) नुकीली चीज़ से खोदना; अ. कूह स. देश. मारना-पीटना; बुरी तरह से हत्या विह्वल होना 882 करना 868
कोलिया अ. ना. देश. ( कोलिया संज्ञा ) तंग कॅकिया अ. दे. 'किकिया' 869
गली से जाना 883 केन स. दे. 'कीन' 870
कोस स. भव. (स'. कुशू ; दे. इआले 3612)
निंदा करना; गालियों के रूप में शाप देना 884 केरा स. भव (सं. कृ; दे. इआलें 3467)
__ *कोहा अ. ना. भव (कोह संज्ञा; सं. कुधू; सूप में अन्न रखकर उसे हिलाकर बड़े और
प्रा. कुहण विशे; दे. इआले 3599) क्रोध छोटे दाने अलग करना 871
करना; नाराज होना 885 केवट स. ना. भव (केवट संज्ञा; सं. केवते; कौंध अ. ना. देश. ( कौंध संज्ञा; अ. व्यु. दे. पृ. प्रा. केवटूट; दे. पृ. 579, मा. हि. को.)
108हि. दे. श.) बिजली का चमकना 886 नाव खेना; पार उतारना 872
कौआ अ. ना. भव (कौआ संज्ञा; सं. काक संज्ञा; कोंच स. दे. 'कोच' 873
प्रा. काय; दे. इआलें 2993) कौओं की तरह कोंछ स. ना. देश. (काँछ संज्ञा ) कोंछ भरकर काँव-काँव करना; व्यर्थ शोर या हल्ला करना
आँचल के छोरों को कमर में पीछे की ओर 887
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