________________
૨૮
प्रकाश से युक्त करना; अ. प्रकाशित होना गुज. प्रकाश 2837
प्रगट अ. ना. अर्धसम (सं. प्रकट विशे.) प्रकट होना; स. प्रगटाना. गुज. प्रगट 2838
प्रजर अ. अर्धसम (सं. प्रज्वलू ) अच्छी तरह जलना; स. प्रजारना. गुज. प्रजळ 2839 प्रज्वल अ. सम (सं. प्र + ज्वल) प्रज्वलित करना गुज. प्रजळ 2840
*प्रतोष स. अर्धसम ( स करना; समझाना - बुझाना 2841
प्र + तो धू) संतुष्ट
* प्रन अ. देश. प्रणाम करना 2842 प्रनम अ. अर्धसम ( स प्र + नम् ) प्रणाम करना गुज. प्रणम 2843
2845
प्रफुल अ. अर्धसम (सं. प्रफुल्ल विशे. ) फूलना गुज. प्रफुल्ल 2844 प्रबिस अ. दे. 'प्रविस प्रबोध स. सम (सं. प्र + बुध् ) जगाना, समझाना - बुझाना. गुज. प्रबोध 2846 प्रमण स. सम. (सं. प्र + भण्) कहना 2847 प्रभास अ. सम (सं. प्र + भास् ) प्रकाशित होना, चमकना; स. प्रकाशित करना 2848 प्रमाण स. दे. 'प्रमान 2849 प्रमान स. ना. अर्धसम (सं. प्रमाण संज्ञा ) प्रमाणित करना, ठहराना गुज. प्रमाण 2850 * प्रमोध सं. दे. 'प्रबोध' 2851
* प्रवेश अ. ना. सम ( सं . प्रवेश संज्ञा ) प्रवेश करना. गुज. प्रवेश 2852
* प्रशंस स. ना. सम (स. प्रशंसा संज्ञा ) प्रशंसा करना, सराहना तुल गुज प्रशंसा संज्ञा 2853
*प्रसंस स. दे. 'प्रशंस 2854
* प्रसव स. ना. सम (सं. प्रसव संज्ञा) प्रसव
Jain Education International
प्रगट
करना; अ. प्रसव होना. तुल. गुज. प्रसव संज्ञा
2855
* प्रसार स. सम (सं. प्र + सृ) प्रसारण करना; फैलाना. गुज. प्रसार 2856
प्रहरख अ. ना. अर्धसम (सं. प्रहर्षण संज्ञा ) हर्षित होना 2857
* प्रहार स. ना. सम (सं. प्रहार संज्ञा ) प्रहार करना. तुल. गुज प्रहार संज्ञा 2858
प्राप अ. ना. सम (सं. प्रापण संज्ञा ) प्राप्त होना; स. प्राप्त करना. गुज. पाम 2859 प्रास स. ना. अर्धसम (सं. प्राशन संज्ञा ) खाना, चाटना 2860
फंद अ. ना. वि. फंद संज्ञा फा) फंदे में फँसना, मुग्ध होना; स. फंदा बिछाना तुल. गुज. फंदा संज्ञा 2861
फंफा अ. अनु. (दे. पृ. 1, मा. हि. को - 4 ) बोलने में हकलाना; दूध में उबाल आना 2862
फँस अ. दे. 'फॉस' फँदे में पड़ना; उलझना. गुज. फसा 2863
फगुआ स. ना. ( फगुआ संज्ञा, सं फल्गुः प्रा. फग्गु दे. इआले 9062) फागुन में किसीके ऊपर रंग छोड़ना या उसे सुनाकर अश्लील गीत गाना; अ. फागुन में इतना उच्छृंखल होना कि सभ्यता का ध्यान न रह जाय. तुल. गुज. फाग संज्ञा 2864
फट अ. भव (स. स्फटू: प्रा. फट्ट दे. इआलें 13825) किसी प्रकार के दबाव या आघात से किसी वस्तु का खंडो में विभक्त होना. गुज.
फाट 2865
फटक स. अनु देश (*फट्ट दे. इआले 9038) झाड़ना; सूप आदि के द्वारा अन्न आदि साफ करना. गुज. फटक 'झाड़ना' 2866
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org